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लीन और मोटापे वाले PCOS में क्या अंतर है? डॉक्टर से जानें

PCOS की समस्या महिलाओं में काफी ज्यादा बढ़ गई है। लेकिन, PCOS सिर्फ ज्यादा वजन वाली महिलाओं में ही नहीं, बल्कि पतली महिलाओं में भी होता है। आइए जानते हैं लीन और मोटापे वाले पीसीओएस में क्या अंतर है? 
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लीन और मोटापे वाले PCOS में क्या अंतर है? डॉक्टर से जानें


आज के समय में खराब लाइफस्टाइल, अनहेल्दी डाइट, शारीरिक गतिविधियों की कमी और बढ़ते तनाव के कारण महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान समय में कई महिलाएं पीसीओएस की समस्या से पीड़ित हैं। पीसीओएस की समस्या होने पर महिलाओं में अनियमित पीरियड्स, शरीर और चेहरे पर बाल उगना, और इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। पीसीओएस को अक्सर लोग मोटापे से जोड़ते हैं, लेकिन आपको बात दें कि कुछ महिलाएं जिनका वजन कम होता है, उन्हें भी पीसीओेस की समस्या हो सकती है, जिसे लीन पीसीओएस के रूप में जाना जाता है। आज के इस लेख में हम होम आईवीएफ (Home IVF) की संस्थापक और सीड्स ऑफ इनोसेंस की फर्टिलिटी और IVF स्पेशलिस्ट डॉ. गौरी अग्रवाल (Dr. Gauri Agarwal, Founder of Home IVF, Fertility and IVF Specialist at Seeds of Innocence) से जानते हैं कि लीन पीसीओएस और मोटापे वाला पीसीओएस में क्या अंतर है?

लीन पीसीओएस क्या होता है? - What Is Lean PCOS in Hindi?

लीन पीसीओएस को दुबली पीसीओएस के रूप में भी जाना जाता है, जो एक तरह का पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है। लीन पीसीओएस इन महिलाओं में होता है, जिसका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) नॉर्मल होता है या कम होता है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें PCOS की समस्या होती है। इस कारण उन्हें अनियमित पीरियड साइकिल, चेहरे पर बाल आना, एक्ने और शरीर में दर्द होने की समस्या हो सकती है। लीन पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में इसकी पहचान करने में अक्सर देरी हो जाती है, क्योंकि लोगों के अनुसार PCOS से पीड़ित महिलाओं का वजन बढ़ता है।

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मोटा करने वाला PCOS क्या है? - What is PCOS Fat in Hindi?

ओबेज पीसीओएस का मतलब है कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित महिलाओं में मोटापा होना। आमतौर पर PCOS से पीड़ित अधिकतर महिलाओं में ये एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य और मोटापे से जुड़ा है। ओबेज पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं का BMI ज्यादा होता है।

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पतले और मोटे PCOS में अंतर - difference between lean PCOS and obese PCOS in hindi

  • मोटापे वाले पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में इंसुलिन रेजिस्टेंस और हाई फास्टिंग इंसुलिन का जोखिम लीन पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है।
  • मोटापे वाले PCOS में टेस्टोस्टेरोन का स्तर और हाइपरएंड्रोजेनिज्म के लक्षणों जैसे चेहरे या शरीर पर बाल आना, पीरियड साइकिल में गड़बड़ी जैसी समस्या लीन पीसीओएस की तुलना में ज्यादा होता है।
  • मोटापे वाले पीसीओएस में टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया जैसी समस्याओं का जोखिम लीन पीसीओएस की तुलना में ज्यादा होता है।
  • मोटापे से पीड़ित पीसीओएस वाली महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या लीन पीसीओएस वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है।

निष्कर्ष

PCOS से पीड़ित अधिकतर महिलाओं में मोटापे की समस्या सबसे ज्यादा रहती है। इस कारण, जिन महिलाओं को पतला होने वाला पीसीओएस होता है, उनके लिए इसके लक्षणों को पहचान पाना मुश्किल हो सकता है, जिस कारण ये आपकी स्थिति को ज्यादा बिगाड़ सकता है और इलाज में देरी का कारण बन सकता है।
Image Credit: Freepik

FAQ

  • पीसीओएस के लक्षण कब शुरू होते हैं?

    पीसीओएस के लक्षणों में आमतौर पर पीरियड्स शुरू होने से पहले या बाद में नजर आ सकते हैं। इतना ही नहीं कुछ महिलाओं में 20s की शुरुआत में ही इसके लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसमें अनियमित पीरियड्स, मोटापा और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं शामिल हैं।
  • पीसीओएस में तेजी से वजन कैसे कम करें?

    पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए वजन कम करने सबसे बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में आप अपने वजन को कम करने के लिए संतुलित आहार, शारीरिक गतिविधियां और एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो कर सकते हैं। इसके साथ ही उन खाद्य पदार्थों से बचें, जो आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।
  • पीसीओएस होने से क्या होता है?

    पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा पीसीओएस के कारण महिलाओं को अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें डायबिटीज, दिल से जुड़ी बीमारी और गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं।

 

 

 

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