World Asthma Day 2025: अस्थमा, एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों में सूजन की समस्या हो जाती है। इसके अलावा संक्रमण की वजह से आपके फेफड़ों की नलियां सिकुड़ जाती हैं जिससे तेज खांसी आने के साथ सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। लेकिन, अगर हम आपसे कहें कि अस्थमा की वजह से आपको दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती है तो? अगर आपको इस पर भरसो नहीं हो रहा है तो आपको कार्डियक अस्थमा और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के बारे में जानना चाहिए। इसी बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने Dr. Gulshan Rohra Consultant Cardio-thoracic Surgeon Wokhardt Hospitals, Mumbai Central से बात की।
क्या अस्थमा में दिल की धड़कन बढ़ जाती है-Does Heart Rate Increase in Asthma in Hindi
हां, अस्थमा के दौरे के दौरान हृदय गति बढ़ सकती है। यह स्थिति-जिसे टैचीकार्डिया (tachycardia) कहा जाता है। यह ऑक्सीजन के लो स्तर और सांस लेने के काम में वृद्धि के लिए शरीर की प्रतिक्रिया है। जब अस्थमा के दौरे के दौरान वायुमार्ग संकीर्ण हो जाते हैं, तो फेफड़े ऑक्सीजन का प्रभावी ढंग से आदान-प्रदान करने के लिए संघर्ष करते हैं। प्रतिक्रिया में, शरीर के ऊतकों में जो भी ऑक्सीजन उपलब्ध है उसे प्रसारित करने के लिए हृदय तेजी से धड़कता है।
हालांकि, ब्रोन्कियल अस्थमा को कार्डियक अस्थमा से अलग करना जरूरी है, जो एक वास्तविक अस्थमा की स्थिति नहीं है। कार्डियक अस्थमा का मतलब कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (CHF) के कारण घरघराहट, खांसी या सांस फूलना है, न कि वायुमार्ग की सूजन।
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कार्डियक अस्थमा क्या है- What is Cardiac Asthma in Hindi
कार्डियक अस्थमा, अस्थमा का ही एक रूप है। इसमें व्यक्ति को खांसी और फेफड़ों में घरघराहट के लक्षण महसूस होते हैं। इतना ही नहीं समय के साथ यह लक्षण और भी गंभीर रूप लेने लगते हैं और दिक्कत तब बढ़ जाती है जब आपका दिल शरीर से ब्लड पंप नहीं करता है और सांस न ले पाने की वजह से व्यक्ति की स्थिति और खराब होने लगती है। कैसे, समझते हैं इसे विस्तार से।
अस्थमा और हार्ट फेलियर का संबंध-Cardiac Asthma and Congestive Heart Failure
Dr. Gulshan Rohra बताते हैं कि कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में, हृदय कुशलतापूर्वक रक्त पंप नहीं कर पाता है, जिससे फेफड़ों में द्रव का निर्माण होता है और पल्मोनरी कंजेशन की स्थिति देखी जा सकती है। यह द्रव वायुमार्ग को परेशान कर सकता है, जो अस्थमा के लक्षणों की नकल करता है। मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, खासकर जब वे लेटते हैं, साथ ही पैरों में थकान और सूजन भी हो सकती है। पारंपरिक अस्थमा के विपरीत, कार्डियक अस्थमा में वायुमार्ग की अति-संवेदनशीलता या एलर्जी शामिल नहीं होती है, यह हृदय के संघर्ष का संकेत है इसलिए इस दौरान यह देखना चाहिए कि आपके दिल का काम काज कैसा है।
अंतर को पहचानना महत्वपूर्ण है ब्रोन्कोडायलेटर्स जैसी सामान्य अस्थमा दवाओं के साथ कार्डियक अस्थमा का इलाज करने से अस्थायी राहत मिल सकती है, लेकिन अंतर्निहित हृदय समस्या का समाधान नहीं होगा। ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम और चेस्ट एक्स-रे जैसे परीक्षणों के माध्यम से उचित निदान आवश्यक है। संक्षेप में, जबकि अस्थमा कम ऑक्सीजन के कारण हृदय गति बढ़ा सकता है, कार्डियक अस्थमा हृदय विफलता का एक चेतावनी संकेत है। प्रारंभिक विभेदन और उपचार श्वसन और हृदय स्वास्थ्य दोनों के लिए परिणामों में काफी सुधार कर सकता है।
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कार्डियक अस्थमा के लक्षण-Cardiac Asthma Symptoms in Hindi
कार्डियक अस्थमा के लक्षणों में आपके फेफड़ों में सूजन की समस्या हो जाती है। इतना ही नहीं आपको घरघराहट, खांसी और सांस लेने में भी कठिनाई हो सकती है। इतना ही नहीं खराब ब्लड सर्कुलेशन की वजह से आप अपने हाथ और पैर में सूजन की समस्या भी देख सकते हैं। ऐसे में आपको लक्षणों को नजरअंदाज न करके डॉक्टर से इस बारे में बात करना चाहिए, ताकि इस दिक्कत से आप बाहर आ सकें।
बचाव में आप इनहेलर की मदद ले सकते हैं जो ब्रोन्कियल और कार्डियक अस्थमा दोनों में तेजी से राहत महसूस करा सकते हैं। हालांकि, डॉक्टर इस स्थिति में पहले अस्थमा का ट्रीटमेंट देते हैं ताकि स्थिति मैनेज हो सके। इसके बाद डॉक्टर जांच करते हुए कार्डियक अस्थमा की वजह हार्ट फेलियर के खतरे को कम करने की कोशिश करते हैं। तो अगर आपको इस बीमारी के कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हों तो इन्हें नजरअंदाज न करें बल्कि तुरंत ही डॉक्टर को दिखाएं और इस स्थिति से बाहर आने की कोशिश करें।
FAQ
अस्थमा का अटैक कैसे शुरू होता है?
अस्थमा का अटेक एलर्जेन के संपर्क में आने के साथ शुरू होता है। सबसे पहले व्यक्ति को सूखी खांसी की समस्या होती है और फिर यह दिक्कत बढ़कर सीने में घरघराहट, सूजन और फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह बन सकती है। इसके अलावा व्यक्ति को कंजेशन और सांस लेने में दिक्कत भी महसूस हो सकती है।क्या अस्थमा के मरीजों को गुड़ खाना चाहिए?
गुड़ में भरपूर मात्रा में आयरन होने के कारण यह अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता बढ़ जाती है। इससे अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।क्या घी फेफड़ों के लिए अच्छा है?
घी फेफड़ों के लिए अच्छा है। गाय का देसी घी गर्म करके लगाने से फेफड़ों को गर्माहट मिलती है और लक्षणों में कमी आती है। इसके अलावा इससे फेफड़ों में सूजन की समस्या कम हो जाती है। तो अस्थमा के मरीज इन उपायों को आजमा सकते हैं।