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Khushkhabri With IVF: क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद क्या पेल्विक इंफेक्शन हो सकता है? डॉक्टर से जानें

Khushkhabri with IVF: आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद महिलाओं को कई तरह के इंफेक्शन होने का जोखिम रहता है। इस लेख में डॉक्टर से जानते हैं कि क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद पेल्विक फ्लोर इंफेक्शन हो सकता है?
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Khushkhabri With IVF: क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद क्या पेल्विक इंफेक्शन हो सकता है? डॉक्टर से जानें


Khushkhabri with IVF: कुछ कपल्स के घर में सालों बाद भी बच्चों की किलकारियां नहीं गूंजती हैं। इस स्थिति में कपल्स को सोशल प्रेशर का सामना करना पड़ता है। हर व्यक्ति उनसे मिलने के बाद एक ही विषय पर बात करता है, जिससे उन्हें खुद भी घर में बच्चों की कमी महसूस होने लगती हैं। महिलाओं के द्वारा गर्भधारण करने में देरी या न कर पाने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके लिए केवल महिला को ही जिम्मेदार मानना गलत होगा, पुरुष भी गर्भधारण न करने के लिए उतने ही जिम्मेदार होते हैं। कंसीव करने के लिए महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन स्वास्थ्य बेहतर होना चाहिए।कई वर्षों के प्रयास और मेडिकल इलाज के बाद भी गर्भधारण करने में परेशानी होने पर डॉक्टर कल्पस को आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने की सलाद देते हैं। लेकिन, ज्यादातर कपल्स आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने में घबराते हैं। ऐसे लोगों को आईवीएफ की सटिक जानकारी प्रदान करने के लिए ओनलीमायहेल्थ की टीम ने Khushkhabri with IVF सीरीज को शुरू किया है। इस सीरीज में आईवीएफ के सीनियर कंसल्टेंट और विशेषज्ञों द्वारा आईवीएफ प्रक्रिया से जुड़ी सभी प्रश्नों को आसान भाषा में देने का प्रयास किया जाता है।

आईवीएफ की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं। हर चरण की सफलता दूसरे चरण से जुड़ी होती है। आईवीएफ एक आसान प्रक्रिया है, जिसको अपनाकर देश के लाखों कपल्स गर्भधारण कर पाए हैं। साथ ही, वह माता-पिता बनने के सपने को साकार कर पाए हैं। आज की सीरीज में यशोदा फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर कड़कड़डूमा की इन्फ़र्टिलिटी और आईवीएफ कंसलटेंट डॉ. स्नेहा मिश्रा से जानते हैं कि क्या आईवीएफ प्रक्रिया के बाद पेल्विक फ्लोर इंफेक्शन हो सकता है? साथ ही, इस इंफेक्शन से कैसे बचाव किया जा सकता है।

महिलाओं में पेल्विक इंफेक्शन क्यों होता है? - Pelvic Infection In Women In Hindi

जिन महिलाओं के प्रजनन अंगों जैसे गर्भाशय, ओवरी, फैलोपियन ट्यूब में बैक्टीरिय या अन्य सूक्ष्मजीवों का संक्रमण होता है, तो इसे पेल्विक इंफेक्शन (Pelvic Infection) की श्रेणी में शामिल किया जाता है। प्रजनन अंगों का संक्रमण पेल्विक फ्लोर इंफेकशन की ओर संकेत करता है। सही समय पर इलाज शुरू करने से पेल्विक फ्लोर इंफेक्शन (Pelvic Infection Disease) की समस्या आसानी से दूर हो सकती है।

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IVF और पेल्विक संक्रमण के बीच क्या संबंध होता है? - Connection Between IVF And Pelvic Infection In Hindi

IVF प्रक्रिया में एग्स को निकालने और लैब्स में तैयार एंब्रियो को गर्भाशय में ट्रांसफर (Embryo Transfer) करने जैसी प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। इन प्रक्रियाओं के दौरान महिलाओं को संक्रमण होने का खतरा रहता है। आगे जानते हैं कि आईवीएफ के दौरान किन कारणों से पेल्विक इंफेक्शन हो सकता है।

एग रिट्रीवल प्रक्रिया

आईवीएफ प्रक्रिया में एग रिट्रीवल एक महत्वपूर्ण चरण होता है। इसमें महिलाओं की ओवरी से मैच्योर एग्स को निकाला जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान यदि स्वच्छता का ध्यान न दिया जाए तो इसकी वजह से पेल्विक इंफेक्शन होने की संभावना बनी रहती है।

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एंडोमेट्रियल तैयारियों के दौरान

एग्स निकालने के बाद लैब में एग्स और स्पर्म को मिलाकर एंब्रियो तैयार किया जाता है। इसके बाद महिला के गर्भाशय में तैयार एंब्रियो को ट्रांसफर किया जाता है। ऐसे यदि महिला के गर्भाशय में पहले से इंफेक्शन हो, तो ऐसे में पेल्विक फ्लोर में इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।

पहले से पीआडी होना

यदि महिला को पहले से पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) है, तो IVF के दौरान संक्रमण का खतरा अधिक होता है। ऐसे में महिलाओं को संक्रमण का इलाज कराने की आवश्यकता होती है।

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आईवीएफ प्रक्रिया के बाद पेल्विक इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के उपाय - How To Reduce Risk Of Pelvic Infection After IVF In Hindi

  • आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों और प्रक्रियाओं की साफ सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
  • यदि किसी महिला को पहले से किसी तरह का इंफेक्शन है तो उसकी गंभीरता को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जा सकती हैं।
  • IVF के बाद पेल्विक इंफेक्शन को दूर करने के लिए नियमित रूप से जांच करानी चाहिए।
  • आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने से पहले महिला को यदि पहले से संक्रमण का खतरा है तो ऐसे में उसका इलाज पहले करना चाहिए।

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KhushKhabri With IVF: डॉक्टर्स के मुताबिक आईवीएफ प्रक्रिया के बाद पेल्विक इंफेक्शन के मामले कम देखने को मिलते हैं, क्योंकि आईवीएफ प्रक्रिया शुरू करने से पहले और उसके दौरान डॉक्टर हर संभावित जोखिम की पहचान के लिए नियमित रूप से टेस्ट करते हैं। किसी भी पहलू में इंफेक्शन की पहचान होने पर पहले उसे दूर करने के लिए इलाज किया जाता है। इसके बाद ही आईवीएफ प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है। लेकिन, यदि कोई महिला आईवीएफ के बाद पेल्विक इंफेक्शन होता है, तो ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। आईवीएफ उपचार में सफलता के लिए निगेटिव विचारों से दूर रहें। KhushKhabriWithIVF की सीरीज की यह जानकारी आप आपने दोस्तों और साथियों के शेयर करें।

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