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प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं। विशेषकर, पहली और तीसरी तिमाही में। कुछ महिलाएं तीसरी तिमाही में सांस से जुड़ी समस्या से दो-चार होती हैं। American College of Obstetricians & Gynecologists में भी इस बात की पुष्टि होती है। संभवतः उन्हें लगता हो कि यह कोई गंभीर समस्या नहीं है। शरीर का भार बढ़ रहा है और शिशु का विकास तेजी से हो रहा है। इस स्थिति में सांस से जुड़ी समस्या हो सकती है। आपको बता दें कि प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही में सांस से संबंधित समस्या होना नॉर्मल नहीं है। अगर ऐसा किसी के साथ हो रहा है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश हॉस्पिटल में Sr Consultant Obs and Gynaecology डॉ. नीलम बेनारा बता रही हैं कि प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में सांस से जुड़ी समस्या होने पर कब अलर्ट होने की जरूर पड़ती है।
तीसरी तिमाही में सांस से जुड़ी समस्या के कारण
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तीसरी तिमाही में सांस से जुड़ी समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-
हार्मोनल बदलावः प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। इन दिनों प्रोजेस्टेरोन का स्तर काफी ज्यादा होता है। ऐसे में कई बार सामान्य सांस की गति लेने के बावजूद, महिलाओं को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
गर्भाशय का बढ़नाः Harvard Medical School (HMS) में प्रकाशित एक लेख से पता चलता है, "जैसे-जैसे महीने के दिन चढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे शरीर के तमाम ऑर्गन पर दबाव बनने लगता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि गर्भाशय फैलता है और डायफ्रेम (सांस लेने वाली मसल्स) पर प्रेशर बनने लगता है। ऐसे में लंग्स को पूरी तरह खुलने का स्पेस नहीं मिलता है। नतीजतन, लंग्स को अतिरिक्त काम करना पड़ता है, जिससे महिलाओं को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।"
ऑक्सीजन डिमांड बढ़नाः प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंच सके और शिशु का विकास बेहतर तरीके से हो सके।
एनीमियाः प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने बॉडी में आयरन के स्तर को मेंटेन जरूर करना चाहिए। ऐसा न किया जाए, तो न सिर्फ शरीर में ब्लड की कमी हो जाती है, बल्कि ऑक्सीजन सप्लाई भी बाधित होती है। ऐसे में महिला को थकान, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
कब जाएं डॉक्टर के पास?

डॉ. नीलम बेनारा की मानें, तो प्रेग्नेंसी में सांस से जुड़ी समस्या होना सही नहीं है। अगर किसी को अचानक ऐसी प्रॉब्लम हो जाए, सांस लेने में तकलीफ हो रही है, अचानक दिल की धड़कन बढ़ गई है, तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इस तरह के लक्षण किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं। इसलिए, कोशिश करें कि जब भी ऐसा हो, तो तुरंत डॉक्टर पास जाएं और अपना ट्रीटमेंट करवाएं।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी में सांस से जुड़ी समस्या होना किसी भी मायने में नॉर्मल नहीं है। अगर किसी को महिला को अचानक सांस लेने की समस्या होने लगे, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। उन्हें किसी भी स्थिति में इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसका नेगेटिव असर शिशु की ग्रोथ पर पड़ सकता है। यहां तक कि सांस लेने में तकलीफ होना ऐसी कंडीशन है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।
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FAQ
प्रेग्नेंसी में सांस लेने में प्रॉब्लम हो तो क्या करें?
प्रेग्नेंसी में सांस लेने में तकलीफ हो और अन्य शारीरिक लक्षण नजर आए, जैसे सीने में दर्द, तेजी से दिल का धड़कना आदि, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। विशेषज्ञ कहते हैं कि प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही में इस तरह की समस्या होती है, तो बेहतर है कि आप शरीर के ऊपरी हिस्से के नीचे कुछ तकिए रखकर बैठें। इससे आपके गर्भाशय द्वारा आपके फेफड़ों पर पड़ने वाला दबाव कम होगा। इसके अलावा, अगर एक्सरसाइज या किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी कर रहे हैं, तो इन्हें मॉडरेट रखें। हैवी और इंटेंस एक्सरसाइज करने से बचें।कैसे पता चलेगा कि गर्भ में बच्चा स्वस्थ है या नहीं?
गर्भ में बच्चा स्वस्थ है या नहीं, यह जानने के लिए आप शरीर में नजर आ रहे संकेतों और शिशु की हलचल पर गौर कर सकते हैं। इसके अलावा, मां का बढ़ता वजन, ब्लड प्रेशर का सामन्य रहना और प्लेसेंट का सही स्थिति में होना भी यह बताता है कि गर्भ में बच्चा स्वस्थ है और उसका विकास सही तरह से हो रहा है।तीसरी तिमाही में सांस कैसे लें?
तीसरी तिमाही में कई महिलाओं को सांस से संबंधित समस्या हो सकती है। ऐसा शिशु के बढ़ते वजन के कारण होता है। अगर आप चाहते हैं कि प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में सांस लेने की गति सामान्य बनी रहे, तो इसके लिए धीरे-धीरे सांस लें। ध्यान रखें कि छाती की बजाय पेट पूरी तरह से फूल जाए। सांस मुंह या नाक से धीरे-धीरे छोड़ें।
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Current Version
Nov 03, 2025 14:34 IST
Published By : Meera Tagore