अस्थमा के रोगी दूध का सेवन न करें? दूध को लेकर इस तरह की 6 धारणाएं कितनी सही कितनी गलत, बता रही हैं एक्सपर्ट

बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी दूध बेहद जरूरी होता है। लेकिन दूध को लेकर काफी धारणाएं बनी हुई हैं, जिसमें से कुछ सही है तो कुछ भ्रम। पढ़ते हैं आगे...  
  • SHARE
  • FOLLOW
अस्थमा के रोगी दूध का सेवन न करें? दूध को लेकर इस तरह की 6 धारणाएं कितनी सही कितनी गलत, बता रही हैं एक्सपर्ट


हमें बचपन से ही दूध पीने की आदत होती है। दूध से बनीं चीजें जैसे दही, छाछ, घी, मक्खन, पनीर आदि सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। लेकिन दूध को लेकर भी लोगों के मन में भ्रम है। आज हम इस लेख के माध्यम से उसी भ्रम की सच्चाई बताएंगे। कुछ बीमारियों में दूध का सेवन मना करते हैं। लेकिन कुछ लोग दूसरें के कहने पर ही दूध को अपनी डाइट से निकाल देते हैं। इसके अलावा सोया मिल्क, स्किम्ड मिल्क को लेकर भी कुछ धारणाएं हैं। जिन पर हम शुरू से ही विश्वास करते आए हैं। आइये जानते हैं कि जिन धारणाओं पर विश्वास करते आए हैं वे कितनी सही है और कितनी गलत। इसके लिए हमें एक्सपर्ट से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...

milk myth

कैल्शियम के लिए दूध एकमात्र सोर्स है?

ऐसा नहीं है कि कैल्शियम केवल दूध से ही प्राप्त हो सकता है। असल बात यह है कि दूध के अलावा हरी सब्जी में भी कैल्शियम पाया जाता है जैसे- पालक, ब्रोकली, सोयाबीन आदि में भी कैल्शियम प्राप्त हो सकता है। ध्यान रखें कि गाय के दूध में जो कैल्शियम पाया जाता है उसको हमारा शरीर बहुत मुश्किल से सोख पाता है। ऐसे में हरी सब्जियां भी बेहद लाभदायक हैं।

मुहांसों की वजह दूध?

लोगों को लगता है कि गलत डाइट के कारण मुहांसों पनपते हैं। पर ऐसा नहीं है। जो लोग सोचते हैं कि दूध को डाइट में शामिल करने से मुंहासे हो सकते हैं उन्हें अपनी सोच को बदलना चाहिए। मुहांसों को लेकर दूसरे अन्य फैक्टर्स भी हो सकते हैं जैसे कि प्रदूषण, हारमोंस का बिगड़ना, जेनेटिक्स, स्किन प्रॉब्लम आदि। ऐसे में दूध मुहांसों की वजह नहीं हो सकती।

इसे भी पढ़ें- न्यूट्रिशनिस्ट से जानें किस उम्र में कितना दूध लेना चाहिए? टोंड या डबल टोंड दूध क्यों हैं बेहतर

फ्लेवर्ड मिल्क को निकालें डाइट से?

फ्लेवर्ड मिल्क को डाइट से निकालने से काफी न्यूट्रिएंट्स भी निकल जाते हैं। बच्चों के लिए फ्लेवर्ड मिल्क बेहद लाभदायक है। लेकिन ध्यान रखें कि चीनी की मात्रा अगर दूध में ज्यादा हो जाए तो फिजिकली ज्यादा एक्टिव में रहने वाले बच्चे फ्लेवर्ड दूध को कम पिएं, ऐसा करने से ज्यादा फायदेमंद होगा।

जितना चाहे उतना दूध पिएं?

हर चीज की अति बुरी होती है। ऐसे में दूध भी ज्यादा नहीं पीना चाहिए। ज्यादा दूध पीने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। बता दें कि कैल्शियम के कारण आयरन सोखने के प्रोसेस में दिक्कत आती है। ऐसे ही अगर बच्चे ज्यादा दूध पीना शुरू कर दें तो उनका वजन नहीं बढ़ता। वे ज्यादा खाना भी नहीं खा पाते हैं।

इसें भी पढ़ें- सर्दियों में अमरूद के सेवन से मिलने वाले फायदे बता रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट

फुल क्रीम होती है स्किम्ड, टोंड से बेहतर?

बता दें कि स्किम्ड दूघ 5 साल से बड़े बचाचों के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें एक फीसदी से भी कम फैट पाया जाता है। इसके अलावा बता दें कि इसमें उपर से विटामिंस ए और डी डाला जाता है। यहीं कारण होता है कि फैट के निकले के बाद भी विटामिंट की मात्रा कम नहीं होती है। 

अस्थमा के मरीज दूध का सेवन न करें?

बता दें कि इसको लेकर कोई साउंटिफिक तथ्य नहीं है। इसलिए हम नहीं कह सकते हैं कि दूध से ज्यादा बलगम बनती है या ये अस्थमा से ग्रस्त मरीजों के लिए हानिकारक है।

(ये लेख आकाश हेल्थकेयर की न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अनुजा गौर से बातचीत पर आधारित है।)

Read More Articles on Diet And Fitness in Hindi

Read Next

Ayurvedic Diet: सर्दियों में खुद को गर्म रखने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक डाइट प्लान, इम्यूनिटी भी होगी मजबूत

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version