How Does Asthma Affect Sleep Quality in Hindi: अगर रात में अच्छी नींद न आए, तो इसका असर हमारे दिनभर के काम पर पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद जरूरी होता है। लेकिन, अक्सर अस्थमा से पीड़ित मरीजों को सोने में समस्या हो सकती है। दरअसल, रात के समय अस्थमा का सबसे ज्यादा प्रभाव नजर आता है, जो आपके नींद पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, अस्थमा के ट्रिगर्स को समझने के साथ रात के समय अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करना भी जरूरी है, ताकि आप बेहतर नींद ले सके। ऐसे में आइए गुरुग्राम के नारायणा अस्तपाल के सीनियर कंसल्टेंट- पल्मोनोलॉजी डॉ. पीयूष गोयल (Dr. Piyush Goel, senior consultant-pulmonology Narayana hospital Gurugram) से जानते हैं कि अस्थमा और नींद में क्या कनेक्शन है? इसके साथ ही ये भी जानने की कोशिश करेंगे की अस्थमा के साथ नींद की गुणवत्ता में सुधार कैसे करें?
अस्थमा का नींद पर प्रभाव - Effects Of Asthma On Sleep in Hindi
अस्थमा एक पुरानी श्वसन समस्या है, जो फेफड़ों में सूजन और सांस की नली में संकुचन के कारण होती है। यह समस्या न केवल शारीरिक रूप से परेशान करती है, बल्कि नींद की गुणवत्ता पर भी गहरा असर डाल सकती है। जैसे-
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1. रात के समय अस्थमा के लक्षण
अस्थमा के लक्षण दिन के मुकाबले रात के समय ज्यादा बढ़ जाते हैं। जब व्यक्ति लेटता है, तो सांस नलिकाओं में ज्यादा सूजन हो सकती है, जिससे सांस लेने में समस्या होती है। कफ, घरघराहट, और सीने में कसाव जैसी समस्याएं रात में ज्यादा महसूस होती हैं, जो नींद को प्रभावित करती हैं।
2. बार-बार उठना
अस्थमा के कारण रात में बार-बार नींद टूट सकती है। दरअसल, जब सांस लेने में तकलीफ होती है, तो व्यक्ति पूरी रात आराम से नहीं सो पाता। इस तरह बार-बार नींद खुलने से शरीर को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता है और यह थकान का कारण बन सकता है।
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3. नींद की गुणवत्ता में कमी
नींद की कमी से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को चिड़चिड़ापन, तनाव, और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नींद की कमी से शरीर का इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षण और ज्यादा बढ़ सकते हैं।
अस्थमा के साथ नींद में सुधार करने के लिए क्या करें? - What To Do To Improve Sleep With Asthma in Hindi?
1. अस्थमा का सही इलाज
अस्थमा के सही इलाज के लिए जरूरी है कि आप पर्याप्त मात्रा में नींद जरूरी है। अस्थमा से पीड़ित मरीज नियमित रूप से डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन करें। इनहेलर और लोंग एक्टिंग दवाएं सही समय पर लेने से अस्थमा के लक्षण कंट्रोल किए जा सकते हैं, जिससे रात को सांस की समस्या कम हो सकती है।
2. सोने का सही तरीका
कुछ लोग पाते हैं कि जब वे अपने सिर को ऊंचा करके सोते हैं, तो सांस लेना आसान हो जाता है। इसलिए, तकिया या बेड की ऊंचाई बढ़ाकर सोने से फेफड़ों में दबाव कम हो सकता है और सांस की तकलीफ को कम किया जा सकता है।
3. एलर्जी और प्रदूषण से बचाव
कमरे में धूल, मच्छर, और प्रदूषण अस्थमा के लक्षण बढ़ा सकते हैं। इसलिए, कमरे को साफ रखने, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने और खिड़कियां बंद रखने से अस्थमा के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार (What is the best way to sleep with asthma?) हो सकता है।
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4. मेडिकेशन का सही समय
अस्थमा की दवाओं का सही समय पर सेवन करने से आपकी नींंद की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है। अगर डॉक्टर रात में दवा लेने के लिए कहे तो आप उसी समय पर दवा लें। इससे रात को होने वाली सांस की समस्या से राहत मिल सकती है।
5. विश्राम और तनाव कम करना
मानसिक तनाव और एंग्जाइटी अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। इसलिए सोने से पहले आरामदायक गतिविधियों जैसे कि ध्यान, हल्का योग, या गहरी श्वास लेने जैसी एक्सरसाइज आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
निष्कर्ष
अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए नींद की क्वालिटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। सही इलाज, साफ वातावरण और स्वस्थ सोने की आदतों से अस्थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है और नींद में सुधार हो सकता है।
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FAQ
जब नींद ना आए तो क्या करना चाहिए?
अगर रात को नींद न आए तो आप अपने बिस्तर पर लेटने के बाद कुछ ऐसी गतिविधियां करें, जो आपके दिमाग को शांत कर सके, जैसे गहरी सांस लेना, संगीत सुनना, और कमरे के तापमान और रोशनी को कम रखना। ऐसे करने से आपको जल्दी नींद आ सकती है।कौन से विटामिन की कमी से नींद नहीं आती है?
विटामिन डी की कमी अक्सर नींद न आने की समस्या हो सकती है, क्योंकि ये मेलाटोनिन के प्रोडक्ट्स को प्रभावित करत ाहै, जो नींद को कंट्रोल करने वाला हार्मोन है।अस्थमा किसकी वजह से होता है?
अस्थमा मुख्य रूप से वायुमार्ग में सूजन और सिकुड़न के कारण होता है, जिससे सांस लेने में समस्या होती है। इतना ही नहीं अस्थमा को कई चीजें ट्रिगर हो सकता है, जिसमें एलर्जी, इंफेक्शन, और वायु प्रदूषण शामिल है।