Lungs Checkup in Hindi: फेफड़े हमारे शरीर के अहम अंगों में से एक हैं। ये शरीर को ऑक्सीजन देते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ते हैं। दरअसल, जब हम सांस लेते हैं तो हवा फेफड़ों में प्रवेश करती है और फिर ऑक्सीजन पूरे शरीर तक पहुंचता है। इसलिए फेफड़ों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है। अक्सर लोग बीमारियों से बचने के लिए लिवर, किडनी और हार्ट हेल्थ का रेगुलर चेकअप करवाते हैं। लेकिन, फेफड़ों की सेहत को महत्व नहीं देते हैं। जबकि, फेफड़ों की भी समय-समय पर जांच जरूर करवानी चाहिए। खासकर, उन लोगों को जो फेफड़ों की बीमारियों को लेकर ज्यादा जोखिम में रहते हैं। इन लोगों में फेफड़ों का कैंसर होने का जोखिम भी ज्यादा रहता है। आइए, अपोलो कैंसर सेंटर, नई दिल्ली में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मनीष सिंघल से जानते हैं कि किन लोगों को फेफड़ों की जांच जरूर करवानी चाहिए?
1. धूम्रपान करने वाले
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से धूम्रपान कर रहा है, तो उसे फेफड़ों की जांच जरूर करवानी चाहिए। खासकर, जो लोग 20 साल से अधिक समय से सिगरेट पी रहे हैं, उनमें फेफड़ों के कैंसर का जोखिम अधिक होता है। अगर आप रोजाना एक दिन में 20 सिगरेट पी रहे हैं और 20 सालों से पी रहे हैं, तो आप में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम बहुत ज्यादा होता है। इस लोगों को हर साल फेफड़ों का चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
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2. 50 साल से अधिक उम्र के लोग
अगर आप 50 साल से अधिक उम्र के हैं, तो हर साल फेफड़ों की जांच जरूर करवाएं। अधिक उम्र के लोगों में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम काफी अधिक होता है। हालांकि, फेफड़ों के कैंसर के मामले बच्चों और युवाओं में देखने को मिल सकते हैं। अधिक उम्र की वजह से फेफड़े भी कमजोर होने लगते हैं। इसकी वजह से फेफड़ों के कैंसर समेत कई अन्य बीमारियां होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
3. वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने वाले लोग
जो लोग फैक्ट्री में काम करते हैं या वायु प्रदूषण वाले इलाकों में रहते हैं, उन्हें अपने फेफड़ों की जांच जरूर करवाते रहना चाहिए। खासकर, दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद ज्यादा होता है। साल के 2-3 महीने दिल्ली और एनसीआर का AQI स्तर 400 से अधिक होता है, जो फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। इसलिए वायु प्रदूषित इलाकों में रहने वाले लोगों में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है।
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4. फेफड़ों की बीमारी वाले लोग
अगर किसी व्यक्ति को फेफड़ों की कोई बीमारी जैसे- टीबी, अस्थमा, सीओपीडी या ब्रोंकाइटिस हैं, तो उनमें फेफड़ों का कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। इन लोगों को समय-समय पर अपने फेफड़ों की जांच जरूर करवाते रहना चाहिए।
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