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तम्बाकू और सिगरेट न लेने के बावजूद क्यों हो जाता मुंह का कैंसर? जानें डॉक्टर से

Oral Cancer in Hindi: यह तो हम सभी ने सुना है कि तम्बाकू और सिगरेट पीने वालों को मुंह का कैंसर हो सकता है, लेकिन जो लोग इस तरह की नशा नहीं करते, वे भी ओरल कैंसर होने का रिस्क हो सकता है। आइये, डॉक्टर से जानें इसके कारणों को इस लेख में -
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तम्बाकू और सिगरेट न लेने के बावजूद क्यों हो जाता मुंह का कैंसर? जानें डॉक्टर से


Oral Cancer in Hindi: जो लोग सिगरेट और तम्बाकू का सेवन करते हैं, उन्हें मुंह का कैंसर हो सकता है, यह तो कई रिसर्च और डॉक्टरों ने बताई है। इसी के चलते नेशनल ओरल कैंसर रिजस्ट्री के अनुसार, भारत में हर साल 60 हजार लोगों को मुंह का कैंसर हो रहा है। लेकिन जो लोग सिगरेट या तम्बाकू नहीं पीते, उन्हें भी मुंह का कैंसर हो रहा है और इसके होने की वजह सटीक नहीं है। सिगरेट और तम्बाकू के अलावा और कौन से कारण है, जिसकी वजह से लोगों को मुंह का कैंसर हो रहा है, जानने के लिए हमने फरीदाबाद के एकॉर्ड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी एवं सीनियर कंसल्टेंट (Dr Sunny Jain, Senior Consultant & HOD - Medical Oncology, Accord Hospital, Faridabad) डॉ. सनी जैन से बात की। उन्होंने मुंह के कैंसर के कारणों के बारे में बताया और साथ ही लक्षण की पहचान और बचाव पर भी जोर दिया।

मुंह का कैंसर होे की वजह - Causes of Oral Cancer in Hindi

डॉ. सनी जैन कहते हैं, ‘मुंह का कैंसर भारत में पुरुषों में होने वाला सबसे आम कैंसर है और हम अक्सर सुनते हैं कि तम्बाकू और सिगरेट पीने वालों को मुंह का कैंसर होता है। इसके अलावा, बहुत ज्यादा शराब पीना इसका एक सबसे मुख्य कारण है क्योंकि इसमें स्पिरिट होता है जिसकी वजह से मुंह, गले या फ़ूड पाइप (भोजन की नली) का कैंसर हो सकता है। लेकिन जो लोग तम्बाकू नहीं खाते, उन्हें भी मुंह का कैंसर हो सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं।”

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ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) - यह वायरस मुंह के कैंसर का एक मुख्य कारण है। एचपीवी (HPV) की वजह से मुंह का कैंसर और मुंह के पीछे वाला हिस्सा यानी गले के मध्य भाग में ऑरोफेरिंजियल कैंसर भी हो सकता है। ओरल सेक्स करने वाले लोगों में ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) फैल सकता है। इसके अलावा, एक से ज्यादा पार्टनर और अप्राकृतिक सेक्स की वजह से भी ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) फैलता है।

ज्यादा तला-भुना खाना - जो लोग बहुत ज्यादा मसालेदार या ज्यादा तला-भुना खाते हैं, उन्हें मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

डेंचर्स (दांतों के नकली सेट) सही तरीके से फिट न होना - कई मामलों में देखा गया है कि अगर डेंटिस्ट ठीक तरीके से डेंचर्स (दांतों के नकली सेट) को फिट नहीं कर पाते, तो भी ओरल कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है।

मुंह के अंदर इंजरी - अगर कोई नुकीला दांत जीभ के हिस्से या गाल के अन्दर के हिस्से को बार बार टच कर रहा है और वहां पर इंजरी कर रहा है तो यह मुंह और जीभ में कैंसर का बहुत बड़ा कारण बन सकता है।

