सभी महिलाओं के लिए मां बनना एक सपना होता है और एक नये जीवन को जन्म देने में सक्षम होना निश्चित रूप से सबसे बड़ा सुख है। महिला के गर्भवती होने के बाद या उस दौरान उसके जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं और उन्हें कई तरह के अनुभव मिलते हैं। वैसे तो प्रेगनेंसी की ऐसी कई स्थितियां होती हैं, जिनमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्हीे में से एक है एक्टोपिक प्रेगनेंसी। एक्टोपिक प्रेगनेंसी यानी आस्थानिक गर्भावस्था, जिसमें महिलाओं को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति से बचने के लिए इलाज के विकल्प कुछ कम है, लेकिन जितने है वो कारगर माने जाते हैं। इसलिए इसका समय पर इलाज कराना बहुत ही जरूरी होता है अगर आप इस स्थिति में लापरवाही करते हैं तो इससे बच्चे और मां दोनों को ही नुकसान हो सकता है। हम आज आपको इस लेख के जरिए एक्टोपिक प्रेगनेंसी से जुड़ी सभी जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे की आप ऐसी स्थिति में अपने आपको कैसे संभाल सकते हैं।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है?
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि महिला के गर्भवती होने के बाद और उस दौरान कई ऐसी स्थितियां पैदा होती है जिसमें गर्भवती महिला को थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वैसे ही एक्टोपिक प्रेगनेंसी के दौरान उन्हें इस समस्या से गुजरना पड़ता है। फर्टिलाइज्ड एग यानी कि अण्डाणु को जोड़ने की सबसे बेहतर जगह गर्भाशय के अंदर ही होती है और अगर जिन मामलों में गर्भाशय के बाहर कहीं भी ये जुड़ता है, तो इसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते हैं। इस तरह की ज्यादातर स्थितियों में फर्टिलाइज्ड एग खुद को फैलोपियन ट्यूब से जोड़ता है इसलिए मेडिकल भाषा में प्रेगनेंसी की इस अवस्था को ट्यूबल प्रेगनेंसी के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि फैलोपियन ट्यूब्स गर्भाशय की तरह विकसित हो रहे भ्रूण को सपोर्ट कर सके, इसलिए प्रेगनेंसी की इस स्थिति में बहुत ज्यादा ध्यान देने और समय पर इलाज की जरूरत होती है। हांलाकि इस तरह की स्थिति करीब 50 गर्भवती महिलाओं में से एक में देखी जाती है।
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एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण
- फैलोपियन ट्यूब में सूजन।
- गर्भाशय के आसपास संक्रमण।
- ब्लॉकेज की संभावना होना।
- सर्जिकल प्रक्रिया के कारण अण्डाणु के मूवमेंट में बाधा आना।
- फैलोपियन ट्यूब के आकार लगातार असामान्य होना।
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लक्षण
- पेट में अचानक तेज दर्द होना।
- गर्भावस्था के दौरान कई बार कंधे और गर्दन में दर्द होना।
- योनि से रक्तस्राव, जो आपकी सामान्य पीरियड्स के मुकाबले ज्यादा या कम हो सकता है।
- अचानक गैस संबंधी परेशानी का होना।
- हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना।
- लगातार चक्कर आना।
- रुक-रुक कर शरीर में तेज दर्द होना।
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इलाज
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ज्यादातर मामलों में इलाज के लिए मेथोट्रैक्सेट का इस्तेमाल किया जाता है। मेथोटैक्जोसेट के जरिए बॉडी को प्रेगनेंसी टिशू को अवशोषित करने की अनुमति देकर फैलोपियन ट्यूब को बचाता है।
इस स्थिति को गंभीर स्तर न जाने के लिए इलाज बहुत ही जरूरी होता है और ऐसे में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी का भी एक बेहतर विकल्प है। जिसमें सर्जन एक्टोपिक प्रेगनेंसी को बाहर निकालने के लिये लैप्रोस्कोप का उपयोग कर सकता है। यह जनरल एनेस्थीसिया के तहत किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रभावित फैलोपियन ट्यूब का इलाज या उसे निकालना भी शामिल है।
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