When to do Anemia Test: एनीमिया खून से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है। एनीमिया होने पर शरीर रेड ब्लड सेल्स ठीक तरह से नहीं बन पाते हैं। इस स्थिति में शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। एनीमिया का समय से पता लगाए जाने पर इसे ठीक किया जा सकता है। लक्षण दिखाई देने पर आपको एनीमिया का टेस्ट कराना चाहिए। चूंकि खून की कमी होने से शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाता है। आइये गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. दिव्या वोहरा से जानते हैं इसके बारे में।
कब कराएं एनीमिया की जांच?
एनीमिया की जांच वैसे तो आप लक्षण दिखने पर कभी भी करा सकते हैं। आमतौर पर एनीमिया महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। लड़कियों को एनीमिया के लिए पहली स्क्रीनिंग 9 से 13 साल की उम्र में की जानी चाहिए। इस समय लड़कियों के पीरियड्स की शुरुआत होती है। इसके बाद 17 से 18 साल और 20 से 25 साल की उम्र में आयरन की कमी होने से शरीर के अंगों पर स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इससे बचने के लिए एनीमिया की जांच समय-समय पर कराते रहें।
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एनीमिया के लक्षण
- वैसे तो एनीमिया का पता लगाने के लिए आपको इसकी स्क्रीनिंग और ब्लड टेस्ट कराने चाहिए। लेकिन आप लक्षणों की पहचान करके भी एनीमिया का पता लगा सकते हैं।
- अगर आपके नाखून नाजुक हैं और आंखों के रंग में बदलाव है तो यह भी एनीमिया का संकेत हो सकता है।
- त्वचा का रंग पीला होने के साथ ही साथ कई बार उठते और बैठते समय चक्कर आना भी इसका लक्षण है।
- जीभ पर सूजन आने के साथ ही अगर आपको सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही है तो हो सकता है कि आपको एनीमिया है।
एनीमिया से बचने के तरीके
- एनीमिया से बचने के लिए आपको हरी पत्तेदार सब्जियां खाने के अलावा विटामिन सी से भरपूर फल खाने चाहिए।
- इसके लिए आप खुबानी, किशमिश और रेड मीट का सेवन कर सकते हैं।
- इसके लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे शरीर में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़ती है।