
हमारे शरीर में किडनी का कार्य ब्लड को फिल्टर करने का होता है। अगर किडनी में किसी तरह की परेशानी हो जाती है, तो ब्लड सही से फिल्टर नहीं हो जाता है। इसी समस्या को क्रोनिक किडनी डिजीज कहता है। साधारण शब्दों में समझें, तो किडनी को होने वाला नुकसान या क्षति ही किडनी डिजीज कहलाती है। क्रोनिक किडनी डिजीज जब काफी ज्यादा बढ़ जाता है, तो इस परिस्थिति में किडनी पूरी तरह से कार्य करना बंद कर देता है। इसे किडनी फेलियर भी कहते हैं। इस परिस्थिति में मरीज को डायलिसिस या फिर किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है। क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों को अपने डाइट का बहुत ही ख्याल रखना होता है। हमारी डायटिशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि किडनी डिजीज के मरीजों को किस तरह का डाइट प्लान लेना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज किस स्टेज पर है। इसके साथ ही मरीजों को डॉक्टर ने अपने आहार में किन विटामिंस और मिनरल्स को ना लेने की सलाह दी है।
क्रोनिक किडनी डिजीज के लक्षण (Symptoms of chronic kidney disease)
- शुरुआती लक्षण
- मांसपेशियों में ऐंठन
- खुजली
- उल्टी आना
- पैरों और टखनों में सूजन
- भूख ना लगना
- पेशाब अधिक आना या नहीं आना
- सोने में परेशानी
- गंभीर रूप लेने पर दिखने वाले लक्षण
- पीठ में दर्द
- पेट में दर्द
- बुखार
- डायरिया
- बुखार
- रेशैज
- उल्टियां
- हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत
किडनी डिजीज के कारण (Causes of chronic kidney disease)
- हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज रोगियों को क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या हो सकती है।
- गुर्दे की पथरी
- किडनी कैंसर
- वेसिकोइरेरल रिफ्लक्स (Vesicoureteral reflux)
- किडनी में इंफेक्शन इत्यादि कारणों से क्रोनिक किडनी डिजीज हो सकती है।

किडनी डिजीज से ग्रसित लोगों का कैसा होना चाहिए डाइट (Diet for chronic kidney diseas )
डायटिशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि किडनी डिजीज वाले रोगियों का डाइट इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस परिस्थिति में हैं। किडनी फेलियरर रोगियों के लिए डॉक्टर अलग तरह का डाइट लेने की सलाह देते हैं। स्टेज के आधार पर ही डाइट दिया जाता है। चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में-
फेलियरल किडनी डिजीज - स्वाती बाथवाल बताती हैं कि फेलियर किडनी डिजीज रोगियों को डॉक्टर प्रोटीन ना खाने की सलाह देते हैं। इसका कारण है कि वह प्रोटीन की अधिक मात्रा को पचा नहीं सकते हैं। इसके साथ ही इन मरीजों को ऐसे डाइट नहीं दिए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा ब्लड शुगर कंट्रोल रखने वाले डाइट प्लान फॉलो करने की जरूरती होती है। स्वाती बाथवाल से जानते हैं कुछ ऐसे विटामिंस जो किडनी डिजीज वालों के लिए नहीं है सुरक्षित-
सोडियम
स्वाती बताती हैं कि स्वस्थ शरीर के लिए सोडियम बहुत ही जरूरी है। लेकिन कुछ किडनी रोगियों के लिए सोडियमयुक्त आहार का सेवन खतरनाक हो सकता है। अगर आपको डॉक्टर सोडियमयुक्त आहार ना खाने की सलाह दें, तो अपने भोजन में नमक और अन्य सोडियमयुक्त आहार को शामिल ना करें।
फास्फोरस
फास्फोरस एक ऐसा महत्वपूर्ण तत्व है, जो स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है। लेकिन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि अगर आपको डॉक्टर ने भोजन में फास्फोरस नही शामिल करने के लिए कहा है, तो इसे ना करें। अधिकतर सब्जियों में फास्फोरस होता है। ऐसे में इन सब्जियों को उबालकर और इसका पानी निकालकर ही इनका सेवन करें। अंडे, मीट, मछली, घी इत्यादि में फास्फोरस की अधिकता होती है। इसलिए इनका सेवन सावधानीपूर्वक करें।
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पोटैशियम
किडनी रोगियों के लिए पोटेशियम भी सही नहीं होता है। ऐसे में अगर आपको डॉक्टर पोटैशियम ना खाने की सलाह दें, तो इन आहार सा सेवन ना करें। शहद, केला, आम, पपीता, आलूबुखारा इत्यादि ऐसे आहार हैं, जिसमें पोटेशियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। अगर आपको किडनी डिजीज है, तो इन चीजों का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
विटामिन डी
स्वाती बाथवाल बताती हैं कि किडनी डिजीज से ग्रसित मरीजों के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है। ऐसे में मरीजो को विटामिन डी युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। ऐसे मरीजों को सर्दी के मौसम में धूप में कम से कम 2 घंटे बाहर बैठने की जरूरत होती है। साथ ही भोजन में दूध, मछली और सोयाबीन जैसे विटामिन डी युक्त आहार की जरूरत होती है।
पानी का अधिक सेवन
स्वाती बताती हैं कि कुछ किडनी रोगियों को डॉक्टर अधिक पानी ना पीने की सलाह देते हैं। ऐसे में इन मरीजों को पानी के साथ-साथ कुछ ऐसे आहार को भी शामिल नहीं करने चाहिए, जिससे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है। उदाहरण के लिए दही, नमक, नारियल पानी इत्यादि का सेवन सीमत रूप से करें।
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किडनी डिजीज वालों के लिए हेल्दी डाइट (Healthy Diet for chronic kidney disease)
किडनी डिजीज रोगियों को अपने आहार में किसी भी चीज को सीमित रूप से शामिल करने चाहिए। आइए जानते हैं कुछ ऐसे आहार जो किडनी रोगियों के लिए है जरूरी-
- कैलोरी
- प्रोटीन
- फैट
- कार्बोहाइ़ट्रेड
किस तरह का तेल करें यूज (Oil for chronic kidney disease)
स्वाती बताती हैं कि आप कभी भी रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल डाइट में ना करें। हमेशा ऑलिव ऑयल, तिल का तेल और सरसों के तेल का इस्तेमाल करें। ये ऐसे तेल हैं, जो आपके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। किसी भी तरह की रेसिपी तैयार करने के लिए यह तेल बहुत ही फायदेमंद हो सकते हैं।
क्रोनिक किडनी डिजीज के बचाव (Prevention of chronic kidney disease)
- क्रोनिक किडनी से ग्रसित हैं, तो अधिक नमकयुक्त चीजें ना खाएं।
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करें।
- डायबिटीज रुटीन चेकअप कराना ना भूलें।
- किसी तरह का लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
- नियमित रूप से एक्सरसाइझ करें।
- एल्कोहल का सेवन करने से बचें।
- धूम्रपान ना करें।
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवाईयां ना लें।