Who Is At Greater Risk Of Chlamydia In Hindi: क्लैमाइडिया एक किस्म की एसटीडी यानी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज है। यह क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस के संक्रमण के कारण होता है। यह सर्विसाइटिस, यूरेथ्राइटिस और प्रोक्टाइटिस का कारण बन सकता है। महिलाओं में क्लैमाइडिय होने के कारण कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, ट्यूबल फैक्टर इंफर्टिलिटी, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी और क्रॉनिक पेल्विक पेन। यहां हम जानेंगे कि क्लैमाइडिया होने का रिस्क किन लोगों को अधिक होता है। साथ ही, क्लैमाइडिया होने पर किस तरह के लक्षण नजर आते हैं। इस संबंध में हमने नवी मुंबई स्थित मेडिकवर हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले से बात की।
क्लैमाइडिया के लक्षण- Symptoms Of Chlamydia In Hindi
मेयोक्लिनिक की मानें, तो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस संक्रमण के लक्षणों इस प्रकार हैं-
- पेशाब करने के दौरान दर्द होना
- वजाइनल डिसचार्ज
- पुरुषों में लिंग से डिसचार्ज
- महिलाओं में इंटरकोर्स के दौरान दर्द महसूस करना
- सेक्स के बाद वजाइनल ब्लीडिंग होना
- पुरुषों को टेस्टीक्यूलर में दर्द होना।
क्लैमाइडिया का खतरा किन लोगों को ज्यादा होता है- Who Is Most At Risk Of Chlamydia In Hindi
कंडोम का उपयोग न करने वालों के लिएः सीडीसी के अनुसार, "युवाओं में क्लैमाइडिया होने का रिस्क ज्यादा होता है। खासकर, उन लोगों में जो बिना कंडोम के सेक्स करते हैं। आपको बता दें कि युवाओं में बिहेवियरल, बायोलॉजिकल और कल्चरल कारणों से क्लैमाइडिया का खतराअधिक होता है। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कंडोम के बिना ज्यादातर समय सेक्स करते हैं। उनका यह स्वभाव भी उन्हें क्लैमाइडिया के रिस्क की ओर धकेलता है।"
मल्टीपल सेक्स पार्टनरः यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले आगे कहते हैं, "अगर कोई व्यक्ति एक से अधकि लोगों के साथ सेक्स करता है यानी अगर किसी के मल्टीपल सेक्स पार्टनर हैं, तो उन्हें भी क्लैमाइडिया होने का रिस्क बहुत ज्यादा होता है।"
प्रभावित व्यक्ति के साथ सेक्स करनाः अगर कोई ऐसे व्यक्ति के साथ सेक्स करता है, जो पहले से ही क्लैमाइडिया का शिकार है, तो यह बीमारी दूसरे पार्टनर को हो सकती है। इस तरह की कंडीशन से बचने के लिए आवश्यक है कि आप हमेशा कंडोम के साथ ही सेक्स करें।
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क्लैमाइडिया से बचने के उपाय- Prevention Tips Of Chlamydia In Hindi
- क्लैमाइडिया से बचने के लिए हर बार सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें।
- क्लैमाइडिया न हो, इसके लिए जरूरी है कि मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्स न करें।
- क्लैमाइडिया जैसी बीमारी से बचने के लिए रेगुलर स्क्रीनिंग करवाएं।
- क्लैमाइडिया जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए आवश्यक है कि महिलाएं अपने योनि को साबुन से धोने से बचें। आपको बता दें कि साबुन से धोने के कारण योनि में मौजूद बैड बैक्टीरिया के साथ-साथ गुड बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। गुड बैक्टीरिया कई तरह के इंफेक्शन के रिस्क को कम करने में मदद करते हैं।
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