Lung Cancer in Hindi: फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। यह दुनियाभर में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। यह कैंसर तब होता है, जब फेफड़ों के ऊतकों में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इस स्थिति में कोशिकाएं कई गुणा बढ़ने लगती हैं। धूम्रपान, तंबाकू का धुआं और वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से फेफड़ों के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, कुछ लोगों में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम अधिक होता है। कहा जाता है कि जिन लोगों को पहले से फेफड़ों की कोई बीमारी होती है, उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक रहता है। आइए, अपोलो कैंसर सेंटर, नई दिल्ली में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मनीष सिंघल से जानते हैं इसके बारे में-
क्या फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों में लंग कैंसर का जोखिम अधिक रहता है?
जी हां, फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों में लंग कैंसर का जोखिम काफी अधिक होता है। फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोगों में, फेफड़े के कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है। यानी जिन लोगों को पहले से ही फेफड़ों की कोई बीमारी जैसे- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सीओपीडी हैं, तो उन लोगों में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम भी अधिक रहता है।
- इतना ही नहीं, अगर किसी व्यक्ति को फेफड़ों का संक्रमण या निमोनिया भी है, तो उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
- जो लोग ज्यादा धूम्रपान करते हैं या वायु प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं, उनमें भी फेफड़ों के कैंसर का जोखिम अधिक रहता है।

फेफड़ों की बीमारी वाले लोग लंग कैंसर का जोखिम कैसे कम करें?
- फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को धूम्रपान से परहेज करना चाहिए। इस दौरान धूम्रपान का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
- फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनना चाहिए।
- इन लोगों को रेगुलर एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। इससे फेफड़ों के कैंसर का जोखिम कम हो सकता है।
- फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों को फल और सब्जियों का सेवन जरूर करना चाहिए। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों में फेफड़े के कैंसर का जोखिम अधिक होता है। इसके लिए आपको फेफड़ों की समय-समय पर जांच भी जरूर करवानी चाहिए।