बीते कुछ सालों में हमारी जिंदगी की रफ्तार इतनी तेज हो गई है कि सेहत के लिए समय निकालना मुश्किल होता जा रहा है। लंबे समय तक ऑफिस में बैठकर काम करना, देर रात तक जागना, पर्याप्त नींद न लेना, लगातार तनाव में रहना और बाहर का प्रोसेस्ड या जंक फूड खाना, ये सब मिलकर हमारे शरीर पर गहरा असर डालते हैं। इसी बदली हुई लाइफस्टाइल के चलते कई गंभीर बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ा है, जिनमें से एक है कैंसर। कैंसर आज के समय में हर साल लाखों लोग कैंसर के शिकार होते हैं और इसमें से कई मरीज इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं। लेकिन एक बड़ा सवाल अक्सर मरीजों और उनके परिवारों के मन में उठता है कि अगर कैंसर एक बार ठीक हो गया है, तो वह फिर से क्यों लौट आता है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. नीतू पांडे (Dr. Neetu Pandey, Associate Consultant, Radiation Oncology, Fortis Hospital, Noida) से बात की-
कैंसर बार-बार क्यों होता है? - Causes Of Recurrent Cancer In Different Body Parts
फोर्टिस हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. नीतू पांडे बताती हैं, ''कैंसर आज के समय में सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन चुका है। विभिन्न अंगों में कैंसर के बार-बार होने के पीछे कई कारण होते हैं, जो जैविक, आनुवंशिक और लाइफस्टाइल से जुड़े हो सकते हैं।''
1. फेफड़े में कैंसर का दोबारा होना
फेफड़ों में कैंसर के लौटने के मुख्य कारणों में धूम्रपान, प्रदूषण और आनुवंशिक प्रवृत्ति शामिल हैं। यदि मरीज पहले स्मोकिंग करता रहा हो या प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक रहा हो, तो कैंसर के दोबारा विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, शुरुआती स्टेज में कैंसर का सही तरीके से पता न चलना भी इसके दोबारा उभरने का कारण बन सकता है।
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2. ब्रेस्ट कैंसर दोबारा होना
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर दोबारा होने का जोखिम उन मरीजों में ज्यादा होता है जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास रहा हो। हार्मोनल बदलाव, उम्र और लाइफस्टाइल जैसे फैक्टर्स भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। सर्जरी या केमोथेरेपी के बाद भी अगर लाइफस्टाइल में सुधार नहीं किया गया, जैसे बैलेंस डाइट और नियमित एक्सरसाइज, तो कैंसर दोबारा विकसित हो सकता है।
3. कोलन और रेक्टल कैंसर
कोलन और रेक्टल कैंसर के बार-बार होने के पीछे मुख्य कारण आंतों में सूजन, असंतुलित डाइट और मोटापा हैं। लाल मांस और फैटी फूड का ज्यादा सेवन, साथ ही फाइबर की कमी, आंत में कैंसर विकसित होने की संभावना बढ़ा सकती है। इसके अलावा, मरीज में पहले से मौजूद कुछ आनुवंशिक मार्कर भी इसके दोबारा होने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
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4. स्किन के कैंसर में दोबारा होना
स्किन के कैंसर में सूरज की किरणों का ज्यादा प्रभाव, स्किन पर चोट और आनुवंशिक प्रवृत्ति मुख्य कारण हैं। यदि मरीज अपने आप को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रखता है, तो स्किन का कैंसर बार-बार लौट सकता है। विशेष रूप से उन लोगों में जिनकी स्किन सेंसिटिव होती है।
5. प्रोस्टेट कैंसर
पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का दोबारा होना मुख्य रूप से उम्र, हार्मोनल बदलाव और आनुवंशिक कारणों से जुड़ा होता है। प्रोस्टेट कैंसर अक्सर धीरे-धीरे बढ़ता है और शुरुआती स्टेज में इसका पता न चलना, साथ ही हार्मोनल असंतुलन, इसे दोबारा उभरने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
सावधानियां
कैंसर के बार-बार होने के खतरे को कम करने के लिए बैलेंस डाइट, नियमित एक्सरसाइज, धूम्रपान और शराब से बचाव, तनाव कम करना और पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही, समय-समय पर मेडिकल चेकअप और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना कैंसर की पुनरावृत्ति यानी दोबारा होने को रोकने में मदद करता है।
निष्कर्ष
अलग-अलग अंगों में कैंसर के बार-बार होने के पीछे जैविक, आनुवंशिक, लाइफस्टाइल और पर्यावरणीय कारण जिम्मेदार हैं। शुरुआती पहचान, सही इलाज और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से पुनरावृत्ति की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है। मरीज और उनके परिवार को सतर्क रहना, समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना और नियमित चेकअप कराना बहुत जरूरी है।
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