मलेरिया (Malaria) बुखार बहुत ही खतरनाक बुखार होता है, इसमें समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी होता है नहीं तो ये मरीज को गंभीर स्थिति में भेज सकता है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। यह आमतौर पर संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। संक्रमित मच्छर प्लास्मोडियम परजीवी को ले जाते हैं।
जब यह मच्छर आपको काटता है, तो परजीवी आपके रक्तप्रवाह में निकल जाता है। एक बार जब परजीवी आपके शरीर के अंदर आने के बाद वो खून में मौजूद रेड ब्लड सेल्स को संक्रमित करने का काम करते हैं। जिसके कारण आप एनीमिया का भी शिकार हो सकते हैं। लेकिन रक्त प्लेटलेट्स (Blood Platelets) मलेरिया को नष्ट कर सकते हैं। लेकिन एस्पिरिन की एक खुराक उसे मारने की शक्ति को विफल करने के लिए पर्याप्त हो सकती है।
चूहों पर हुए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि रक्त प्लेटलेट्स (Blood Platelets) घातक मलेरिया (Malaria) परजीवी को नष्ट कर सकते हैं। लेकिन एस्पिरिन की एकल खुराक प्लेटलेट्स के साथ हस्तक्षेप कर सकती है ताकि उनकी हत्या की शक्ति को कम किया जा सके। मलेरिया के इलाज के लिए एस्पिरिन का इस्तेमाल अक्सर बीमारी के साथ होने वाले तेज बुखार को कम करने के लिए किया जाता है।
RBC पर करते हैं हमला
प्लेटलेट्स रक्त के थक्के और रक्त वाहिका की मरम्मत में उनकी भूमिका के लिए अच्छी तरह से जाने जाता है। आपको बता दें कि पिछले अध्ययनों से पता चला है कि प्लेटलेट्स शरीर की जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली में सक्रिय हैं, जो हमलावर संक्रमण के लिए तेजी से प्रतिक्रिया करता है। इसलिए मलेरिया से लड़ने में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विशेष रूप से अहम हो जाती है, जो एक बार परजीवी द्वारा पीड़ित की लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला करने के बाद लक्षणों का कारण बनता है।
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'प्लेटलेट्स मलेरिया के संक्रमण को रोकने में करता है मदद'
साइमन फूटे, हॉवर्ड ह्यूजेस मेडिकल इंस्टीट्यूट अंतर्राष्ट्रीय शोध विद्वान मेन्ज़ीज़ रिसर्च इंस्टीट्यूट, तस्मानिया विश्वविद्यालय (Simon Foote, a Howard Hughes Medical Institute international research scholar at the Menzies Research Institute, University of Tasmani) कहते हैं कि मलेरिया में प्लेटलेट्स एक प्रमुख कारक है जो लोगों को एक मलेरिया (Malaria) संक्रमण में जल्दी मरने से रोकता है।
जानकारी के मुताबिक, जब फूटे और उनके सहयोगियों ने अपने प्रयोग शुरू किए, तो उन्होंने पाया कि प्लेटलेट (Blood Platelets) की कमी वाले चूहों को सामान्य प्लेटलेट्स वाले चूहों की तुलना में मलेरिया से मरने की ज्यादा संभावना थी। फूटे का कहना है कि इसका मतलब है कि प्लेटलेट्स मलेरिया संक्रमण के जन्मजात प्रतिक्रिया का हिस्सा हैं।
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शरीर में कितनी होनी चाहिए प्लेटलेट्स की संख्या
आमतौर पर कई ऐसी संक्रमित बीमारियां है जिनके कारण मरीज के शरीर से ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। डेंगू, मलेरिया, टायफस, टायफाइड और ज्यादा दर्द निवारक गोलियों का सेवन करने से इनकी संख्या कम होने लगती है। लेकिन सवाल ये है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या कितनी होनी चाहिए।
आपको बता दें कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में करीब डेढ़ से 4 लाख ब्लड प्लेटलेट्स होते हैं। लेकिन वहीं, अगर डेंगू, मलेरिया और ़टायफाइड जैसे गंभीर बीमारियों के कारण मरीजों की प्लेटलेट्स 50 हजार या उससे कम भी पहुंच जाती है, जो एक गंभीर स्थिति बन जाती है। इसलिए जरूरी होता है कि इस तरह की बीमारियां जिनमें खून की प्लेटलेट्स (Blood Platelets) कम होने लगे उन स्थितियों में इसकी संख्या बढ़ाना और सही इलाज कराना बहुत जरूरी होता है, नहीं तो मरीज की जान को भी खतरा हो सकता है।
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