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फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है Low Dose CT Scan, जानें यह नॉर्मल सीटी स्कैन से कैसे है अलग?

सीटी स्कैन से निकलने वाला रेडिएशन व्यक्ति के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर बार-बार सीटी स्कैन करवाया जाता है, तो इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होनी शुरू हो सकती हैं। ऐसे में अपोलो हॉस्पिटल ने लो डोज सीटी स्कैन (Low Dose CT Scan) की शुरुआत की है।
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फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है Low Dose CT Scan, जानें यह नॉर्मल सीटी स्कैन से कैसे है अलग?


Computed Tomography Scan (सीटी स्कैन) एक तरह का इमेजिंग प्रोसेस है। इसमें एक्स-रे की किरणों का इस्तेमाल किया जाता है और शरीर के अंदर की तस्वीरें ली जाती हैं। सीटी स्कैन की मदद से शरीर के अंदर होने वाली समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। सीटी स्कैन की मदद से जो तस्वीरें ली जाती हैं, उनकी मदद से कैंसर, इंटरनल ब्लीडिंग आदि का पता लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि कैंसर की जांच के लिए भी डॉक्टर सीटी स्कैन करवाने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही, डॉक्टर कैंसर की जांच के लिए समय-समय पर सीटी स्कैन करवाने की सलाह देते हैं। लेकिन, सीटी स्कैन से निकलने वाला रेडिएशन व्यक्ति के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर बार-बार सीटी स्कैन करवाया जाता है, तो इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होनी शुरू हो सकती हैं। अब भारत में लो डोज सीटी स्कैन (Low Dose CT Scan) की शुरुआत कर दी गई है। लो डोज सीटी स्कैन को हर साल करवाने की सलाह दी जाती है। आइए, अपोलो कैंसर सेंटर, नई दिल्ली में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मनीष सिंघल से जानते हैं लो डोल सीटी स्कैन के बारे में-

लो डोज सीटी स्कैन क्या है?- What is Low Dose CT Scan in Hindi

लो डोज सीटी स्कैन को करने में बेहद कम समय लगता है। इस सीटी स्कैन को, नॉर्मल सीटी स्कैन की तरह की किया जाता है। लो डोज सीटी स्कैन, नॉर्मल सीटी स्कैन की तरह की काम करता है। लेकिन, इसमें रेडिएशन की मात्रा काफी कम होती है। फेफड़ों के कैंसर की जांच करवाने के लिए व्यक्ति इस टेस्ट को हर साल करवा सकता है।

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नॉर्मल सीटी स्कैन और लो डोज सीटी स्कैन में अंतर- Low Dose CT Scan vs Normal CT Scan for Lungs

लो डोज सीटी स्कैन में, नियमित सीटी स्कैन की तुलना में कम रेडिएशन का उपयोग किया जाता है। इस स्कैन को फेफड़ों के कैंसर की जांच के लिए किया जाता है। इसमें रेडिएशन की कम मात्रा का उपयोग किया जाता है। इससे शुरुआती लक्षणों को पहचान कर, फेफड़ों के कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है। इस सीटी स्कैन को करवाने से व्यक्ति को रेडिएशन की वजह से होने वाले नुकसान का जोखिम काफी कम होता है। हालांकि, यह बिलकुल सुरक्षित है।

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लो डोज सीटी स्कैन में कम रेडिएशन का उपयोग कैसे किया जाता है?

आपको बता दें कि लो डोज सीटी स्कैन में, नियमित सीटी स्कैन के रेडिएशन का सिर्फ पांचवां हिस्सी निकलता है। लो डोज सीटी स्कैन में लगभग 1.4 मिलीसीवर्ट (mSv) रेडिएशन निकलता है। जबकि एक नॉर्मल सीटी स्कैन में 7 mSv रेडिएशन निकलता है।

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