Who Are At The Higher Risk Of Pelvic Inflammatory Disease In Hindi: पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) महिला प्रजनन अंगों में होने वाला एक तरह संक्रमण या इंफेक्शन है। जब सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बैक्टीरिया योनि से होते हुए गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या ओवरीज तक फैल जाते हैं, तभी यह समस्या होती है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic Inflammatory Disease) कितनी गंभीर समस्या है। असल में, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और ओवरीज यानि सभी प्रजनन अंगों में एक या उससे ज्यादा संक्रमण हो सकता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में इंफेक्टेड फ्लूइड जमा हो सकता है, जिससे भविष्य में महिला के लिए कंसीव करना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि महिला के लिए यह कंडीशन स्थाई समस्या बन सकती है। ऐसे में यह जान लेना आवश्यक है कि इस बीमारी का रिस्क किन महिलाओं को ज्यादा रहता है। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण- Symptoms Of Pelvic Inflammatory Disease In Hindi
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर महिला को पेल्विक एरिया में हल्का दर्द शुरू हो सकता है, जो कि धीरे-धीरे तीव्र होता जाता है।
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने के कारण वजाइनल डिसचार्ज यानी योनि से बहुत ज्यादा स्राव हो सकता है। वजाइनल डिसचार्ज से गंदी महक भी आ सकती है।
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण सेक्स के दौरान या सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने की समस्या भी देखी जा सकती है।
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की वजह से अक्सर महिला को सेक्स के दौरान काफी दर्द महसूस होता है।
- जिन महिलाओं को पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज हो, उन्हें कंपकंपनी के साथ-साथ बुखार भी हो सकता है।
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर महिलाओं को बार-बार पेशाब आ सकता है और यूरिन पास करने के दौरान काफी दर्द भी होता है।
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पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का खतरा किसे ज्यादा है- Who Is Most At Risk For Pelvic Inflammatory Disease In Hindi
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का रिस्क कई तरह की महिलाओं को बहुत ज्यादा हो सकता है, जैसे-
- 25 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं, जो सेक्सुअली एक्टिव हैं, उन्हें पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का रिस्क ज्यादा होता है।
- जो महिलाएं मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्स करती हैं।
- ऐसे किसी व्यक्ति के साथ सेक्सुअल रिश्ते होना, जिसके मल्टीपल सेक्सुअल रिलेशनशिप हैं।
- अगर पहले से ही किसी को पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज हुआ है, तो उन्हें भी यह बीमारी दोबारा होने का रिस्क अधिक रहता है।
- अगर किसी महिला का सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का इतिहास रहा हो, तो उन्हें भी पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज हो सकता है।
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पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से कैसे करें बचाव- Prevention For Pelvic Inflammatory Disease In Hindi
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के रिस्क को कम किया जा सकता है। इसके लिए आपको निम्न उपाय आजमाने होंगे-
- हमेशा सेफ सेक्स करें। कहने का मतलब है कि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का रिस्क कम करने के लिए हमेशा कंडोम के साथ सेक्स करें।
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के रिस्क को कम करने के लिए जरूरी है कि आप अपने सेक्सुअल पार्टनर की सेक्स हिस्ट्री जानें।
- समय-समय पर अपना टेस्ट करवाते रहें। अगर एसटीआई का रिस्क है, तो डॉक्टर से तुरंत अपाइंटमेंट लें और अपनी जांच करवाएं।
- अपने साथ-साथ अपने पार्टनर का भी समय-समय पर टेस्ट करवाते रहें।
- महिलाओं को योनि की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। लेकिन, साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए। साबुन लगाने की वजह से योनि का पीएच लेवल बिगड़ सकता है। इसके अलावा, साबुन बैड बैक्टीरिया के साथ-साथ गुड बैक्टीरिया को भी खत्म कर देता है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
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