Does Abortion Affect Fertility In Hindi: किसी भी महिला के एबॉर्शन करवाना आसान नहीं होता है। लेकिन फिर भी कई परिस्थितियों में एबॉर्शन करवाने की जरूरत पड़ जाती है। जैसे प्रेग्नेंसी में जटिलताएं, प्रेग्नेंट महिला का खराब स्वास्थ्य आदि। याद रखें कि एबॉर्शन एक मेडिकल प्रोसीजर है, जिसे डॉक्टर्स ही अंजाम देते हैं। आमतौर पर एबॉर्शन के बाद महिलाएं सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकती हैं। यहां तक कि जब महिला मेंटली-फिजीकली तैयार हो, वह दोबारा कंसीव भी कर सकती हैं। हालांकि, कुछ दुर्लभ मामलों में यह देखा गया है कि एबॉर्शन का नेगेटिव असर महिलाओं की फर्टिलिटी पर पड़ता है। जी, हां! यह सच है। अगर एबॉर्शन के बाद यूट्रस में संक्रमण हो जाए या जख्म हो जाए, जिसकी लंबे समय तक अनदेखी की जाए, तो महिला को इंफर्टिलिटी की दिक्कत हो सकती है। लेकिन, शरीर इसके संकेत एबॉर्शन के बाद से ही देने लगता है। इसलिए, जरूरी है कि महिलाएं इनकी अनदेखी न करें। आइए, जानते हैं एबॉर्शन के बाद नजर आने वाले संकेत, जो इंफर्टिलिटी की ओर इशारा करते हैं। इस बारे में हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
एबॉर्शन के बाद इंफर्टिलिटी के संकेत- Symptoms Of Infertility After Abortion In Hindi
अनियमित पीरियड्स होना
एबॉर्शन के बाद महिलाओं को जब पीरियड्स होने लगे, तो उन्हें इसकी नियमितता को नोटिस करना चाहिए। इसका मतलब है कि उन्हें देखना चाहिए कि क्या उन्हें रेगुलर पीरियड्स हो रहे हैं? पीरियड्स हो भी रहे हैं या नहीं? इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। डॉक्टरों की मानें, तो एबॉर्शन के बाद पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग फ्लो कैसा है, क्या कम फ्लो है या ज्यादा है। इस तरह की बातों पर गौर करना आवश्यक होता है। ब्लड फ्लो से भी यह जाना जा सकता है कि महिला को इंफर्टिलिटी की दिक्क्त तो नहीं हो रही है।
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पीरियड्स के दौरान तीव्र दर्द होना
पीरियड्स के दौरान पेट में क्रैंप्स होना, मूड चेंजेस होना सामान्य होता है। लेकिन, अगर एबॉर्शन के बाद आपका पेट दर्द तीव्र हो जाए, जो सहन न हो। ऐसी में जरूरी है कि आप अपनी स्थिति की अनदेखी न करें। यह एबॉर्शन के बाद इंफर्टिलिटी की ओर इशारा कर सकता है। हालांकि, एबॉर्शन के बाद तीव्र पेट दर्द एंडोमेट्रियोसिस और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का संकेत हो सकता है। ध्यान रखें कि ये समस्याएं इंफर्टिलिटी का कारण बन सकते हैं।
योनि से असामान्य स्राव
अगर एबॉर्शन के बाद महिलाओं को योनि से असामान्य स्राव हो रहा है, तो इसकी भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। हालांकि, जरूरी नहीं है कि यह आपकी इंफर्टिलिटी का ही संकेत हो। यह संक्रमण और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की ओर इशारा कर सकता है। अगर इस तरह की कंडीशन का प्रॉपर ट्रीटमेंट न किया जाए, तो इंफर्टिलिटी का रिस्क बढ़ जाता है।
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कंसीव करने में दिक्कतें
वैसे तो महिलाओं को एबॉर्शन के बाद कंसीव करने के लिए कम से कम 6 महीने तक का इंतजार करना चाहिए। लेकिन, अगर एबॉर्शन के बाद महिलाओं को कंसीव करने में दिक्क्त आती है, तो उन्हें इसको लेकर सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि कंसीव न कर पाना, अपने आप में एक गंभीर समस्या है। इससे यह भी पता चलता है कि महिलाओं को गर्भाशय या फर्टिलिटी से संबंधित कोई समस्या हो रही है। जल्द से जल्द इसका ट्रीटमेंट करने की जरूरत है।
बार-बार मिसकैरेज होना
अगर एबॉर्शन होने के बाद महिला कंसीव कर लेती है, लेकिन बार-बार मिसकैरेज हो जाता है, तो यह भी सही संकेत नहीं है। बार-बार मिसकैरेज होने का मतलब है कि महिला को किसी न किसी तरह की मेडिकल कंडीशन है या असामान्यता है। इसका ट्रीटमेंट किया जाना जरूरी है। इस तरह की स्थिति की अनदेखी करने से इंफर्टिलिटी का रिस्क बढ़ जाता है।
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Oct 05, 2025 12:05 IST
Published By : Meera Tagore