Pap Smear Test in Hindi: महिलाओं की सेहत से जुड़ी बीमारियों का पता लगाने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट (pap smear test) कराना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर समय रहते पैप स्मीयर टेस्ट करा लिया जाए तो सर्वाइकल से जुड़ी कई बीमारियों का जल्दी पता चल सकता है। इसमें सर्वाइकल कैंसर भी शामिल है। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान के लिए महिलाओं के लिए पैप स्मीयर टेस्ट कराना बहुत जरूरी है। वैसे कई बार देखा गया है कि महिलाएं जब पहली बार पैप स्मीयर टेस्ट कराने जाती हैं, तो बहुत घबराहट महसूस करती हैं। इसलिए हमने कानपुर के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. निखत सिद्दीकी (Dr. Nikhat Siddiqui, Obstetrics & Gynaecology, Consultant, Apollo Spectra Hospital, Kanpur) से बात की और जाना कि महिलाएं जब पहली बार पैप स्मीयर टेस्ट कराए, तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पहली बार पैप स्मीयर टेस्ट कराते समय रखें 5 बातों का ध्यान
जांच से पहले सेक्चुअल संबंध न बनाएं
डॉ. निखत कहते हैं, “महिलाओं को पैप स्मीयर टेस्ट से कम से कम 48 घंटे से पहले यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इससे टेस्ट पर असर पड़ सकता है। कई बार डॉक्टर कम से कम 24 घंटे पहले तक यौन संबंध बनाने की मनाही करते हैं।”
क्लीनिंग से बचें
डॉ. निखत बताते हैं कि कुछ महिलाएं अपने वजाइना की सफाई करते समय काफी तेजी से पानी डाल देती हैं जिसे डूशिंग भी कहते हैं। कुछ महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट्स को गर्म पानी से बार-बार धोने लगती हैं। इससे भी पैप स्मीयर का नमूना प्रभावित होता है। इसलिए वजाइना की तेज सफाई या गर्म पानी से धोने से बचना चाहिए।
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टैम्पौन या दवाइयों और क्रीम का इस्तेमाल न करें
डॉ. निखत कहते हैं, “पैप स्मीयर कराने से पहले किसी भी तरह का टैम्पोन या वजाइना में किसी भी तरह की क्रीम का इस्तेमाल न करें। इससे कई बार वजाइना के आसपास की कोशिकाएं प्रभावित होती है और रिपोर्ट पर असर पड़ता है। इसलिए पैप स्मीयर से पहले क्रीम का इस्तेमाल न करें।”
पीरियड्स के दौरान टेस्ट न कराएं
डॉ. निखत ने बताया कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बिल्कुल भी पैप स्मीयर टेस्ट न कराएं। पीरियड्स के दौरान ब्लड के कारण सैंपल लेना मुश्किल हो जाता है और पैप स्मीयर का टेस्ट गलत भी हो सकता है। इसलिए पीरियड्स खत्म होने के 5 से 7 दिन बाद पैप स्मीयर टेस्ट के लिए जाएं।
स्ट्रेस न लें
डॉ. निखत कहते हैं, “जब महिलाएं पहली बार पैप स्मीयर टेस्ट कराती हैं, तो वे बहुत ज्यादा घबराहट और स्ट्रेस में होती है क्योंकि उन्हें लगता है कि वजाइना में डिवाइस डालने पर दर्द महसूस होगा लेकिन यह एक बहुत ही सामान्य और सुरक्षित टेस्ट है, जिसमें पेल्विक का एग्जामिनेशन किया जाता है। हो सकता है कि कुछ महिलाओं को हल्का दवाब या स्ट्रेस महसूस हो, लेकिन इस प्रक्रिया में दर्द नहीं होता। बस महिलाओं को गहरी सांस लेकर रिलैक्स होना चाहिए। महिला जितना आराम से टेस्ट कराती है, उतना ही यह टेस्ट आसान हो जाता है।”
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रेगुलर पैप स्मीयर टेस्ट कराना जरूरी
डॉ. निखत कहते हैं कि जो महिलाएं पहली बार टेस्ट कराती हैं, उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पैप स्मीयर टेस्ट नियमित रूप से कराना चाहिए। महिलाओं को 21 साल की उम्र के बाद तीन साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए। लेकिन जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास है, उन्हें डॉक्टर की सलाह लेकर पैप स्मीयर टेस्ट समय-समय पर कराते रहना चाहिए।
पैप स्मीयर क्यों जरूरी है?
डॉ. निखत कहते हैं, “पैप स्मीयर का टेस्ट सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए कोशिकाओं में होने वाले प्रीकैंसरस बदलाव के बारे में बता देता है। दरअसल, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) सर्वाइकल कैंसर का एक बड़ा कारण होता है और पैप स्मीयर से इसका पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, कई बार महिलाओं को असामान्य ब्लीडिंग, बार-बार संक्रमण या वजाइना में दर्द की समस्या होती है, तो पैप स्मीयर टेस्ट से इसके कारणों को समझने की कोशिश की जाती है। पैप स्मीयर टेस्ट के बीमारी के कारणों को जानकर इसका समय रहते इलाज किया जा सकता है।”
क्या पैप स्मीयर दर्दनाक है?
डॉ. निखत बताते हैं कि जब महिलाएं पहली बार पैप स्मीयर टेस्ट के लिए जाती हैं, तो उन्हें लगता है कि यह प्रक्रिया दर्दनाक होगी और इसी वजह से वे इस टेस्ट को कराने से बचती है, लेकिन ये प्रक्रिया बिल्कुल भी दर्दनाक नहीं होती। हालांकि कुछ महिलाओं को थोड़ा अनकंफर्टेबल या स्ट्रेस महसूस हो सकता है, लेकिन इसे दर्द नहीं कहा जा सकता। बस इस बात का ध्यान रखना होता है कि अगर महिला स्ट्रेस में होती है, और वजाइना की मांसपेशियों को रिलैक्स नहीं करती, तो हल्की असहजता या दर्द हो सकता है। ऐसी स्थिति में महिला को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
पैप स्मीयर टेस्ट से महिलाओं को डरना नहीं चाहिए बल्कि ये टेस्ट तो सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव में मदद करती है। पहली बार यह टेस्ट कराने से पहले घबराएं नहीं, बल्कि सही जानकारी और सावधानियों के साथ इसे अपनाएं। सबसे जरूरी है कि इस टेस्ट को डॉक्टर की सलाह पर रेग्लुर कराते रहें। इस टेस्ट को बिना डर के कराएं क्योंकि ये टेस्ट आपकी सेहत के लिए जरूरी है।
FAQ
स्मीयर पॉजिटिव का मतलब क्या होता है?
पैप स्मीयर का रिजल्ट पॉजिटिव आने का मतलब है कि सर्वाइकल ग्रीवा में असामान्य ग्रोथ है, लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि ये कैंसर का संकेत हो। इसके लिए आगे जांच कराना जरूरी है।पैप स्मीयर किट क्या है?
पैप स्मीयर टेस्ट किट में सर्विक्स की कोशिकाओं को इकट्ठा करने के लिए एक स्पैटुला, ब्रश और ग्लास स्लाइड शामिल होती है। इन डिवाइस के इस्तेमाल से डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा से असामान्य कोशिकाओं के नमूने लेते हैं।पैप स्मीयर क्या है?
पैप स्मीयर (Pap smear) गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर या कैंसर बनने से पहले होने वाले कोशिका परिवर्तनों की जांच के लिए की जाने वाली एक प्रक्रिया है, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं को इकट्ठा कर माइक्रोस्कोप के नीचे जांच की जाती है।