Can Breast Cancer Cause Breathing Problems In Hindi: ब्रेस्ट कैंसर अपने आप में एक गंभीर समस्या है। यह बीमारी तब होती है जब ब्रेस्ट सेल्स की डीएनए में बदलाव होने लगते हैं। वैसे तो अब तक यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है कि आखिर कैंसर जैसी बीमारी क्यों होती है? लेकिन, विशेषज्ञ कुछ कारकों को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं, जैसे जेनेटिक्स और लाइफस्टाइल। जेनेटिक्स यानी अगर घर में पहले किसी को इस बीमारी का इतिहास रहा है तो भावी पीढ़ी में भी ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है। इसी तरह, जिन लोगों की लाइफस्टासइल सही नहीं होती है, जैसे जो बहुत ज्यादा शराब का सेवन करते हैं, फिजिकली इनएक्टिव रहते हैं। ब्रेस्ट कैंसर होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे ब्रेस्ट, चेस्ट या आर्मपिट यानी बगल में गांठ होना, ब्रेस्ट के शेप और साइज में फर्क नजर आना, निप्पल के कलर और साइज का प्रभावित होना आदि। ब्रेस्ट कैंसर की कुछ मरीजों को यह शिकाय करते भी सुना गया है कि उन्हें इस बीमारी के बाद सांस से जुड़ी हो गई है। सवाल है क्या वाकई ब्र्रेस्ट कैंसर की वजह से सांस से जुड़ी बीमारी हो सकती है? आइए, जानते हैं रोहतक स्थित Positron Superspeciality and Cancer Hospital में वरिष्ठ ओंकोलॉजिस्ट डॉ. मनीष शर्मा से इस बारे में।
क्या ब्रेस्ट कैंसर की वजह से सांस से जुड़ी समस्या हो सकती है- Does Breast Cancer Cause Difficulty In Breathing In Hindi
जैसा कि हम सभी यह बात जानते हैं कि कैंसर सेल्स निरंतर ग्रो करते रहते हैं। इसलिए, ब्रेस्ट कैंसर में कीमोथेरेपी की मदद से सेल्स को ग्रो होने से रोका जाता है। बहरहाल, ब्रेस्ट कैंसर होने पर ये सेल्स भी ग्रो करते हैं। कई बार ये कैंसर सेल्स लंग्स तक फैल जाते हैं। ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर के मरीजा को सांस लेने से जुड़ी समस्या हो सकती है। असल में, इसे आप एक लक्षण के रूप में भी देख सकते हैं। आपको बता दें कि सांस से जुड़ी समस्या होने पर हर व्यक्ति की बॉडी अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया कर सकती है। कुछ लोगों के ब्रेस्ट कैंसर के कारण हो रही सांस से जुड़ी समस्या को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। कई बार यह तनाव भरा भी हो सकता है। क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को अगर सांस से जुड़ी प्रॉब्लम होने लगे, तो उनके लिए सांस लेना मुश्किल होने लगता है। आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर के दूसरे स्टेज पर पहुंचने पर सांस से जुड़ी तकलीफें देखने को मिलती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब कैंसर सेल्स लंग्स तक पहुंच जाते हैं, तो ऐसे में लंग इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, ब्रेस्ट कैंसर के दूसरे स्टेज में एयरवेज ब्लॉक होकर नैरो यानी संकीर्ण हो जाती है। इस तरह की स्थिति होने पर भी ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
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ब्रेस्ट कैंसर में सांस से जुड़ी समस्या होने पर नजर आने वाले लक्षण
- ब्रेस्ट कैंसर से में सांस से जुड़ी प्रॉब्लम होने पर मरीज के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है। जब कैंसर सेल्स लंग्स तक पहुंच जाते हैं, तो व्यक्ति के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
- जब ब्रेस्ट कैंसर में लंग्स तक कैंसर सेल्स फैल जाते हैं, तो ऐसे में लंग इंफेक्शन हो जाता है, जिससे मरीज को बहुत ज्यादा खांसी होने की समस्या हो जाती है। यह खांसी सामान्यतः ठीक भी नहीं होती है।
- ब्रेस्ट कैंसर के कारण मरीज को चेस्ट में दर्द की समस्या भी हो सकती है। यह भी इस बात का ओर इशारा करता है कि ब्रेस्ट कैंसर की वजह से लंग्स प्रभावित हो रहे हैं।
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ब्रेस्ट कैंसर में सांस से जुड़ी समस्या से कैसे निपटें
अगर ब्रेस्ट कैंसर के कारण सांस से जुड़ी समस्या हो जाए, तो इसके प्रति जरा भी लापरवाही न बरतें। यहां बताए गए टिप्स जरूर फॉलो करें-
- तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें और मेडिसिन लें। डॉक्टर आपको इस संबंध में जो दवा दें, उसे नियमित लें।
- सांस से जुड़ी समस्या से निपटने के लिए कुछ खास किस्म की ब्रीदिंग एक्सरसाइज होती हैं। इन्हें अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं।
- खुद को हमेशा रिलैक्स रखें। सांसे से जुड़ी समस्या होने पर न तो ज्यादा तनाव लें और न ही खुद को पैनिक कंडीशन में डालें। इससे आपकी सेहत पर निगेटिव असर पड़ सकता है।
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