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Myth Or Fact: क्या मलेरिया संक्रामक रोग है? जानें इसकी सच्चाई

Is Malaria Communicable Disease In Hindi: मलेरिया संक्रामक रोग है, लेकिन यह छूने या किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने से नहीं फैलता है। आइए, जानते हैं कि मलेरिया एक से दूसरे व्यक्ति को कैसे हो सकता है? जानते हैं विस्तार से।
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Myth Or Fact: क्या मलेरिया संक्रामक रोग है? जानें इसकी सच्चाई


Is Malaria Communicable Disease Or Not In Hindi: मलेरिया परजीवी के कारण होने होने वाली बीमारी है। संक्रमित मच्छरों के काटने से यह बीमारी इंसानों में फैलती है। मलेरिया होने पर मरीज में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे बहुत तेज बुखार आना, कंपकंपी छूटना, ठंड लगना आदि। आमतौर पर जिन क्षेत्रों में अधिक मच्छर होते हैं, वहीं इसके मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दुनिया भर में मलेरिया के अनुमानित 263 मिलियन मामले सामने आएं और करीब 597 000 लोगों की मृत्यु हुई। आपको बता दें कि 2022 की तुलना में 2023 में लगभग 11 मिलियन अधिक मामले सामने आए हैं। इसी से यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि हर व्यक्ति को मलेरिया जैसी घातक बीमारी के संदर्भ में अहम जानकारी होनी च चाहिए। जैसे क्या मलेरिया संक्रामक बीमारी है? यह जानकर हम समय पर अपना बचाव कर सकेंगे। इस बारे में हमने Gr. Noida West स्थित सर्वोदय अस्पताल में Consultant - Internal Medicine डॉ. पंकज रेलन से बात की।

क्या मलेरिया संक्रामक रोग है?- Can Malaria Spread From Person To Person In Hindi

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चूंकि, मलेरिया मच्छरों के द्वारा काटने पर होने वाली बीमारी है। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि यह संक्रामक रोग है। कहने का मतलब है कि मलेरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। यह बीमारी मुख्य रूप से यह मुख्य रूप से संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो प्लास्मोडियम परजीवी को ले जाती है। इसे यूं समझें कि मलेरिया सहजता से महज किसी मलेरिया संक्रमित व्यक्ति को छूने या हाथ मिलाने से नहीं फैलता है। यह मच्छर के जरिए ही एक से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटने पर संक्रमित हो जाता है। इसके बाद, जब संक्रमित मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है, तो वह प्लास्मोडियम परजीवी फैलाता है। इस तरह अन्य व्यक्ति भी मलेरिया से संक्रमित हो जाता है।

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मलेरिया का निदान

मलेरिया का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री की जांच करता है। साथ ही, वह किस जगह रहता है, इस बारे में भी जानकारी लेता है। वहीं, अगर किसी ने ऐसी जगह ट्रैवल किया है, जहां मच्छरों की अधिकता है, तो मरीज को कुछ टेस्ट की सलाह दी जा सकती है। जैसे मलेरिया का निदान मुख्य रूप से ब्लड स्मीयर या रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) की जांच के जरिए किया जाता है। टेस्ट के जरिए पता लगाया जाता है कि किसी व्यक्ति को मलेरिया है या नहीं। इसके अलवा, किस प्रकार का मलेरिया परजीवी आपके लक्षणों का कारण बन रहा है। वहीं, बीमारी के कारण किस तरह की जटिलताएं हो सकती हैं, इसकी भी जानकारी हासिल की जाती है। आपको बता दें कि कुछ ब्लड टेस्ट को पूरा होने में कई दिन लग सकते हैं, जबकि कुछ टेस्ट 15 मिनट से भी कम समय में परिणाम दे सकते हैं। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आपके इलाज की प्रक्रिया शुरू करते हैं।

मलेरिया से कैसे करें बचाव

मलेरिया से बचने एकमात्र तरीका है कि आप मच्छरों से दूर रहें। इसके अलावा, अगर किसी को मलेरिया हो जाए, तो उन्हें प्रॉपटर ट्रीटमेंट करवाना चाहिए और डॉक्टर द्वारा परामर्श किए गए समय पर दवा लेनी चाहिए। मलेरिया से बचने के लिए यहां दिए गए कुछ टिप्स को फॉलो करें-

  1. रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
  2. शाम के बाद मच्छर भगाने वाली दवाओं का इस्तेमाल करें।
  3. कॉइल और वेपोराइजर मच्छर भगाने का अच्छा विकल्प हैं।
  4. मच्छर न काटे, इसके लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
  5. घर में खिड़की की जाली का इस्तेमाल करें, ताकि मच्छर कमरे के अदंर न आ सकें।
All Image Credit: Freepik

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