ओन्लीमाई हेल्थ (Onlymyhealth.com) एक स्पेशल कैंपेन चला रहा है, जिसमें हम आपके साथ वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों, डाइट और उसके बचाव को लेकर विस्तृत चर्चा करेंगे। यह "ऑन्लीमाई हेल्थ की वायु प्रदूषण कैंपेन" की दूसरी कड़ चल रही है, जिसमें हम वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के डाइट पर चर्चा कर रहे हैं। इस लेख के माध्यम से वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारी अस्थमा के कुछ ऐसे डाइट बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। एक ओर कोरोना और दूसरी ओर बढ़ते प्रदूषण ने लोगों के सेहत पर बहुत ही बुरा असर डाला है। ऐसे में जो लोग पहले से ही बीमार हैं, उनकी सेहत सबसे ज्यादा खराब हो रही है। बढ़ते प्रदूषण में सबसे ज्यादा अस्थमा रोगी परेशान होते हैं। अस्थमा रोगियों को धुएं और धूल से दूर रहने की सलाह दी जाती है, लेकिन बचाव के साथ-साथ डाइट का ख्याल रखना भी बहुत ही जरूरी होता है। एक्सपर्ट की मानें तो अस्थमा रोगियों को प्रिजरवेटिव डाइट से दूर रहना चाहिए। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ डाइट होना बहुत ही जरूरी होता है। सांस से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे लोगों को खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
अब सवाल यह है कि आखिर अस्थमा रोगियों को किस तरह का डाइट लेना चाहिए और किस तरह का नहीं? कुछ ऐसे डाइट हैं, जिन्हें आप अपने आहार में शामिल करके अस्थमा की परेशानियों को कंट्रोल में कर सकते हैं। इसके साथ ही कुछ घरेलू उपाय भी हैं। अस्थमा के रोगियों को डाइट में किसी तरह की लापरवाही करना खतरनाक साबित हो सकता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्थमा रोगियों को खांसी, जुकाम, सांस लेने में परेशानी, सीने में जलन और अकड़न और घबराहट जैसी शिकायत हो सकती है। चलिए हमारी न्यूट्रीशनिशस्ट स्वाति बाथवाल से जानते हैं अस्थमा रोगियों को किस तरह का लेना चाहिए डाइट-
विटामिन सी
डायटिशियन स्वाति बाथवाल बताती हैं कि अस्थमा रोगियों को विटामिन सी से भरपूर आहार को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए। विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो फेफड़ों को स्वस्थ रखने में बहुत ही अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही अस्थमा रोगी अगर भरपूर रूप से विटामिन सी का सेवन करते हैं, तो इससे अस्थमा अटैक का खतरा कम होता है। कीबी, संतरा, मौसमी, ब्रोकली, आंवला और नींबू जैसे खाद्य पदार्थ विटामिन सी के प्रमुख स्त्रोत माने जाते हैं।
अस्थमा के रोगियों को इस बढ़ते प्रदूषण में अधिक से अधिक हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। हरी सब्जियों के सेवन से फेफड़ों में कफ जमा नहीं होता है, ऐसे में अस्थमा अटैक आने का खतरा भी कम होता है। साथ ही हरी सब्जियों के नियमित सेवन से आंते और फेफड़ों की परेशानियां दूर रहती हैं।
शहद और दालचीनी
शहद और दालचीनी का सेवन करने से सर्दी-जुकाम की समस्याएं दूर रहती हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों के लिए भी शहद और दालचीनी फायदेमंद साबित हो सकता है। रात में सोने से शहद और दालचीना का सेवन करें। इससे अस्थमा में होने वाली परेशानियां दूर रहेंगी।
तुलसी सर्दी और कफ की परेशानियों को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। तुलसी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में सर्दी-जुकाम के रोगियों को अपने डाइट में तुलसी के पत्तों को शामिल करना चाहिए। अगर आप सुबह चाय पीते हैं, तो चाय में 2-3 पत्तियां डालें। ऐसे में आपको अस्थमा में होने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी।
दालों का करें सेवन
दालों के सेवन से शरीर को प्रचुर रूप से प्रोटीन मिलता है। सोयबीन, काला चना, मूंग दाल, अरहर की दाल जैसे कई अन्य दालों के सेवन से आपका शरीर स्वस्थ रहता है। ऐसे में नियमित रूप से दाल को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए। यह फेफड़ों के लिए भी अच्छा माना जाता है। ऐसे में अस्थमा के रोगियों को दाल का सेवन जरूर करना चाहिए। पाचनतंत्र को स्वस्थ रखने के लिए भी दाल अच्छा होता है।
क्या कहती हैं डायटिशियन
हमारी न्यूट्रिशनिस्ट स्वाति बाथवाल बताती हैं कि वायु प्रदूषण में अस्थमा की परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं। ऐसे में अस्थमा के रोगियों को अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्थमा के मरीजों को सुबह उठकर सबसे पहले 1 गिलास गर्म नींबू पानी पीना चाहिए। नींबू पानी पीने के करीब 30 मिनट बाद मैथी के दानों का सेवन करें। मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगो दें, सुबह उठकर इसका पानी पिएं। साथ ही मेथी के दानों को चबाकर खाएं।
स्वाति बताती हैं कि मैथी खाने के बाद एक लहसुन लें। इसे छिलकर करीब 30 सेकंड के लिए धूप में छोड़ें। इसके बाद इस लहसुन को शहद के साथ खा लें। यह अस्थमा रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।
अस्थमा रोगी पिएं ये हर्बल टी
इसके अलावा स्वाति ने एक हर्बल टी के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि अस्थमा रोगियों के लिए हर्बल टी काफी फायदेमंद होता है। हर्बल टी तैयार करने के लिए एक पैन में 1 गिलास पानी डालें। इसमें 1 छोटा सा टुकड़ा सौंठ लें। इसमें 3-4 काली मिर्च, तुलसी की 3-4 पत्तियां और एक चुटकी हल्दी मिलाएं। करीब 10 मिनट तक उबलने के बाद इसे छान लें और पी जाएं। इसके अलावा नियमित रूप से भाप लेने से भी अस्थमा की परेशानियां कम होती हैं।
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