
Causes Of Collagen Deficiency In Hindi: कोलेजन एक तरह का प्रोटीन है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। हमारे शरीर में कोलेजन का स्तर बैलेंस्ड होना चाहिए। इससे स्किन ग्लोइंग होती है, हड्डियां मजबूत होती हैं और जोड़ों की दिक्कतें भी कम होती हैं। कोलेजन की कमी को पूरा करने के लिए कोलेजन युक्त डाइट फॉलो किया जा सकता है। कोलेजन के लिए आप मछली, सिट्रस फ्रूट, मछलियां, दाल और एग व्हाहट जैसी चीजों को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। बहरहाल, इसके बावजूद कई बार शरीर में कोलेजन की कमी हो जाती है। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? आइए, जानते हैं शरीर में कोलेजन की कमी के कारण क्या कारण हो सकते हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने फरीदाबाद स्थित सर्वोदय हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट -स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. श्रुति कोहली से बात की। (Collagen Ki Kami Ke Karan)
कोलेजन की कमी के कारण- What Causes Collagen Deficiency In Hindi
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बढ़ती उम्र
कोलेजन की कमी का मुख्य कारण बढ़ती उम्र है। असल में, यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ध्यान रखें कि एक उम्र के बाद कोलेजन प्रोडक्शन धीमा हो जाता है। खासकर, 60 साल की उम्र के बाद कोलेजन तेजी से ब्रेकडाउन होता है और उसकी क्वालिटी पर भी असर पड़ता है। वहीं, कई महिलाओं में मेनोपॉज के बाद इसका नेगेटिव असर पड़ता है।
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लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें
जो लोग स्मोकिंग, शराब का सेवन, खराब डाइट आदि फॉलो करते हैं, उनमें भी कोलेजन की कमी होने लगती है। इसका साफ-साफ असर उनकी स्किन पर नजर आने लगता है। असल में, ये तमाम बुरी आदतें स्किन इलास्टिसिटी पर असर डालती है और यह कोलेजन की कमी का एक लक्षण है। ध्यान रखें कि डाइट का कोलेजन प्रोडक्शन पर गहरा असर पड़ता है। कोलेजन की पर्याप्त मात्रा बैलेंस करने के लिए आवश्यक है कि डाइट में विटामिन-सी, जिंक और कुछ प्रकार के एमिनो एसिड शामिल करने चाहिए।
सन एक्सपोजर
कोलेजन की कमी का एक कारण सन एक्सपोजर है। जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा समय धूप के संपर्क में बिताता है, तो इससे न सिर्फ स्किन डल हो जाती है, समय से पहले रिंकल्स आ जाते हैं और झाइयां भी नजर आने लगती हैं। ऐसा कोलेजन के प्रोडक्शन में आई कमी के कारण् होता है। वास्तव में अल्ट्रा वायलेट रेज कोलेजन प्रोडक्शन को डैमेज कर देती है।
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मेडिकल कंडीशंस
कई मामलों में कोलेजन प्रोडक्शन को प्रभावित करने के पीछे मेडिकल कंडीशंस भी शामिल हैं। इसमें ऑटोइम्यून डिजीज, जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस, ल्यूपस। इस तरह की बीमारियों में कोलेजन प्रोडक्शन अपने आप धीमा हो जाता है और इसकी क्वालिटी भी प्रभावित होने लगती है। यहां तक कि जेनेटिक म्यूटेशन और विटामिन-सी डेफिशिएंसी भी इसका कारण हो सकते हैं।
अन्य कारक
कुछ मामलों में यह भी देखने को मिलता है कि जो व्यक्ति बहुत ज्यादा तनाव लेता है, उनमें भी कोलेजन प्रोडक्शन कम हो जाता है। हालांकि, तनाव सीधे-सीधे किसी भी तरह के फिजिकल इश्यूज के लिए जिम्मेदार नहीं होता है। हां, इसकी वजह से बॉडी में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ता है। ऐसे में कोलेजन प्रोडक्शन भी प्रभावित होता है, जिसका प्रभाव स्किन पर देखने को मिलता है।
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FAQ
कोलेजन की कमी के क्या लक्षण हैं?
कोलेजन की कमी होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, नाखून का टूटना, हेयर फॉल और स्किन पर रिंकल्स आना। यहां तक कि कोलेजन कमी होने पर स्किन इलास्टिसिटी कम हो जाती है और डाइजेशन पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे कोलेजन की कमी है?
कोलेजन की कमी होने पर आपको कई परेशानियां होने लगती है, जैसे हेयर फॉल ज्वाइंट पेन। यहां तक कि ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्याएं भी कोलेजन की कमी के कारण हो सकता है।कोलेजन लेवल कैसे बढ़ाएं?
कोलेजन बढ़ाने के लिए विटामिन सी युक्त चीजें जैसे संतरा, अनार, अंगूर, अनानास, आदि चीजें शामिल करें।
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