सर्दियों के मौसम में कई सारी ऐसी परेशानियां हैं, जो काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं। इन परेशानियों में अस्थमा की परेशानी एक है। अधिक ठंड और सर्द हवाओं की वजह से सांस फूलने की समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में अस्थमा रोगियों को अपने सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। खासतौर से अपने डाइट पर उन्हें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। डायटिशियन स्वाती बाथवाल बताती हैं कि अस्थमा के मरीजों को अपने डाइट को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। इन मरीजों को डॉक्टर्स कई ऐसी चीजें खाने के लिए मना करते हैं, जो अस्थमा की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।
अस्थमा क्या है ? (What is Ashtma)
अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर सर्दियों के सीजन में अस्थमा रोगी को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों के वायु मार्ग को प्रभावित करती है। इसकी वजह से व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा कुछ शारीरिक एक्टिविटी में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अस्थमा के रोगियों को अस्थमा में होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए फेफड़ों का साफ होना बहुत ही जरूरी है, ताकि उनके वायु मार्ग में किसी तरह की परेशानी ना हो। अस्थमा के लक्षण तब सामने आते हैं, जब मरीज के वायुमार्ग की परतें सूज जाती है और उनके आसपास की मांसपेशियां कस जाती हैं।
अस्थमा के लक्षण (Symptoms of Ashtma)
सीने में दर्द
अधिक खांसी होना
इन सभी समस्याओं में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। कुछ मामलों में अस्थमा रोगियों को यह पता नहीं होता है कि उन्हें किस चीजों से परेशानी होती है। ऐसे में रोगियों को उन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ जाती है। कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिससे अस्थमा रोगियों को दूर रहना चाहिए। ऐसे में आप उन चीजों को पहचानें, जिससे आपकी तकलीफ बढ़ जाती है।

केमिकल और फ्रेग्नेंस- कुछ लोगों को केमिकल्स की खूशबू और परफ्यूम के फ्रेग्रेंस से काफी परेशानी होती है। ऐसे में आपको इन चीजों से दूर रहने की जरूरत है। अगर आप परफ्यूम या खूशबू वाली चीजें लगाना पसंद करते हैं, तो केमिकल्स और स्ट्रॉन्ग फ्रेग्नेंस के बदले इत्र लगाएं। इससे आपको परेशानी नहीं होगी।
धूल, कण और पराग - कुछ लोगों को घर से बाहर निकलते ही सांस फूलने लगता है। खासतौर पर ऐसे स्थान पर जहां धूल-कण अधिक होते हैं। ऐसे लोगों को धूल-कण वाली चीजों से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही अगर कोई आपके आसपास तंबाकू खा रहे हैं, तो उससे भी दूर रहें। क्योंकि तंबाकू से निकलने वाला कण आपके नाक में पहुंचकर आपकी तकलीफ को बढ़ा सकता है।
मौसम का बदलना- बदलते मौसम के साथ भी कुछ लोगों की तकलीफ ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे लोगों को मौसम बदलते में (जैसे- सितंबर-अक्टूबर, फरवरी मार्च, जुलाई) अपना खास ख्याल रखना चाहिए। अगर ज्यादा सर्दी बढ़ रही है, तो घर में रहने की कोशिश करें। घर के अंदर ही एक्सरसाइज करें।
इसके अलावा कई अन्य चीजें जैसे-खाने की कुछ विशेष चीजें, पालतू पशुओं के बाल, पानी, हवा इत्यादि चीजों से एलर्जी होती है। ऐसे में अपनी एलर्जी को पहचानें और अस्थमा जैसी समस्याओं को कंट्रोल करने की कोशिश करें।
अस्थना के कारण (Causes of Asthma)
- अनुवांशिक
- बचपन में बैक्टीरिया का हमला
- एलर्जी
अस्थमा रोगियों के कैसे होने चाहिए डाइट (Diet for Asthma)
