Pap Smear Test During Periods in Hindi: महिलाओं को शारीरिक देखभाल के साथ-साथ अपने वजाइना की साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए। कई बार जनांगों में खुजली और ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) वायरस होने का खतरा भी रहता है। इसके अलावा, महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना भी रहती है। (reason for pap smear test) इस तरह की सभी बीमारियों का समय रहते पता चलने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। पैप स्मीयर टेस्ट सर्वाइकल में होने वाली असामान्य दिक्कतों की जांच करता है। इस टेस्ट की मदद से सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारी को भी रोकने में मदद मिलती है। लेकिन पैप स्मीयर को लेकर अक्सर महिलाओं को यह समझ नहीं आता कि क्या वह यह टेस्ट पीरियड्स में करा सकती है। पैप स्मीयर कराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब नवी मुम्बई के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हास्पिटल्स के स्त्रीरोग विशेषज्ञ विभाग की कंसल्टेंट डॉ. सुक्रीति जैन से बात की।(Dr. Sukirti Jain, Consultant Obstetrics and Gynaecology, Cloudnine Group of Hospitals, Navi Mumbai, Vashi)
क्या पैप स्मीयर टेस्ट पीरियड्स में किया जा सकता है? - Can Pap Smear Test be Done During Periods?
डॉ. सुक्रीति का कहना हैं, “वैसे तो पीरियड्स में पैप स्मीयर कराना सही नहीं है। अगर कुछ मामलों में टेस्ट कराना बहुत जरूरी हो या फिर ब्लीडिंग बहुत कम हो, तो पीरियड्स में टेस्ट किया जा सकता है। हालांकि इसका फैसला डॉक्टर रोगी की स्थिति देखकर करते हैं। लेकिन कुछ वजहों से पीरियड्स में पैप स्मीयर टेस्ट कराना सही नहीं है।”
टेस्ट सटीक न होना - जब टेस्ट में सर्वाइकल सेल्स का सैंपल लिया जाता है, तो पीरियड ब्लड और टिश्यू की वजह से यह साफ नहीं होता। इससे जो भी परिणाम आता है, वह कम सटीक होते हैं। कई बार रिपोर्ट गलत भी आ सकती है, इसलिए पीरियड्स के बाद दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत पड़ती है।
सैंपल साफ न मिलना - पीरियड्स के दौरान टेस्ट कराने पर सर्वाइकल टिश्यू का माइक्रोस्कोप पर विश्लेषण करना मुश्किल हो जाता है।
सुविधापूर्वक न लगना - कई महिलाओं को पीरियड्स में टेस्ट कराने के दौरान दिक्कत महूसस होती है और यह इमोशनल और फिजिकल दोनों तरह की होती है।
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पैप स्मीयर टेस्ट कराने से पहले रखें ध्यान - Precautions Before Pap Smear Test
डॉ. सुक्रीति कहती हैं, “जो महिलाएं पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहती हैं, उन्हें कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, जिससे टेस्ट सटीक आए।”
टेस्ट का समय सही शैड्यूल करें
पैप स्मीयर कराने का सही समय पीरियड साइकल के 10 से 20 दिन के बीच होता है। आप इस चक्र की गिनती पिछले पीरियड के पहले दिन से शुरू करें। यह सर्विक्स सैंपल लेने का सबसे बढ़िया समय होता है। पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग के दौरान टेस्ट न करवाएं।
वजाइना का रखें ध्यान
टेस्ट कराने से 48 घंटे पहले पीरियड्स के दौरान टैम्पॉन, वजाइनल क्रीम या इस तरह की किसी भी तरह के पदार्थ का इस्तेमाल न करें। इससे सर्वाइकल के आसपास के एरिया को प्रभावित करता है, जिससे परिणाम प्रभावित हो सकता है।
यौन संबंध न बनाएं
पैप स्मीयर कराने से 24 से 48 घंटे से पहले किसी भी तरह का सेकसुअल इंटरकोर्स नहीं करना चाहिए। सीमन या लुब्रिकेंट सैंपल को प्रभावित कर सकता है।
दवाइयों के बारे में बताएं
अगर आप किसी भी तरह की दवाई या इलाज करा रही हैं, तो टेस्ट से पहले डॉक्टर को इसकी जानकारी जरूर दें। किसी भी तरह की दवाई लेने के बाद अगर टेस्ट कराया जाए, तो पैप स्मीयर टेस्ट प्रभावित हो सकता है।
टेस्ट से पहले खुद को रिलेक्स रखें
टेस्ट से पहले स्ट्रेस होने से मांसपेशियों में टेंशन बढ़ती है, जिससे प्रक्रिया मुश्किल हो जाती है। प्रक्रिया के दौरान गहरी सांस लें और खुद को रिलेक्स करें।
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पीरियड्स के दौरान पैप स्मीयर कैसे करते हैं?
डॉ. सुक्रीति कहती हैं, “अगर पीरियड्स में पैप स्मीयर कराना पड़ता है, तो भी प्रक्रिया वही रहती है। इस प्रक्रिया में सर्विक्स को देखने के लिए वजाइना में स्पैकुलम डाला जाता है और फिर छोटे ब्रश या स्पैटुला से सर्विक्स से सेल्स लिए जाते हैं। फिर इन सेल्स को लैब में परीक्षण के लिए भेज दिया जाता है।”
पीरियड्स के दौरान पैप स्मीयर टेस्ट करते समय योनि के आसपास जमा खून को साफ किया जाता है, ताकि सर्विक्स से सैंपल साफ लिया जा सके। आमतौर पर डॉक्टर पीरियड्स के दौरान पैप स्मीयर करने की सलाह नहीं देते, लेकिन अगर इस दौरान टेस्ट किया जाता है, तो पीरियड्स के बाद भी इस प्रक्रिया को दोबारा करने की सलाह दी जाती है।
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