Pap Smear Test: फीजिकल हेल्थ को मेनटेन रखने के साथ ही आपको सेक्शुअल हेल्थ का भी ध्यान रखना चाहिए। कुछ महिलाओं को अक्सर यूट्रस से जुड़ी समस्याएं रहती हैं। इसलिए महिलाओं को भी वेजाइनल हेल्थ का उतना ही ध्यान रखना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए आपको PAP SMEAR test कराना चाहिए। इस टेस्ट को कराने से न केवल सर्वाइकल कैंसर बल्कि, अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। आइये साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनोक्लॉजिस्ट डॉ. विभा बंसल से जानते हैं इस टेस्ट के बारे में।
क्या है Pap Smear Test?
पैप स्मीयर टेस्ट एक प्रकार का टेस्ट है, जो आमतौर पर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसे पैप टेस्ट भी कहा जाता है। इस टेस्ट को करने के दौरान महिलाओं के यूट्रस के निचले हिस्से की कोशिकाओं का सैंपल लिया जाता है। इस टेस्ट के दौरान वेजाइना में एक डिवाइस लगाकर इसकी जांच की जाती है। इस टेस्ट को करने में बहुत कम समय लगता है। 30 वर्ष से उपर की महिलाओं में यह टेस्ट किए जाने के साथ ही साथ एचपीवी (HPV) वायरस का भी टेस्ट किया जाता है।
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क्यों जरूरी होता है pap smear test?
महिलाएं कई बार ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) की चपेट में आ जाती है। यह वायरस आमतौर पर सेक्स करने या फिर त्वचा से त्वचा का संपर्क होने से हो सकती है। यह धीरे-धीरे करके सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेती है। इसलिए शुरुआती चरणों में एचपीवी इंफेक्शन और सर्वाइकल कैंसर का पता लगाए जाने के लिए PAP SMEAR टेस्ट जरूरी होता है। इस टेस्ट के जरिए सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो महिलाओं को हर 3 से 5 साल के बीच यह टेस्ट कराते रहना चाहिए।
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टेस्ट कराने से पहले ध्यान रखें ये बातें (Precautions before Pap Smear Test)
- अगर आप पैप स्मीयर टेस्ट कराने जा रही हैं तो ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- ऐसे में वेजाइनल क्रीम, दवाओं या फिर किसी प्रकार के ल्यूब्रीकेंट का इस्तेमाल करने से बचें।
- यह टेस्ट कराने से कम से कम 2 दिन पहले आपको सेक्स करने से बचना है।
- पीरियड्स खत्म होने के कम से कम 5 दिनों बाद इस टेस्ट को कराना चाहिए।