स्वाति बाथवाल बताती हैं कि अस्थमा के रोगियों का कोई निश्चित डाइट प्लान नहीं होता है। क्योंकि मरीज को किस चीज से एलर्जी है। इसका पता लगाना मुश्किल है। लेकिन कुछ मामलों में सभी तरह के अस्थमा के मरीजों को डॉक्टर एक ही तरह की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं उस बारे में-
हरी-पत्तेदार सब्जियां
स्वाती बाथवाल बताती हैं कि अस्थमा के मरीजों को दूध और दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए ऐसी सब्जियों का सेवन करें, जो कैल्शियम से भरपूर हों। पालक, मशरुम, बथुआ, मेथी ऐसे आहार हैं, जिसमें संपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। आप सर्दियों के मौसम में इन सब्जियों का सेवन कर अपनी समस्याओं को कंट्रोल कर सकते हैं।
दूध के सेवन का तरीका
स्वाती बताती हैं कि रात में अस्थमा के रोगियों को दूध नहीं पीना चाहिए। अगर वे शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूध पीना चाहते हैं, तो दूध में काली मिर्च और हल्दी डालकर पिएं। इसके अलावा दूध में जायफल डालकर पीना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
लहसुन और शहद
सुबह खाली पेट लहसुन खाना अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि लहसुन की कलियों को छिलकर 30 सेकंड तक धूप में रखें। ताकि लहसुन ऑक्सीडाइट हो जाए। इस लहसुन को 1 चम्मच शहद के साथ खाएं। ऐसा करने से आपके फेफड़े का वायुमार्ग साफ होगा।
हल्दी का पानी
दिन में 2 से दिन बार हल्दी का पानी पिएं। यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर घर में कच्ची हल्दी है, तो यह ज्यादा असरकारी हो सकता है। हल्दी का पानी तैयार करने के लिए 1 गिलास पानी लें। इसमें 1 इंच हल्दी का टुकड़ा कसकर पानी में डालें। अब इस पानी को उबालकर पिएं।
दही का सेवन करने का तरीका
दही का सेवन सादा ना करें। इसमें 1 चम्मच काली मिर्च या फिर दालचीनी पाउडर डालकर खाएं। सादी दही का सेवन आपकी समस्या को बढ़ा सकता है।
मीठा ना खाएं
अस्थमा रोगियों को मीठा ना खाने की सलाह दी जाती है। अगर आपको मीठा खाने की इच्छा हो रही है, तो उसकी जगह मुनक्का लें। इसके साथ ही आप खजूर और गुड़ का सेवन भी कर सकते हैं। यह आपको गर्माहट देने का कार्य करेगा।
मिश्री का सेवन
अस्थमा रोगियों के लिए मिश्री का सेवन काफी फायदेमंद होता है। सुबह खाली पेट 1 चम्मच मिश्री के दाने में 4-5 तुलसी की पत्तियां और 1 चुटकी काली मिर्च मिलाएं। इस मिश्रण का सेवन करने से अस्थमा में होने वाली परेशानियां दूर होंगी।
विटामिन सी
स्वाती बताती हैं कि अस्थमा रोगियों को विटामिन सी से भरपूर आहार लेना चाहिए। सर्दियों में आपको ऐसे फल काफी आसानी से मिल जाते हैं। अधिकतर खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होता है। जैसे- संतरा, नींबू, मौसमी, आंवला इत्यादि चीजों का सेवन करें। यह आपके लिए फायदेमंद है।

अस्थमा रोगी इस तरह करें अपना बचाव (Prevention of Asthma Patients)
- सर्दियों में घर पर करें प्राणायाम
- फैट फूड्स का ना करें सेवन
- रोजाना भाप लें।
- अपने आहार में नट्स (बादाम, अखरोट) जैसी चीजों को शामिल करें।
- हल्दी और नमक से गरारा करें।
- अगर आपको केमिकल्स से एलर्जी हैं, तो उससे दूर रहने की कोशिश करें।
- घर में किसी खाने की खूशबू से परेशानी हैं, तो उससे दूर रहें।
- घर में एयर प्यूरीफाई प्लांट्स (जैसे- स्नैक प्लांट, नागफनी, पीस लीली, बैंबू पाम इत्यादि) लगाएं।
डेस्ट जॉब वालें किस तरह रखें अपना ख्याल?
- सीट पर बैठे-बैठे डीप ब्रिथिंग करें।
- अपने पास तुलसी का पानी रखें, ताकि बी-बीच में पीते रहें।
- अपने डेस्क के पास प्लांस्टस लगाएं।
- आसपास के वातावरण को साफ रखें।
- सीट पर बैठे-बैठे बीच-बीच में प्राणायाम करें।
- मीठा ना खाएं।
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