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महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच किस उम्र से शुरू करनी चाहिए? डॉक्टर से समझें

डॉक्टर का मानना है कि अगर कैंसर की फैमिली हिस्ट्री है, तो ब्रेस्ट कैंसर की जांच समय से पहले कराना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
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महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच किस उम्र से शुरू करनी चाहिए? डॉक्टर से समझें


महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम कैंसर माना जाता है। आंकड़ों के अनुसार, डब्लूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में दुनियाभर में 6 लाख 70 हजार महिलाओं की मृत्यु की वजह ब्रेस्ट कैंसर था। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दुनिया के हर देश में ब्रेस्ट कैंसर के मामले पाए गए हैं। डब्लूएचओ ने साल 2022 की इस रिपोर्ट में यह भी बताया कि 185 देशों में से 157 देशों में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम कैंसर है। अगर महिलाओं को समय रहते ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाए, तो इलाज की प्रक्रिया काफी हद तक सरल हो सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि महिलाओं को किस उम्र से ब्रेस्ट कैंसर की जांच शुरू कर देनी चाहिए। इस बारे में हमने मैक्स हेल्थकेयर के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी से बात की।

ब्रेस्ट कैंसर की फैमिली हिस्ट्री न होने पर जांच की उम्र

डॉ. कुमारदीप दत्ता ने बताया कि वैसे तो महिलाओं को सेल्फ चेकअप 20 साल की उम्र में शुरू कर देना चाहिए। ब्रेस्ट को हाथ से दबाकर देखें कि कहीं कोई गांठ तो नहीं है। इसके अलावा, ब्रेस्ट के बगल में भी दोनों तरफ हाथ से चेक करना जरूरी है। अगर फैमिली में कैंसर हिस्ट्री नहीं है, तो महिलाओं को 40 की उम्र के बाद साल में एक बार मेमोग्राफी करवानी चाहिए। अगर एक साल में नहीं करवा रही हैं, तो दो साल में एक बार तो जरूर ही करवाएं।

ब्रेस्ट कैंसर की फैमिली हिस्ट्री होने पर जांच की उम्र

फैमिली हिस्ट्री होने पर कुछ बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। डॉ. कुमारदीप दत्ता ने उदाहरण देते हुए समझाया, “अगर परिवार में अगर मां को 43 साल की उम्र में कैंसर हुआ है और बहन को कैंसर 50 साल की उम्र में पता चला है, तो इस स्थिति में मां को सबसे कम उम्र में कैंसर हुआ है। ऐसे में परिवार की बाकी महिलाओं को 33 साल की उम्र से ब्रेस्ट कैंसर का चेकअप करवाना शुरू कर देना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि 10 साल पहले से ही कैंसर की चेकअप शुरू कर देनी चाहिए।”

when should women start breast cancer screening expert

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जेनेटिक टेस्ट के फायदे 

अगर परिवार में कैंसर की हिस्ट्री है, तो डॉ. कुमारदीप कहते हैं कि जेनेटिक टेस्ट कराना फायदेमंद रहता है। अगर रोगी का टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो उसे कुछ दवाइयां दी जाती हैं, जिससे रोगी को लंबे समय तक फायदा मिलता है। इसके साथ ही, परिवार के लोगों को भी समय-समय पर कैंसर की स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए। परिवार में महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी कैंसर स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए। अगर परिवार में मां का जेनिटिक टेस्ट पॉजिटिव आया है, तो घर के पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को समय-समय पर स्क्रीनिंग करानी चाहिए।

ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता चलने के फायदे

अगर स्टेज 1 पर पता चल जाए, तो रोगी को बहुत फायदे होते हैं। इस समय ब्रेस्ट में गांठ छोटी होती है, इसलिए पूरा ब्रेस्ट निकालने की जरूरत नहीं होती। सिर्फ गांठ को निकाल दिया जाता है। सर्जरी से पूरा इलाज हो जाता है, कीमोथेरेपी या रेडिएशन की जरूरत नहीं पड़ती।

  • इलाज के साइड इफैक्ट्स बहुत कम होते हैं।
  • बचने के चांस शत-प्रतिशत होते हैं।
  • रिकवरी जल्दी होती है।
  • मानसिक पीड़ा कम होती है।
  • इलाज का खर्च बहुत कम हो जाता है।

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 ब्रेस्ट कैंसर होने की क्या वजह है?

  • जंक फूड मोटापा बढ़ाता है और यह कैंसर होने का रिस्क बढ़ाता है।
  • शराब और स्मोकिंग करना
  • देर से शादी होना
  • ब्रेस्ट फीडिंग न करवाना
  • बच्चा न होना
  • पहला बच्चा 35 साल के बाद होना

 ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए अपना वजन सही रखें, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, शराब और सिगरेट न पिएं, कसरत जरूर करें और संतुलित व पोषक तत्वों से भरपूर आहार शामिल करें।

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