शरीर में कोशिकाओं में होने वाले अनियंत्रित बदलावों की वजह से आपको कई तरह के गंभीर रोग हो सकते हैं। इसमें कैंसर को भी शामिल किया जा सकता है। दरअसल, कैंसर की गंभीरता कई स्टेज के आधार पर तय की जाती है। पहली या दूसरी स्टेज में कैंसर के रोग को मैनेज करना और उसे कम करना बेहद आसान होता है। जबकि, तीसरे और चौथे स्टेज के कैंसर को मैनेज करने और रोकने में थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन, समय के साथ इलाज और टेस्टिंग के तरीकों में बदलाव आया है। जूपीटर अस्पताल, पुणे के ऑनको सर्जरी और कंसल्टेंट डॉक्टर चिराग भिरुड़ के अनुसार जेनेटिक टेस्टिंग से कैंसर की पहचान की जा सकती है। साथ ही, इससे कैंसर के रोग की रोकथाम करने में मदद मिल सकती है।
कैंसर और जेनेटिक्स टेस्टिंग के बीच का संबंध
कैंसर जेनेटिक्स म्यूटेशन के कारण उत्पन्न होता है, जो समय के साथ हमारे डीएनए में इकट्ठा हो जाता है। इस म्यूटेशन की वजह से अनियंत्रित कोशिका वृद्धि हो सकती है, जो कैंसर की पहचान है। कई मामलों में, ये म्यूटेशन किसी व्यक्ति के लाइफ में पर्यावरणीय कारकों, जीवनशैली के तरीको और डीएनए रेप्लिकेशन की वजह से हो सकता है। हालांकि, कुछ व्यक्तियों के जीन्स म्यूटेशन का कारण अनुवांशिक हो सकते है। लेकिन, समय के साथ तकनीक में आए बदलाव की वजह से आप जेनेटिक टेस्टिंग के द्वारा कैंसर के जीन्स म्यूटेशन की संभावना का समय रहते पहचान सकते हैं। उदाहरण के तौर, बीआरसीए1 और बीआरसीए2 में म्यूटेशन ब्रेस्ट और ओवरियन कैंसर के जोखिम का कारक बन सकते हैं। जेनेटिक्स टेस्टिंग्स से कई तरह के कैंसर की पहचान हो सकती है। इसके बाद डॉक्टर कैंसर के लिए सही इलाज का चयन कर सकते हैं।
समय रहते रोग की पहचान करने में मदद मिलती है
जेनेटिक टेस्टिंग से केवल आनुवाशिंक रोगों की पहचान नहीं की जाती है, बल्कि यह कैंसर के प्रारंभिक चरण का निदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ आनुवांशिक म्यूटेशन यूनिक मॉलीक्यूलर होते हैं। जिसका समय पर इलाज करना आसान होता है। जेनेटिक्स टेस्टिंग की मदद से आपको समय पर कैंसर की पहचान हो सकती है। साथ ही, कैंसर के संभावित लक्षणों की पहचान करने में मदद मिलती है।
शरीर के बदलावों को समझने में मददगार
जेनेटिक टेस्टिंग कैंसर के आनुवंशिक आधार को समझने के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है। इससे कैंसर की रिसर्च में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, जेनेटिक टेस्ट कैंसर के विकास से संबंधित नए जीन्स म्यूटेशन की पहचान करने में अहम भूमिका निभाता है।
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कैंसर के लक्षणों को अनदेखा करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे बचाव के लिए आप समय-समय पर टेस्ट कराते रहें और किसी भी तरह की समस्या दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर जल्द से जल्द इलाज शुरु कराएं।