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मलेरिया की जांच के लिए कौन-कौन से टेस्ट कराने चाहिए? जानें डॉक्टर से

मलेरिया को बढ़ने से रोकने के लिए समय पर जांच कराना जरूरी है। जानें इसकी जांच के लिए कौन से टेस्ट कराने चाहिए।   
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मलेरिया की जांच के लिए कौन-कौन से टेस्ट कराने चाहिए? जानें डॉक्टर से


Types of Malaria Test: वातावरण का तापमान बढ़ने के साथ मलेरिया का खतरा भी बढ़ने लगता है। यह मादा मच्छर (एनोफिलीज) के कांटने से फैलने वाली बीमारी है। इस समस्या में व्यक्ति को तेज बुखार होता है। साथ ही उल्टी, चक्कर, ठंड लगने और सिर दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। समय रहते इस समस्या का पता न लगने पर यह गंभीर रूप भी ले सकता है। मलेरिया का बुखार बिगड़ने पर व्यक्ति को ब्रेन हैमरेज तक हो सकता है। इसलिए समय रहते इसकी जांच और इलाज दोनों जरूरी है। इसके लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही होते हैं, ऐसे में बिना जांच के इसका पता लगाना भी मुश्किल है। आइए वर्ल्ड मलेरिया डे पर आपको बताएं कि इस समस्या के लिए कौन-से टेस्ट कराने (Malaria Test In Hindi) जरूरी हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि नोएडा के न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स लैब के चीफ डॉ विज्ञान मिश्रा से।

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मलेरिया की जांच के लिए कौन-कौन से टेस्ट कराने चाहिए- Diagnostic Test For Malaria

शारीरिक परिश्रण- Physical Examination

अगर मरीज को बुखार, पसीना आना, ठंड लगना या थकावट ज्यादा होने जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो शारीरिक परिश्रण के जरिए जांच की जा सकती है। यह सबसे पहला परिश्रण माना जाता है, जिससे मलेरिया का पता लगाया जा सकता है। 

मेडिकल हिस्ट्री- Medical History

मलेरिया की जांच के लिए कई डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री भी देखते हैं। इसमें मरीज की मलेरिया की पुरानी रिपोर्ट हिस्ट्री या लक्षणों में बदलाव के जरिए मलेरिया का पता लगाने की कोशिश की जाती है। 

इसे भी पढ़ें- बुखार आने पर कितने दिन में करवाना चाहिए डेंगू और मलेरिया का टेस्ट? डॉक्टर से जानें इसके बारे में

ब्लड टेस्ट- Blood Test

मलेरिया की जांच के लिए ब्लड टेस्ट कराना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर ये ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं- 

ब्लड की माइक्रोस्कोप से जांच

जांच के एक तरीके में ब्लड की बूंद को माइक्रोस्कोप से देखा जाता है। इसके जरिए ब्लड में मलेरिया पेरासाइट्स के होने का पता लगाया जाता है।

रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी)- Rapid Diagnostic Test

रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट आसानी और जल्दी रिजल्ट देने वाला परिश्रण है। इसके जरिए ब्लड में मलेरिया एंटीजेंस होने का पता लगाया जाता है। 

क्वांटिटेटिव बफी कोट टेस्ट- Quantitative Buffy Coat

क्वांटिटेटिव बफी कोट टेस्ट मलेरिया की जांच के लिए जरूरी माना जाता है। इसके जरिए मलेरिया के पेरासाइट्स की बारिकी से जांच की जाती है। इस टेस्ट के जरिए खून में इसके असर का पता लगाते हैं। 

इसे भी पढ़ें- मलेरिया क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार

लिवर फंक्शन टेस्ट- Liver Function Test

मलेरिया की समस्या लिवर को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए मलेरिया होने पर डॉक्टर्स लिवर फंक्शन टेस्ट कराने की सलाह भी देते हैं। इसके जरिए लिवर की स्थिति और फंक्शन का पता लगाया जाता है। 

कम्प्लीट ब्लड काउंट- Complete Blood Count (CBC)

मलेरिया की समस्या में मरीज को एनीमिया होने का खतरा भी रहता है। साथ ही, इस दौरान प्लेटलेट्स काउंट ज्यादा गिर सकता है। इसलिए कम्प्लीट ब्लड काउंट कराने की सलाह दी जाती है, जिससे ब्लड काउंट का पता लग सके। 

इलेक्ट्रोलाइट्स टेस्ट- Electrolyte Tests

मलेरिया होने पर शरीर में डिहाइड्रेशन भी हो जाता है। इस दौरान शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस बिगड़ने लगता है। इसलिए एक्सपर्ट्स इलेक्ट्रोलाइट्स टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।

अगर आपको मलेरिया का कोई भी लक्षण नजर आता है, तो आपको बिना देरी किये इसकी जांच के लिए जाना चाहिए। सही समय पर जांच के जरिए इंफेक्शन को बढ़ने से रोका जा सकता है। 

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