Sedentary Lifestyle Increases Cancer Risk: आज के समय में निष्क्रिय जीवनशैली और शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण लोग गंभीर रूप ए बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। बीमारियों से शरीर को बचाने और हेल्दी व फिट रहने के लिए रोजाना व्यायाम और हेल्दी डाइटी का सेवन करना चाहिए। सेडेंटरी लाइफस्टाइल या निष्क्रिय जीवनशैली के कारण शरीर गंभीर रूप से बीमारियों का शिकार हो सकता है। इसकी वजह से वजन बढ़ने की समस्या, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल समेत हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सेडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, क्या वाकई सेडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
क्या सेडेंटरी लाइफस्टाइल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है?- Can Sedentary Lifestyle Increases Cancer Risk in Hindi
आपकी जीवनशैली के कारण स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ता है। गतिहीन या निष्क्रिय जीवनशैली अपनाने वाले लोगों में बीमारियों का खतरा आमतौर पर ज्यादा रहता है। इसकी वजह से आप लाइफस्टाइल डिजीज या अन्य तरह की समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। निष्क्रिय जीवनशैली या सेडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी प्रभावित होती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "शारीरिक गतविधि में कमी के कारण शरीर में कई बदलाव होते हैं, इनकी वजह से कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे लोग जो लंबे समय तक सेडेंटरी लाइफस्टाइल अपनाते हैं, उनमें सामान्य लोगों की तुलना में कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है।"
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सेडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण इस तरह से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है-
इंसुलिन प्रतिरोध: नियमित व्यायाम शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। निष्क्रिय जीवयशैली या सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से ब्लड शुगर बढ़ जाता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस भी प्रभावित होता है। इसकी वजह से शरीर में सूजन बढ़ जाती है और सूजन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने में मदद कर सकती है।
हार्मोनल असंतुलन: सेडेंटरी लाइफस्टाइल या निष्क्रिय जीवनशैली के कारण शरीर में हॉर्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है। इसकी वजह से एस्ट्रोजन (Estrogen) और टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) जैसे कुछ हार्मोनों का स्तर असंतुलित हो सकता है, जो कुछ तरह के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
अत्यधिक वजन और मोटापा: निष्क्रिय जीवनशैली अक्सर अस्वस्थ खानपान की आदतों को भी बढ़ावा देती है, जिससे वजन बढ़ सकता है और मोटापा हो सकता है। मोटापा कई तरह के कैंसर के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है, जिनमें कोलोरेक्टल कैंसर, स्तन कैंसर और अग्नाशय कैंसर शामिल हैं।
शरीर में सूजन: नियमित व्यायाम शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है। निष्क्रियता के कारण शरीर में पुरानी सूजन का खतरा बढ़ जाता है, जो डीएनए को नुकसान पहुंचाता है और असामान्य कोशिकाओं के विकास में मदद करता है। इसकी वजह से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: व्यायाम शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। निष्क्रिय जीवनशैली के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और इसकी वजह से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
निष्क्रिय जीवनशैली या सेडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण इस तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है-
- कोलोरेक्टल कैंसर
- स्तन कैंसर
- अग्नाशय कैंसर
- एंडोमेट्रियल कैंसर
- अन्नप्रणाली का कैंसर
- किडनी कैंसर
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सिर्फ निष्क्रिय जीवनशैली के कारण ही कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है। इसके पीछे आनुवांशिक, शारीरिक और पर्यावरणीय कारण भी जिम्मेदार होते हैं। कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी से बचने के लिए नियमित व्यायाम, हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं। कैंसर के शुरुआती लक्षण दिखने पर इसे नजरअंदाज करने के बजाय डॉक्टर की सलाह लें, इससे आप कैंसर का शिकार होने से बच सकते हैं।
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