Womb Damage Symptoms After Abortion In Hindi: किसी भी महिला के लिए एबॉर्शन जैसी घटना बहुत दुखद और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाली होती है। इसके बावजूद, हम सच्चाई को झुठला नहीं सकते हैं कि कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं कि महिला को एबॉर्शन करवाना पड़ता है। जैसे अगर महिला को हाइपरटेंशन, हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी घातक बीमारियां हैं। ऐसे में प्रेग्नेंसी महिला के हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है और कुछ मामलों में जानलेवा भी साबित हो सकती है। बहरहाल, एबॉर्शन के बाद कई महिलाओं को अलग-अलग तरह की हेल्थ प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। मगर क्या आपको पता है कि कुछ मामलों में एबॉर्शन के बाद गर्भाशय डैमेज भी हो सकता है? जी, हां यह सच है। इसलिए, एबॉशर्न से जुड़े इस तथ्य के बारे में हर महिला को पता होना चाहिए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर एबॉर्शन के बाद गर्भाशय डैमेज होने पर किस तरह के लक्षण नजर आते हैं। इस बारे में हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। (Abortion Ke Baad Uterus Damage Ke Lakshan)-
एबॉर्शन के बाद गर्भाशय डैमेज क्यों होता है?- What Causes Womb Damage After Abortion In Hindi
आमतौर पर सभी डॉक्टर इसको लेकर बहुत कॉन्शस रहते हैं और पूरी सावधानी बरतते हैं, ताकि एबॉर्शन प्रक्रिया सही तरह से हो जाए और महिला को गर्भाशय से संबंधित कोई दिक्कत न हो। लेकिन, कुछ मामलों में देखा जा सकता है कि अगर एबॉर्शन के बाद महिला को इंफेक्शन हो जाता है या यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो महिला का गर्भाशय डैमेज हो सकता है। बहुत रेयर मामलों में यह भी देखा जा सकता है कि एबॉर्शन प्रक्रिया के दौरान यूटराइन वॉल में चोट लगने के कारण भी गर्भाशय डैमेज होने का रिस्क रहता है।
एबॉर्शन के बाद गर्भाशय डैमेज होने के लक्षण- Signs Of Womb Damage After Abortion In Hindi
हैवी ब्लीडिंग होना
एबॉर्शन के बाद कुछ समय के लिए ब्लीडिंग होना पूरी तरह से नॉर्मल होता है। यह ब्लीडिंग अपने आप रुक जाती है। लेकिन, अगर महिला को एबॉर्शन के बाद बहुत ज्यादा यानी हैवी ब्लीडिंग हो रही है, तो उन्हें इसे लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए। सवाल है, कितनी ब्लीडिंग को हैवी माना जाना चाहिए? डॉक्टर की मानें, तो अगर ब्लीडिंग के साथ-साथ रक्त के थक्के भी निकल रहे हैं और हर घंटे पैड बदलने की जरूरत पड़ रही है, तो इसे आप हैवी ब्लीडिंग मानें। यह संकेत सही नहीं है।
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पेट के निचले हिस्से में दर्द
एबॉर्शन के बाद कुछ समय तक पेट के निचले हिस्से में भी दर्द बना रहना सामान्य होता है। लेकिन, डॉक्टर द्वारा दी गई दवा लेने के बावजूद पेट दर्द और क्रैंपिंग में कमी नहीं आ रही है, तो इसकी अनदेखी न करें। ध्यान दें कि यह पेट दर्द लगातार बना रहता है और वक्त के साथ-साथ यह दर्द बढ़ता जाता है। इसमें जरा भी कमी नहीं आती है। इस लक्षण को जरा भी हल्के में न लें। यह गर्भाशय के नष्ट होने का एक संकेत है।
बुखार आना
एबॉर्शन के बाद शरीर कमजोर हो जाता है, जिससे थकान बनी रहती है। इस दौरान रिकवरी के लिए महिला को बेड रेस्ट की जरूरत होती है। लेकिन, अगर एबॉर्शन प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिला को बुखार आने लगता है और बुखार दिनों दिन बढ़ता जाता है, तो यह गर्भाशय में संक्रमण के फैलने की निशानी होता है। यह गर्भाशय के डैमेज होने की ओर भी इशारा करता है। इस तरह के लक्षण दिखते ही डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं।
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डिस्चार्ज से गंध आना
एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग और डिस्चार्ज होते हैं। महिलाओं में इस दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो डिस्चार्ज का मुख्य कारण बनते हैं। लेकिन, अगर डिस्चार्ज से तीव्र गंध आने लगे, तो भी यह संक्रमण फैलने की ओर इशारा करता हे। याद रखें कि एबॉशर्न के बाद गर्भाशय में संक्रमण नहीं होना चाहिए। संक्रमण के बने रहने के कारण महिलाओं का गर्भाशय नष्ट हो सकता है। इसलिए, समय पर इलाज की बहुत जरूरत होती है।
पेल्विक पेन होना
एबॉर्शन के बाद पेट के निचले हिस्से में दर्द, क्रैंपिंग जैसी दिक्कतें होती हैं। कभी-कभी पेल्विक एरिया में भी दर्द का अहसास होता है। अगर यह दर्द बढ़ जाता है और असहनीय हो जाता है, तो इसे भी आप गर्भाशय के नष्ट होने का संकेत समझ सकती हैं।
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FAQ
गर्भपात के बाद गर्भाशय में संक्रमण के लक्षण क्या हैं?
एबॉर्शन के बाद गर्भाशय में संक्रमण होने का रिस्क रहता है। आमतौर पर एबॉर्शन के 24 से 48 घंटे के अंदर ही इंफेक्शन के लक्षण नजर आने लगते हैं। इनके संकेतों की बात करें, तो इसमें बुखार आना, वजाइनल डिस्चार्ज, हार्ट रेट बढ़ना और हैवी ब्लीडिंग होना शामिल है।मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा गर्भपात अधूरा है?
अगर एबॉर्शन के बाद पेल्विक एरिया में दर्द, पेट में क्रैंपिंग बनी हुई और बुखार भी आ गया है, तो यह सही संकेत नहीं है। इससे इनकंप्लीट एबॉर्शन की ओर इशारा करता है।गर्भपात के बाद गर्भाशय को मजबूत कैसे करें?
गर्भपात के बाद कुछ समय के लिए महिलाओं को पूरी तरह बेडरेस्ट करना चाहिए। इस दौरान महिलाओं की बॉडी पूरी तरह से कमजोर हो जाती है और शारीरिक गतिविधियां करने में उन्हें दिक्कतें आ सकती हैं। कुछ समय रेस्ट करने के बाद महिलाओं को डॉक्टर की सलाह पर अपने गर्भाशय को मजबूत करने के लिए फोलिक एसिड, आयरन और विटामिन डी जैसे जरूरी पोषक तत्वों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए। जरूरी हो, तो आप सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।