
Ectopic Pregnancy in Hindi: एक्टोपिक प्रेगनेंसी, सामान्य प्रेगनेंसी से अलग होती है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी में फर्टिलाइज एग, गर्भाशय से जुड़ा नहीं होता। एक्टोपिक प्रेगनेंसी की स्थिति में उल्टी आना, पेट में तेज ऐंठन, बेहोशी या चक्कर आने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी में हल्की या तेज ब्लीडिंग भी हो सकती है। फर्टिलाइज एग की असामान्य ग्रोथ, हार्मोनल असंतुलन, 35 के बाद प्रेगनेंसी प्लान करना आदि कारणों से एक्टोपिक प्रेगनेंसी हो सकती है। इस लेख में हम एक्टोपिक प्रेगनेंसी से जुड़े 5 तथ्य जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीआई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
क्या है एक्टोपिक प्रेगनेंसी?
फर्टिलाइज एग जब गर्भाशय के बाहर विकसित हो जाता है, तो उसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी को अस्थानिक गर्भावस्था भी कहा जाता है। गर्भाशय के बजाय फर्टिलाइज एग, फैलोपियन ट्यूब, एब्डोमिनल कैविटी या गर्भाशय ग्रीवा से जुड़ सकता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए सोनोग्राफी और अल्ट्रासाउंड भी करवाया जाता है। आगे जानते हैं एक्टोपिक प्रेगनेंसी से जुड़े कुछ तथ्य-
1. एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता कब चलता है?
एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता 5 से 14 हफ्तों के बीच चल सकता है। छठे हफ्ते में एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता चलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। कुछ महिलाओं को माहवारी चूकने के 2 हफ्ते में ही लक्षण महसूस हो जाते हैं।
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2. क्या एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लिए ऑपरेशन किया जाता है?
एक्टोपिक प्रेगनेंसी को खत्म करने के लिए कुछ मामलों में कीहोल सर्जरी (लेप्रोस्कोपी) की जाती है। सर्जरी की स्थिति हर महिला के लिए नहीं आती। जिन महिलाओं को असहनीय दर्द हो रहा है, उनमें कीहोल सर्जरी की जाती है। ये सर्जरी सरल होती है और ऑपरेशन के बाद जल्दी छुट्टी मिल जाती है।
3. क्या एक्टोपिक प्रेगनेंसी दवाओं से ठीक हो सकती है?
एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज पहले दवाओं से ही किया जाता है। दवाओं का सहारा उन महिलाओं के मामले में लिया जाता है जिनके हार्मोन का स्तर कम है लेकिन वो घट नहीं रहा है। ऐसी महिलाएं जिनमें हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं, लेकिन ब्लीडिंग नहीं हो रही है, उन्हें भी दवाएं दी जाती है। दवा देने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। इंजेक्शन लगने के कुछ हफ्ते बाद तक ब्लीडिंग हो सकती है।
4. क्या एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद अगली प्रेगनेंसी सुरक्षित होगी?
एक्टोपिक प्रेगनेंसी केवल एक बार हो ऐसा जरूरी नहीं है। दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान भी ऐसी स्थिति आ सकती है। लेकिन एक एक्टोपिक के बाद दूसरी प्रेगनेंसी स्वस्थ्य न हो ऐसा नहीं है। अगली बार खतरा जरूर रहता है लेकिन सामान्य प्रेगनेंसी की संभावना भी रहती है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी, नलिकाओं में हुई क्षति या डैमेज के कारण होता है। इससे दोबारा बचने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
5. एक्टोपिक प्रेगनेंसी और अगली प्रेगनेंसी के बीच कितना गैप रखें?
एक्टोपिक प्रेगनेंसी को खत्म करने के लिए डॉक्टर ने दवाएं दी हैं, तो अगली प्रेगनेंसी से पहले 3 महीने का गैप रखें। दवा का असर इतने समय में पूरे तरह से शरीर से निकल जाएगा। दोबारा प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद दूसरी बाद प्रेगनेंट होने पर, 6 से 7 हफ्ते में टेस्ट करवाएं ताकि पता चले कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी की स्थिति रिपीट हो रही है या नहीं।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से इलाज करने की गलती न करें। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।
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