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IVF में क्यों किया जाता है AMH टेस्ट? डॉक्टर से जानें इसका महत्व

Khushkhabri with IVF: आईवीएफ प्रक्रिया को शुरु करने से पहले महिलाओं को कई तरह के टेस्ट से गुजरना पड़ता है। इस लेख में डॉक्टर से जानते हैं कि आईवीएफ के दौरान महिलाओं को AMH टेस्ट क्यों किया जाता है और इसका क्या महत्व होता है?
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IVF में क्यों किया जाता है AMH टेस्ट? डॉक्टर से जानें इसका महत्व


Khushkhabri with IVF: आज के समय में प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करने वाले महिला और पुरुषों की संख्या भारी इजाफा देखने को मिला है। दरअसल, समय के साथ महिलाओं और पुरुषों की जीवनशैली में कई तरह के बदलाव आए है। आज के दौर में व्यक्ति करियर को बनाने के लिए चिंतित है। ऐसे में ज्यादातर पुरुष व महिला फाइनेंशियल रूप से खुद को स्टेबल करने के बाद ही शादी करने का निर्णय लेते हैं। लेकिन, इस स्थिति तक पहुंचने में उनको कई बार अधिक देर हो जाती है। ऐसे में ज्यादातर व्यक्तियों को प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, यह गर्भधारण न कर पाने की समस्या का कारण बन सकती है। ऐसे में कई बार डॉक्टर्स कपल्स को आईवीएफ प्रक्रिया चुनने की सलाह देते हैं।

आईवीएफ प्रक्रिया को कई चरणों में शामिल किया जाता है। इसमें सबसे पहले महिला व पुरुष के कई टेस्ट किए जाते हैं। जिसमें एंटी-मुलरियन हार्मोन - एएमएच (AMH - Anti-Müllerian Hormone) टेस्ट को भी शामिल किया जाता है। आईवीएफ प्रक्रिया का यह एक महत्वपूर्ण टेस्ट माना जाता है। इस लेख में नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी सेंटर पुणे की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉक्टर रश्मि निपादकर (Dr Rashmi Niphadkar - Fertility Specialist at Nova IVF Fertility, Pune) से जानते हैं कि AMH टेस्ट क्या होता है और आईवीएफ प्रक्रिया में AMH टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण होता है?

एएमएच टेस्ट क्या है? - What Is AMH In Hindi

एएमएच (AMH - Anti-Müllerian Hormone) एक हार्मोन है जो महिलाओं के अंडाशय में मौजूद एंट्रल फॉलिकल्स (Antral Follicles) द्वारा बनाया जाता है। यह हार्मोन महिला के ओवरी रिजर्व्स (Ovarian Reserve) के बारे में बताता है। आसान शब्दो में कहें तो यह बताता है कि महिला की ओवरी में कितने स्वस्थ एग्स बचे हुए हैं। एएमएच का स्तर उम्र के साथ घटता है, क्योंकि जन्म के समय एक महिला के एग्स की संख्या अधिक होती है, लेकिन समय के साथ यह कम होती जाती है। इसलिए, यह टेस्ट महिलाओं की प्रजनन क्षमता को समझने और आईवीएफ की सफलता दर को निर्धारित करने में सहायक होता है।

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एएमएच टेस्ट की प्रक्रिया कैसे की जाती है? - Procedure Of AMH Test In Hindi

आईवीएफ या महिलाओं की प्रजनन स्वास्थय से जुड़ी समस्या में AMH Test किया जाता है। इसमें महिला के ब्लड के सैंपल को किया जाता है। इस टेस्ट को करने के लिए किसी विशेष समय या मेंस्ट्रुणल साइकिल के किसी विशेष दिन की आवश्यकता नहीं होती। यह किसी भी दिन किया जा सकता है। इसके टेस्ट के लिए क्लेक्ट किए गए ब्लड को लैब में भेजा जाता है, जहां पर हार्मोन के स्तर की जांच की जाती है। इसकी रिपोर्ट सामान्यत: 24 घंटे में आ जाती है। डॉक्टर के अनुसार एएमएच का स्तर एएमएच स्तर (ng/mL) में मापा जाता है। इसमें 1.0 - 3.5 के स्तर को सामान्य प्रजनन क्षमता, 0.7 - 1.0 कम ओवेरियन रिजर्व, 0.3 - 0.7 को बहुत कम ओवेरियन रिजर्व और 0.3 से कम को खराब प्रजनन क्षमता की श्रेणी में रखा जाता है। यदि एएमएच स्तर सामान्य से कम है, तो इसका मतलब यह है कि महिला के एग्स की संख्या कम हो रही है, जिससे गर्भधारण की संभावना भी कम हो जाती है।

