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Recurrent Breast Cancer: आखिर बार-बार क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर? जानें इसके लक्षण और कारण

रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर का मतलब है कि ट्रीटमेंट के बाद कैंसर का दोबारा होना। जानते हैं इसके लक्षणों और कारणों के बारे में-
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Recurrent Breast Cancer: आखिर बार-बार क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर? जानें इसके लक्षण और कारण


Symptoms And Causes Of Recurrent Breast Cancer In Hindi: ब्रेस्ट कैंसर एक घातक बीमारी है। ब्रेस्ट कैंसर के बारे में हर व्यक्ति को पता होना चाहिए, क्योंकि जब यह आखिरी चरण तक पहुंच जाता है, तो इसमें बचने की संभावना बहुत कम रह जाती है। अगर पहले स्टेज में ही ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाए, तो मरीज की जान भी बचाई जा सकती है। हालांकि, इसके लिए प्रॉपर ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। यह सब तभी संभव हो सकता है, जब आपको कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानते हैं। बहरहाल, क्या आप जानते हैं कि कई बार कैंसर ट्रीटमेंट और रिकवरी के बाद भी दोबारा हो जाता है। इस तरह के कैंसर को रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर के नाम से जाना जाता है। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? इस बारे में हमने नोएडा स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल में सीनियर मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मनीष शर्मा  से बातचीत की।

क्या है रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर

Symptoms And Causes Of Recurrent Breast Cancer

रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर, वह कैंसर होता है, जो कि ट्रीटमेंट होने के बावजूद वापिस आ जात है। हालांकि, ब्रेस्ट कैंसर के ट्रीटमेंट के दौरान कैंसर सेल्स को नष्ट किया जाता है, जिससे व्यक्ति की कैंसर के बढ़ने की संभवना कम हो जाती है। लेकिन, कई बार कैंसर सेल्स पूरी तरह नष्ट नहीं होती हैं और वे वापिस आने लगते हैं। रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर कुछ महीनों या वर्षों में भी लौट सकता है। इसका मतलब है कि ट्रीटमेंट सफल होने के बाद आपको दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क हो सकता है। हालांकि, दूसरी बार हुआ ब्रेस्ट कैंसर कितना घातक है और कितना फैला हुआ है, यह उसके होने के बाद ही पता चल सकेगा। इसलिए, ब्रेस्ट कैंसर से रिकवरी के बावजूद, मरीजों को नियमित रूप से अपना चेकअप करवाते रहना चाहिए।

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रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर का कारण

Symptoms And Causes Of Recurrent Breast Cancer

रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर तब होता है, जब सेल्स ऑरिजिनल ब्रेस्ट कैंसर का हिस्सा रही ट्यूमर से अलग हो जाती है। इस तरह की सेल्स ब्रेस्ट के किसी अन्य हिस्से में छिप जाती है। जिसका सामान्यतः पता नहीं चलता है। हालांकि, यह छिपी हुई सेल्स ब्रेस्ट के अलावा, शरीर के अन्य हिस्सों में छिप सकती हैं। कुछ समय बाद यही सेल्स दोबारा ग्रो करने लगती हैं, जिससे कैंसर डेवेल होने लगता है। रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर से छुटकारा पाने के लिए कीमोथेरेपी, रेडिएशन, हार्मोन थेरेपी या अन्य उपचार लेने होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यही होता है कि कैंसर सेल्स को पूरी तरह नष्ट कर दिया जाए। लेकिन, कभी-कभी ये उपचार कैंसर सेल्स को पूरी तरह खत्म करने में सफल नहीं हो पाती हैं।

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रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

रिकरेंट ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आखिर कैंसर किस जगह से फैलना शुरू कर रहा है। जैसे अगर रिकरेंट कैंसर, ऑरिजिनल कैंसर की ही तरह लौट आता है, तो इसके समान लक्षण हो सकते हैं। वहीं, अगर कैंसर अलग जगह या अलग तरह से फैल रहा है, तो लक्षण भिन्न हो सकते है। फिर भी इसके जो सामान्य लक्षण नजर आ सकते हैं, वे हैं-

  • ब्रेस्ट में गांठ या उभार होना। ऐसा चेस्ट के पास भी हो सकता है
  • निप्पल में बदलाव होना या निप्पल से डिस्चार्ज होना
  • त्वचा में सूजन
  • प्रभावित हिस्से में दाग होना
  • असामान्य रूप से सेल्स टिश्यू का बढ़ना
  • सीने में लगातार दर्द होना
  • निगलने में कठिनाई होना
  • एक हाथ या कंधे में दर्द, सूजन या सुन्नपन होना
  • आर्मपिट में लिंफ नोड्स में सूजन।

All Image Credit: Freepik

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