Can Malaria Trigger Other Diseases: विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया जैसी घातक बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और इसे जड़ से खत्म करने की कोशिशों पर जोर देना है। मलेरिया आज भी लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए यह दिन हमें याद दिलाता है कि सतर्कता से इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो मच्छरों से फैलती है और विशेष रूप से नमी के मौसम में तेजी से फैलती है। यह बीमारी प्लास्मोडियम (Plasmodium) नाम के परजीवी के कारण होती है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से शरीर में घुसता है। ज्यादातर लोग मलेरिया को केवल बुखार, कंपकंपी और पसीने की बीमारी मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह बीमारी आपके शरीर की इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकती है जिससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मलेरिया के कारण कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कमजोर इम्यून सिस्टम, अंगों की कार्यक्षमता पर असर, बार-बार इंफेक्शन होना और दवाओं के प्रति सेंसिटिविटी जैसे कई जोखिम इसके साथ जुड़े होते हैं। आइए इस लेख में समझते हैं कि मलेरिया शरीर पर किस तरह का प्रभाव डालता है और यह कैसे दूसरी बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. प्रतिरोधक क्षमता पर असर होता है- Immunity Gets Compromised
मलेरिया (Malaria) शरीर की इम्यूनिटी को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। जब शरीर बार-बार इंफेक्शन की चपेट में आता है, तो इम्यूनिटी और अंग कमजोर हो जाते हैं। खासतौर पर बच्चों, बुज़ुर्गों और गर्भवती महिलाओं में यह खतरा और भी ज्यादा होता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण शरीर वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो जाता है।
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2. लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचता है- Liver and Kidney Complications
मलेरिया के गंभीर मामलों में लिवर और किडनी पर सीधा असर देखा गया है। प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम इंफेक्शन (Plasmodium Falciparum Infection) में जॉन्डिस और एक्यूट किडनी फेल होने जैसी स्थितियां आम हो जाती हैं। एक बार अगर ये अंग प्रभावित हो जाते हैं तो भविष्य में इनसे जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे हेपेटाइटिस या क्रॉनिक किडनी डिजीज।
3. एनीमिया और थकान की स्थिति- Chronic Anemia and Fatigue
मलेरिया में शरीर के रेड ब्लड सेल्स डैमेज हो जाते हैं, जिससे एनीमिया (Anemia) हो सकता है। अगर समय पर इलाज न हो या बार-बार मलेरिया हो, तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी और थकान की समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है। इससे हार्ट की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
4. ब्रेन पर प्रभाव और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं- Neurological Effects
कुछ गंभीर मामलों में मलेरिया से सेरेब्रल मलेरिया हो सकता है, जो दिमाग की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। यह बच्चों में मानसिक विकास की गति धीमी कर सकता है और वयस्कों में भूलने की बीमारी, सिरदर्द या दौरे जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं।
5. दवाओं के दुष्प्रभाव और रेजिस्टेंस- Drug Side Effects and Resistance
बार-बार मलेरिया होने पर लोग बार-बार दवाइयों का सेवन करते हैं, जिससे शरीर में दवा प्रतिरोधक क्षमता (Drug Resistance) बढ़ जाती है। इससे न सिर्फ मलेरिया की दवा का असर कम हो जाता है, बल्कि अन्य इंफेक्शन के इलाज में भी समस्याएं होने लगती है।
मलेरिया को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। यह न केवल खुद में एक गंभीर बीमारी है, बल्कि यह आपके शरीर को अन्य बीमारियों के लिए भी असुरक्षित बना देता है। समय पर इलाज और मच्छर से बचाव ही इसके खिलाफ सबसे बड़ा हथियार हैं।
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