
How Tuberculosis Is Transmitted: टीबी जिसे तपेदिक के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। टीबी की बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। ट्यूबरक्लोसिस या टीबी की बीमारी से दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। यह बीमारी मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। लेकिन ऐसा नहीं है, कि शरीर के अन्य अंगों को इस बीमारी का असर नहीं होता है। टीबी या ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी हड्डियों, पेट, आंख समेत शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, आखिर टीबी एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है और इसे रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
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टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है?- How Tuberculosis Is Transmitted in Hindi
ऐसे लोग जिनके शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होती है, स्मोकिंग की आदत, शराब का सेवन जैसी आदतों वाले लोगों में टीबी का खतरा ज्यादा रहता है। टीबी से संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से इसके फैलने का खतरा बढ़ जाता है। बाबू ईश्वर शरण सिंह हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर और यूपी टीबी कंट्रोल प्रोग्राम के सदस्य डॉ एस के सिंह ने बताया, "टीबी का संक्रमण हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। जब कोई टीबी का मरीज खांसता, छींकता, बोलता या स्वस्थ व्यक्ति से हाथ मिलाता है, तो इसके फैलने का खतरा स्वस्थ व्यक्ति में बढ़ जाता है। टीबी के बैक्टीरिया हवा में छोटी बूंदों के रूप में बाहर निकलते हैं। ये ड्रॉपलेट हवा में घंटों तक रह सकते हैं। जब स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों में सांस के माध्यम से टीबी के जीवाणु पहुंचते हैं, तो इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।"

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हालांकि, हर कोई जो टीबी के बैक्टीरिया के संपर्क में आता है वह बीमार नहीं पड़ता। ऐसे लोग जिनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, उन्हें इस संक्रमण का खतरा कम रहता है। लेकिन, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में, जैसे कि कुपोषण से ग्रस्त लोग, एचआईवी पॉजिटिव लोग, डायबिटीज के मरीज या धूम्रपान करने वाले लोगों में निष्क्रिय टीबी के जीवाणु सक्रिय हो सकते हैं और इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
टीबी का संक्रमण फैलाने वाले रिस्क फैक्टर- Tuberculosis Risk Factors in Hindi
इन वजहों से स्वस्थ व्यक्ति में टीबी के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है-
टीबी के मरीज के साथ निकट संपर्क: जितना अधिक निकट संपर्क होगा, टीबी के बैक्टीरिया के संपर्क में आने का खतरा उतना ही अधिक होगा। उदाहरण के लिए परिवार के सदस्य देखभाल करने वाले और स्वास्थ्य कर्मी जो नियमित रूप से टीबी के रोगियों के संपर्क में रहते हैं, उनमें टीबी होने का खतरा अधिक होता है।
मरीज में टीबी संक्रमण की गंभीरता: जो रोगी बहुत अधिक खांसते हैं या जिनके फेफड़ों में सक्रिय संक्रमण होता है, उनके आसपास के लोगों को टीबी होने का खतरा अधिक होता है।
प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में टीबी के निष्क्रिय जीवाणुओं के सक्रिय होने का खतरा ज्यादा रहता है।
वातावरण: खराब हवा का संचार और भीड़भाड़ वाले वातावरण में टीबी के बैक्टीरिया हवा में अधिक समय तक रह सकते हैं, जिससे संचरण का खतरा बढ़ जाता है।
टीबी के लक्षण- Tuberculosis Symptoms in Hindi
टीबी के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं। टीबी की शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य जैसे ही होते हैं, लेकिन जैसे यह बीमारी बढ़ती है लक्षण भी बढ़ने लगते हैं-
- लगातार खांसी
- खांसी में खून का आना
- सीने में दर्द या तकलीफ
- बुखार
- रात को पसीना आना
- वजन घटना
- भूख कम लगना
- थकान
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अगर आपमें भी ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज कराना चाहिए। सही समय पर जांच और इलाज मिलने से मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। टीबी का इलाज मरीज में संक्रमण की गंभीरता के हिसाब से किया जाता है। आमतौर पर डॉक्टर मरीजों को एंटीट्यूबरक्लोसिस दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं। टीबी के इलाज में संक्रमण और शरीर के हिस्से में मौजूद टीबी के आधार पर 3 महीने से 6 महीने तक इलाज चल सकता है। गंभीर मरीजों में डॉक्टर टीबी के एडवांस ट्रीटमेंट का भी इस्तेमाल करते हैं।
(Image Courtesy: freepik.com)
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