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क्या पहली तिमाही में पेट के बल लेटा जा सकता है? डॉक्टर से जानें इसके नुकसान

Can You Lay On Your Belly In The First Trimester In Hindi: पहली तिमही में पेट के बल लेटना सेफ होता है। इसके बावजूद, अगर महिला असहज महसूस करे या कोई शारीरिक दिक्कत है, तो पहली तिमाही में पेट के बल लेटने से बचें।
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क्या पहली तिमाही में पेट के बल लेटा जा सकता है? डॉक्टर से जानें इसके नुकसान


Can You Sleep On Your Stomach In The 1st Trimester In Hindi: कई बार ऐसा होता है कि प्रेग्नेंसी कंसीव करने के पहले सप्ताह में इसका पता नहीं चलता है। कई महिलाएं यौन संबंध बनाने के बाद अपना पहला पीरियड मिस करती हैं, तब वे यह जांच करती हैं कि कहीं उन्होंने कंसीव तो नहीं कर लिया है। इसके पहले तक महिला को यह जानकारी नहीं होती है कि वे प्रेग्नेंट हैं या नहीं। बहरहाल, जैसे ही पता चलता है कि उन्होंने कंसीव कर लिया है, इसके बाद से ही वे अपने चलने-फिरने और उठने-बैठने के स्टाइल तक में बदलाव कर लेती है। यहां तक कि पेट के बल सोने से भी बचती है। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या वाकई प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के बल लेटना सही नहीं होता है? जानें, प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के बल लेटना नुकसानदायक होता है। इस बारे में हमने वृंदावन स्थित Mumma's Blessing IVF और Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। (Pregnancy Mein Pet Ke Bal Sone Se Kya Hota Hai)

क्या पहली तिमाही में पेट के बल लेटा जा सकता है?

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प्रेग्नेंसी के सफर में महिलाओं को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। जैसे-जैसे गर्भ में शिशु का वजन बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे समस्याएं भी बढ़ती रहती हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में महिलाओं को सोने-उठने या बैठने में अधिक दिक्कत नहीं आती है। जहां तक यह सवाल उठता है कि क्या वाकई प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के बल लेटा जा सकता है? इस बारे में डॉक्टर शोभा गुप्ता का कहना है, "प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के बल लेटने में कोई दिक्कत नहीं है। आसानी से महिला पेट के बल लेट सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि पहली तिमाही में गर्भ में पल रहा भ्रूण बहुत छोटा होता है। पेट के बल लेटने से भ्रूण पर किसी तरह का नेगेटिव असर नहीं पड़ता है। साथ ही, पेट के बल लेटने से भ्रूण का विकास भी बाधित नहीं होता है।" डॉक्टर गुप्ता आगे समझाती हैं, "हालांकि, हर प्रेग्नेंट महिला को पहली तिमाही में पेट के बल लेटते हुए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कहीं उन्हें दर्द या अहसजता तो नहीं हो रहती है। अगर ऐसा हो, तो उन्हें पेट के बल नहीं लेटना चाहिए। अगर उन्हें तकलीफ ज्यादा हो, तो डॉक्टर सं संपर्क करना चाहिए।"

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प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के बल लेटते वक्त बरतें जरूरी सावधानी

कंफर्ट का रखें ध्यानः प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के बल लेटते हुए अपने कंफर्ट का ध्यान जरूर रखें। अगर आपको पेट के बल लेटने, उठने-बैठने में कोई दिक्कत न आए, तो आप आराम से पेट के बल लेट सकती हैं। अगर आपको किसी तरह की परेशानी महसूस हो, पेट दर्द हो या अहसजता हो, तो पेट के बल लेटने से बचें।

सोने की पोजिशन बदलेंः प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के बल लेटना पूरी तरह सुरक्षित होता है। लेकिन, जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, महिलाएं पेट के बल नहीं लेट पाती हैं। इसलिए, बेहतर होगा कि आप शुरुआत से ही अपने सोने की पोजिशन में बदलाव करें। ऐसा करने से आपको दूसरी और तीसरी तिमाही में कम समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

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पेट के बल न उठेंः हालांकि, पहली तिमही में पेट के सोना पूरी तरह सेफ है। इसके बावजूद, डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि आपको पेट के बल उठना नहीं चाहिए। कंसीव करने के बाद से महिलाओं को अपने उठने, बैठने और चलने-फिरने का पूरा ध्यान रखना चाहिए। कोई ऐसा मूव न करें, जिससे गर्भ में पल रहे भ्रूण पर नेगेटिव असर पड़ सकता है।

शरीर की सुनेंः प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला को चाहिए कि वे अपने शरीर के सभी लक्षणों पर गौर करें। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही से दिक्कतें होने लगती हैं। वहीं, कुछ महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी के नौ महीने सरल-सहज बीत जाते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आपको किसी तरह की परेशानी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

All Image Credit: Freepik

FAQ

  • पेट के बल सोने से प्रेग्नेंसी में क्या होता है?

    प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के बल सोना सेफ होता है। लेकिन, जैसे-जैसे भ्रूण का आकार बढ़ता जाता है, पेट के बल लेटना चैलेंजिंग हो जाता है। इस दौरान महिलाओं को कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं, जैसे पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन, सांस लेने में दिक्कत, पाचन संबंधी समस्याएं आदि। इसके अलावा, कुछ गंभीर समस्याएं भी ट्रिगर हो सकती हैं। इसलिए, कोशिश करें कि प्रेग्नेंसी में पेट के बल लेटने से बचें।
  • गर्भवती महिला को कितने समय तक लेटना चाहिए?

    प्रेग्नेंसी में महिला को कितनी देर तक लेटना चाहिए, यह उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। सामान्यतौर पर इन दिनों महिलाओं के लिए 8 से 10 घंटे की नींद पर्याप्त होत है। अगर स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो बेहतर है कि डॉक्टर से पूछें कि आपके लिए कितनी देर आराम करना काफी होगा।
  • प्रेग्नेंसी में खाली पेट सोने से क्या होता है?

    प्रेग्नेंसी में महिलाओं को खाली पेट नहीं रहना चाहिए। उन्हें समय-समय पर मील लेते रहना चाहिए। ध्यान रखें कि सही डाइट की मदद से ही गर्भ में पल रहे शिशु का मानसिक-शारीरिक विकास सही तरह से होता है। बहरहाल, गर्भावस्था में खाली पेट से सोने सीने में जलन, गैस बनना और अपच की दिक्कत हो सकती है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 02, 2025 17:33 IST

    Published By : Meera Tagore

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