Signs Of Too Much Collagen In Hindi: कोलेजन एक तरह का प्रोटीन होता है, जो बहुत ज्यादा मात्रा में हमारी बॉडी में पाया जाता है। हमारे शरीर में जितना प्रोटीन होता है, उसका करीब 30 फीसदी कोलेजन होता है। कोलेजन हमारी स्किन, मसल्स, हड्डियों आदि के प्राइमरी बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं। अगर हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में कोलेजन न हो, तो कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, नाखूनों का टूटना, बालों का कमजोर होकर झड़ना आदि। कोलेजन कई प्रकार के होते है। शरीर में कई तरह के कोलेजन होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पाया जाता है। शरीर में कोलेजन की कमी न हो, इसके लिए एनिमल प्रोडक्ट्स अच्छे विकल्प होते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जिस तरह कोलेजन की मात्रा में कमी आ सकती है, उसी तरह कोलेजन की मात्रा बढ़ भी सकती है। कोलेजन की मात्रा बढ़ने से भी कई तरह शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे जोड़ों में दर्द और इंटरनल ऑर्गन का प्रभावित होना। खैर, इस लेख में हम जानेंगे कि कोलेजन की मात्रा बढ़ने पर किस तरह के संकेत नजर आते हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने राजौरी गार्डन स्थित कॉस्मेटिक स्किन क्लिनिक की कॉस्मेटोलॉजिस्ट और त्वचा रोग विशेषज्ञ, डॉ. करुणा मल्होत्रा से बात की।
कोलेजन की मात्रा बढ़ने के संकेत- Signs Of Excess Collagen In Hindi
स्किन प्रॉब्लम
पर्याप्त मात्रा में कोलेजन होने पर स्किन शाइनिंग और ग्लोइंग होती है। वहीं, अगर स्किन शरीर में कोलेजन का स्तर बढ़ जाता है, तो स्किन पर इसके नेगेटिव असर पड़ता है। जैसे कोलेजन बढ़ने के कारण स्किन ज्यादा डार्क हो जाती है और स्किन कॉम्प्लेक्शन भी लाइटर हो जाता है। इसके शुरुआती संकेतों की बात करें, तो कोलेजन बढ़ने पर त्वचा में सूजन आ जाती है और खुजली होने लगती है।
इसे भी पढ़ें: क्या ज्यादा मीठा खाने से त्वचा में कोलेजन कम होता है? एक्सपर्ट से जानें
जोड़ों में दर्द
जब शरीर में कोलेजन की मात्रा बढ़ जाती है, तो इसकी वजह से जोड़ों में दर्द होने लगता है, अकड़न आ जाती है। यहां तक कि कोलेजन की मात्रा बढ़ने पर हड्डियों में अकड़न होने लगती है। ऐसा खासकर, उंगलियों, पैरों और हाथों में हो सकता है। कई बार मरीज अपनी कंडीशन को समझ नहीं पाता है और इसे अर्थराइटिस या अन्य हड्डियों से जुड़ी समस्याओं से जोड़ने लगता है।
इंटरनल ऑर्गन पर असर
कोलेजन की मात्रा बढ़ने से इंटरनल ऑर्ग पर बुरा असर पड़ सकता है। खासकर, जब कोलेजन बढ़ता है, तो व्यक्ति को निगलने में दिक्कत आती है, सीने में जलन हो सकती है, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यहां तक कि कोलेजन बढ़ने के कारण किडनी से संबंधित समस्या भी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: स्किन में कोलेजन की मात्रा बढ़ाने के लिए जरूरी हैं ये 6 पोषक तत्व, जानें इनके स्रोत
पाचन संबंधी परेशानी
जब कोलेजन प्रोडक्शन बढ़ जाता है, तो इस स्थिति में हार्ट बर्न, ब्लोटिंग जैसी दिक्कतें आती हैं। असल में, जब डाइजेस्टिव ट्रैक्ट और एसोफेगस में कोलेजन की मात्रा बढ़ती है, तब पाचन संबंधी समस्याएं ट्रिगर हो सकती हैं। हालांकि, ज्यादा पाचन समस्या को एक आम परेशानी मानकर इग्नोर कर देते हैं। जबकि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।
सांस लेने में तकलीफ
शायद आपको हैरानी हो कि कोलेजन एक्सेस में होने की वजह से व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत आ सकती है। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? दरअसल, कोलेजन के ओवर प्रोडक्शन के कारण लंग में स्कार हो जाता है। इसकी वजह से खांसी, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यहां तक कि अगर लंग अधिक प्रभावित हो जाए, तो सीने में जकड़न जैसा भी महसूस हो सकता है।
FAQ
कोलेजन बढ़ने से क्या होता है?
कोलेजन बढ़ने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। कोलेजन स्किन सेल्स को अट्रैक्ट करता है, जिससे स्किन ग्लोइंग होती है। वहीं, कोलेजन के ओवर प्रोडक्शन की वजह से घाव को भरने में समय लगता है। यहां तक कि अगर कोलेजन बढ़ जाए, तो इसका बुरा असर ओवर ऑल बॉडी और इंटरनल ऑर्गन पर पड़ सकता है।मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं बहुत ज्यादा कोलेजन ले रहा हूं?
कोलेजन बढ़ने पर ब्लोटिंग, दस्त, एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है। यहा तक कि लिवर और किडनी से जुडी प्रॉब्लम भी हो सकती है।चेहरे में कोलेजन उत्पादन कैसे बढ़ाएं?
कोलेजन बूस्ट करने के लिए डाइट में बादाम, काजू, अखरोट जैसी चीजें शामिल करें। सभी नट्स में प्रोटीन, विटामिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसी हेल्दी चीजें होती हैं। इससे कोलेजन प्रोडक्शन बढ़ सकता है।