अनियंत्रित तरीके से सेल्स का बनना - कई बार देखा गया है कि कोई चीज जब मुंह के अंदर की सतह को बार-बार नुकसान पहुंचाती है तो इसकी वजह से ओरल कैंसर हो सकता है क्योंकि बार-बार इंजरी होगी, बार-बार वह ठीक होगा फिर एक समय ऐसा आएगा जब इंजरी हो न हो, वहां पर अनियंत्रित रूप से सेल्स बनते जायेंगे और इसकी वजह से ओरल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।

मुंह के कैंसर के लक्षण क्या है? - Symptoms of Oral Cancer in Hindi

डॉ. सनी जैन के अनुसार लोगों को मुंह के कैंसर के लक्षणों की जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते लक्षणों की पहचान करके जल्दी इलाज करा सकते हैं।

  • एंटीबायोटिक लेने के बावजूद मुंह का छाला ठीक न हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • अगर अचानक आवाज में बदलाव आने लगे, तो ओरल कैंसर हो सकता है।
  • मुंह में कोई गांठ है तो यह ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण होते हैं।
  • खाना निगलने में मुश्किल हो रही है।
  • बिना वजह वजन घटना ओरल कैंसर का कारण हो सकता है।
  • मुंह में लाल और सफेद धब्बे होना ओरल कैंसर की वजह हो सकता है।

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मुंह के कैंसर के टेस्ट - Tests for Oral Cancer in Hindi

डॉ. सनी जैन कहते हैं, “सबसे पहले आपको एक एमआरआई (MRI) या कोई भी इमेजिंग टेस्ट कराना चाहिए ऑर्थोपैंटोमोग्राम (ओपीजी) या दांतों का एक्सरे कराना चाहिए पता चल सके कि कैंसर मुंह के अन्दर कहां तक फैला हुआ है और कितनी गहराई में है। ओरल कैंसर को कन्फर्म करने के लिए मरीज की बायोप्सी कराना जरूरी है। बायोप्सी से ही डॉक्टर पूरी तरह से बता पाते हैं और आगे के इलाज की प्रक्रिया पर बात कर पाते हैं।

ओरल कैंसर से बचाव ऐसे करें - Preventive Measures for Oral Cancer in Hindi

  • अपने मुंह की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
  • शराब, सिगरेट और तंबाकू का सेवन बिल्कुल न करें।
  • मुंह में छाला, लाल या सफेद पैच दिखे, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • एचपीवी (HPV) का वैक्सीनेशन लगवाएं।
  • सेहतमंद लाइफस्टाइल अपनाएं।
  • दांत का इलाज दांत के डॉक्टर से ही करवाएं।

निष्कर्ष

यह जरूरी नहीं है कि जो लोग स्मोकिंग या शराब का सेवन करते हैं, उन्हीं को मुंह का कैंसर हो सकता है। अगर आप मुंह की सफाई का ध्यान नहीं रखते या HPV वैक्सीनेशन नहीं लगाया, तो भी मुंह का कैंसर होने का रिस्क हो सकता है। अगर मुंह में किसी भी तरह की असुविधा या परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

FAQ

  • मुंह का कैंसर ठीक हो सकता है क्या?

    बिल्कुल, मुंह का कैंसर ठीक हो सकता है। अगर मरीज शुरुआती स्टेज पर ही इलाज शुरू कर दे तो इलाज संभव है। लेकिन कैंसर के फैलने पर इसके लक्षणों को मैनेज करके रोगी की जिंदगी की गुणवता पर जोर दिया जाता है।
  • मुंह के कैंसर का क्या इलाज है?

    शुरुआत में मरीज को सर्जरी, रेडियोथेरेपी, या कीमोथेरेपी जैसे तरीकों से इलाज किया जा सकता है। कैंसर का इलाज मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है।
  • कैंसर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है?

    मुंह का कैंसर या किसी भी तरह का कैंसर संक्रमक नहीं होता। कैंसर शरीर की कोशिकाओं के अनुवांशिक बदलावों के कारण होता है जो एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलता।

 

 

 

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