Can Woman Get Pregnant With PID In Hindi: महिलाओं की बदलती जीवनशैली उनकी फर्टिलिटी को प्रभावित करती है। यही, कारण है कि आज के समय में पीसीओएस, पीसीओडी, फाइब्रोइड और गर्भाशय से जुड़ी अन्य समस्याएं आम हो चली है। महिलाएं का घंटों एक ही जगह पर बैठकर डेस्क जॉब्स करना, अनियमित खानपान और फिजिकल एक्टिविटी में कमी उनकी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डालती हैं। कुछ महिलाओं को पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) का भी सामना करना पड़ता है। PID तब होता है जब बैक्टीरिया योनि से रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट के ऊपरी हिस्सों जैसे कि गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और ओवरी में चले जाते हैं। यह स्थिति मुख्य रूप से यौन संचारित रोगों (STDs) जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया के संक्रमण से हो सकती है। इस लेख में आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर सोनल चौकसे, बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, भोपाल से जानते हैं कि क्या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं?
क्या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं? - Can Woman Get Pregnant With PID In Hindi
एक्सपर्ट्स के अनुसार पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के प्रभाव हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। इसके प्रभाव काफी हद तक रोग की गंभीर पर निर्भर करते हैं। हल्के संक्रमण में कुछ महिलाएं गर्भधारण कर सकती है। लेकिन, उससे पहले पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का इलाज किया जाना जरूरी होता है। हल्के इंफेक्शन में प्रेग्नेंसी के चांसेज हो सकते हैं। जबकि, गंभीर मामलों में डॉक्टर पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का इलाज करने की सलाह देते हैं। इसके बाद ही प्रेग्नेंसी प्लान करने के लिए कहते हैं। समय पर इस रोग की पहचान करना और इलाज करने से पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज को ठीक किया जा सकता है।
वहीं, कुछ महिलाओं को पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के इलाज के बाद प्रेग्नेंसी में कई तरह का जोखिम उठाना पड़ सकता है। इसमें मिसकैरेज, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी और प्रीटर्म बर्थ का जोखिम रहता है। ऐसे में महिला को नियमित रूप से डॉक्टरी चांच की जरूरत पड़ती है।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का प्रजनन क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ता है? - Effect On Pregnancy During Pelvic Inflammatory Disease In Hindi
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से महिलाओं की फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। इसके बारे में आगे जानते हैं।
फैलोपियन ट्यूब डैमेज होना
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) फैलोपियन ट्यूब में सूजन और निशान (scar tissue) का कारण बन सकता है, जिससे एग्स और शुक्राणु का मिलना कठिन हो जाता है। इससे महिला को गर्भधारण में समस्या हो सकती है।
इंफर्टिलिटी का खतरा
अगर पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का समय पर इलाज न हो, तो यह परमानेंट इन्फर्टिलिटी (स्थायी बांझपन) का कारण बन सकता है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर कुछ महिलाओं को इस तरह का समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
ओवरी और यूट्रेस से जुड़ी समस्याएं
PID के कारण गर्भाशय (Uterus) और ओवरी (Ovary) में संक्रमण हो सकता है, जो एग्स के बनने और निषेचन प्रक्रिया को बाधित कर सकता है।
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हालांकि, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के साथ गर्भवती होना संभव है। लेकिन, यह स्थिति महिला की प्रजनन क्षमता और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। सही समय पर इलाज और सावधानियों से न केवल पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि गर्भधारण की संभावना भी बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए आप किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।