Doctor Verified

Low Dose CT Scan क्या है? लंग कैंसर की जांच में कैसे निभाता है यह अहम भूमिका

लो डोज सीटी स्‍कैन एक इमेजिंग तकनीक है, जो कम रेडिएशन के साथ फेफड़ों की जांच और लंग कैंसर की शुरुआती स्‍टेज का पता लगाने में मदद करती है।
  • SHARE
  • FOLLOW
Low Dose CT Scan क्या है? लंग कैंसर की जांच में कैसे निभाता है यह अहम भूमिका


लंग कैंसर विश्वभर में कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। यह जानलेवा बीमारी धूम्रपान, वायु प्रदूषण और अनुवांशिक कारकों के कारण होती है। शुरुआती चरण में इस बीमारी का पता लगाना मुश्‍क‍िल हो सकता है, लेकिन लो डोज सीटी स्‍कैन की मदद से यह संभव है। लो डोज सीटी स्‍कैन (Low Dose CT Scan) एक आधुनिक इमेजिंग तकनीक है, जिसका इस्‍तेमाल मुख्‍य रूप से फेफड़ों की जांच और लंग कैंसर के प्रारंभिक चरण का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह नॉर्मल सीटी स्कैन की तुलना में कम रेडिएशन का इस्‍तेमाल करता है, जिससे मरीज पर रेडिएशन का प्रभाव कम से कम होता है। लंग कैंसर की प्रारंभिक पहचान और समय पर इलाज के लिए एलडीसीटी (LDCT) बेहद असरदार माना जाता है। इस लेख में हम लो डोज सीटी स्‍कैन को और बेहतर ढंग से समझेंगे और जानेंगे क‍ि इसकी मदद से लंग कैसर का पता कैसे लगाया जाता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने अपोलो कैंसर सेंटर, नई दिल्ली में मेडिकल ऑन्कोलॉजी व‍िभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ मनीष सिंघल से बात की।

लो डोज सीटी स्‍कैन क्या है?- What is Low Dose CT Scan

low-dose-ct-scan

लो डोज सीटी स्‍कैन एक विशेष प्रकार की कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) स्कैन है, जो फेफड़ों की विस्तृत थ्रीडी (3D) छवियां न‍िकालती है। यह तकनीक पारंपरिक सीटी स्कैन के मुकाबले 90 प्रत‍िशत तक कम रेडिएशन का इस्‍तेमाल करती है। इसके जरिए छोटे से छोटे नोड्यूल (गांठ) या असामान्य संरचनाओं का पता लगाया जा सकता है। लो डोज सीटी स्‍कैन ऐसे लोगों के ल‍िए फायदेमंद है ज‍िनमें लंग कैंसर की संभावना ज्‍यादा होती है। जैसे- जो लोग लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं, ज‍िनकी आयु 50 से 80 वर्ष के बीच है और ज‍िनके पर‍िवार में लंग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इत‍िहास रहा है।

इसे भी पढ़ें- CT scan vs PET scan: सीटी स्‍कैन और पीईटी स्‍कैन टेस्‍ट में क्‍या अंतर होता है?

लंग कैंसर की जांच में लो डोज सीटी स्‍कैन की भूमिका- Role of Low Dose CT Scan

1. शुरुआती चरण में कैंसर का पता लगाना

लो डोज सीटी स्‍कैन, लंग कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने में मदद करता है। इस चरण में कैंसर का इलाज ज्‍यादा असरदार होता है और मरीज के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है। पारंपरिक एक्स-रे की तुलना में लो डोज सीटी स्‍कैन ज्‍यादा सटीकता से छोटे नोड्यूल का पता लगाता है।

2. सुरक्षित और दर्दरहित प्रक्रिया

लो डोज सीटी स्‍कैन, एक सेफ और दर्दरहित प्रक्रिया है। यह सिर्फ कुछ मिनटों में पूरा हो जाता है और हॉस्‍प‍िटल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ती।

3. हाई रि‍स्‍क मरीजों के लिए स्क्रीनिंग

जो लोग लंबे समय से धूम्रपान कर रहे हैं या वायु प्रदूषण के संपर्क में ज्‍यादा रहे हैं, उन्‍हें लंग कैंसर होने का ज्‍यादा खतरा रहता है। उनके लिए लो डोज सीटी स्‍कैन, नियमित स्क्रीनिंग का एक अहम हिस्सा बन सकता है।

4. मृत्यु दर कम करना

कई अध्ययनों के अनुसार, लो डोज सीटी स्‍कैन का इस्‍तेमाल लंग कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को 20 प्रत‍िशत तक कम कर सकता है। यह उन मामलों में विशेष रूप से फायदेमंद है, जहां कैंसर लक्षण बढ़ने से पहले ही पहचान लिया जाता है।

5. फेफड़ों की बीमार‍ियों की पहचान

लो डोज सीटी स्‍कैन न केवल कैंसर, बल्कि फेफड़ों की अन्य समस्याओं जैसे एम्फायसेमा (Emphysema), ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के इंफेक्‍शन का भी पता लगाने में सक्षम है।

लो डोज सीटी स्‍कैन की सीमाएं- Limitations of Low Dose CT Scan

हालांकि लो डोज सीटी स्‍कैन एक असरदार प्रक्र‍िया है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं-

  • फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट (गलत अलार्म) के कारण गैर-जरूरी जांच और स्‍ट्रेस हो सकता है।
  • हर व्यक्ति के लिए लो डोज सीटी स्‍कैन सही नहीं होता, जैसे कि गर्भवती महिलाएं।
  • नियमित स्क्रीनिंग के दौरान बार-बार एक्सपोजर से रेडिएशन का खतरा बढ़ सकता है, हालांकि यह कम मात्रा में होता है।

लो डोज सीटी स्‍कैन, लंग कैंसर की जांच के ल‍िए की जाने वाले एक असरदार तकनीक है। यह न केवल कैंसर की शुरुआती पहचान में मदद करता है, बल्कि समय पर इलाज के जरिए मरीज के जीवन को बचाने में भी अहम भूमिका निभाता है।

उम्मीद करते हैं क‍ि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।

Read Next

प्रियंका शुक्ला ने शुरुआती लक्षणों को पहचानकर दी ब्रेस्ट कैंसर को मात, अब पूरी तरह से हैं फिट और हेल्दी

Disclaimer