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आईवीएफ प्रक्रिया में AMH Test का महत्व - Importance Of AMH Test During IVF In Hindi

आईवीएफ (IVF) एक ऐसी तकनीक है जो उन महिलाओं के लिए वरदान साबित होती है जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं। आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान एएमएच टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण होता है। इसके बारे में आगे जानते हैं।

ओवरी रिजर्व्स का पता लगना

एएमएच टेस्ट यह पता लगाने में मदद करता है कि ओवरी में एग्स की उपलब्धता कितनी है। इससे डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि आईवीएफ के लिए कितनी मात्रा में हार्मोनल दवाओं की आवश्यकता होगी।

आईवीएफ की सफलता दर का अनुमान लगना

यदि महिला का एएमएच स्तर सामान्य है, तो उसकी आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता दर अधिक होती है। कम एएमएच स्तर वाली महिलाओं को आईवीएफ के लिए अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं।

ओवरी स्टिम्यूलेशन

आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान महिलाओं को ओवेरियन स्टिमुलेशन (ओवरी को स्टिम्यूलेट करने के लिए हार्मोनल दवाएं) दी जाती हैं। एएमएच स्तर के आधार पर यह तय किया जाता है कि किस प्रकार की दवा और कितनी मात्रा में दी जानी चाहिए।

डोनर एग (Egg Donation) का निर्णय लेने में आसानी

यदि किसी महिला का एएमएच स्तर बहुत कम है और उसके एग्स स्वस्थ नहीं हैं, तो डॉक्टर डोनर एग (दूसरी महिला के एग्स) से आईवीएफ करवाने की सलाह दे सकते हैं।

एएमएच स्तर कम वाली महिलाओं के लिए क्या उपाय करने चाहिए? - Lifestyle Changes For Low AMH Women In Hindi

  • जिन महिलाओं के AMH का स्तर कम होता है, उनको डाइट में प्रोटीन युक्त आहार, हरी सब्जियां और फल खाने की सलाह दी जा सकती है।
  • इस दौरान महिला के तनाव को कम करने के लिए उन्हें योग या मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है।
  • महिला की स्थिति की आधार पर डॉक्टर विटामिन डी, कोएंजाइम क्यू10 और डीएचईए सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दे सकते हैं, जो ओवरी की गुणवत्ता सुधारने में मदद कर सकते हैं।
  • यदि प्राकृतिक रूप से गर्भधारण संभव नहीं है, तो आईवीएफ या अन्य सहायक प्रजनन तकनीकों (ART) का सहारा लिया जा सकता है।

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एएमएच स्तर को स्वाभाविक रूप से बढ़ाना संभव नहीं है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और कुछ दवाओं से अंडाणुओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है। आमतौर पर 1.0 - 3.5 ng/mL का एएमएच स्तर आईवीएफ के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन कम एएमएच स्तर होने पर भी आईवीएफ सफल हो सकता है। एएमएच टेस्ट प्रजनन क्षमता का आकलन करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जो गर्भधारण की योजना बना रही हैं या आईवीएफ उपचार ले रही हैं। यह टेस्ट डॉक्टरों को सही प्रजनन उपचार चुनने में मदद करता है और आईवीएफ की सफलता दर को बढ़ाने में सहायक होता है। यदि किसी महिला का एएमएच स्तर कम है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। उचित चिकित्सा और जीवनशैली में सुधार से प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है।

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