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कैंसर के इलाज में रेडिएशन थेरेपी कब जरूरी होती है? डॉक्टर से जानें

कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज कई तरीकों से किया जाता है। यहां जानिए, कैंसर में रेडिएशन थेरेपी की जरूरत कब होती है?
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कैंसर के इलाज में रेडिएशन थेरेपी कब जरूरी होती है? डॉक्टर से जानें


कैंसर का नाम सुनते ही अक्सर लोग डर और चिंता से भर जाते हैं, लेकिन आज के समय में इसका इलाज संभव है। अगर समय से कैंसर के लक्षणों का पता चल जाए और इसकी जांच हो जाए तो कैंसर का इलाज हो सकता है। रेडिएशन थेरेपी कैंसर के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होने वाली एक मॉडर्न तकनीक है, जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने या उन्हें बढ़ने को रोकने के लिए की जाती है। रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) में हाई-एनर्जी रेडिएशन बीम का इस्तेमाल करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है या उन्हें बढ़ने से रोका जाता है। इस लेख में हम नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. नीतू पांडे (Dr. Neetu Pandey, Associate Consultant, Radiation Oncology, Fortis Hospital, Noida) से जानेंगे, कैंसर के इलाज में रेडिएशन थेरेपी कब जरूरी होती है?

कैंसर के इलाज में रेडिएशन थेरेपी कब जरूरी होती है? - When is radiation therapy used in cancer

डॉ. नीतू पांडे बताती हैं कि रेडिएशन थेरेपी में मशीन या इम्प्लांट के जरिए कंट्रोल मात्रा में रेडिएशन दिया जाता है। यह कैंसर सेल्स के DNA को नुकसान पहुंचाकर उन्हें बढ़ने से रोकता है। रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल अकेले भी किया जा सकता है और कीमोथेरेपी या सर्जरी के साथ मिलाकर भी। इसका उद्देश्य सिर्फ कैंसर का इलाज ही नहीं, बल्कि दर्द या ट्यूमर के आकार को कम करना भी होता है। हालांकि, यह हर मरीज के लिए जरूरी नहीं होती, बल्कि डॉक्टर इसे कैंसर के प्रकार, स्टेज और मरीज की स्थिति के आधार पर तय करते हैं।

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  • कुछ मामलों में ट्यूमर का आकार बड़ा होता है और उसे सीधे निकालना मुश्किल होता है। ऐसे में सर्जरी से पहले रेडिएशन देकर ट्यूमर छोटा किया जाता है।
  • अगर सर्जरी के बाद भी संभावना है कि कुछ कैंसर सेल्स बचे रह गए हैं, तो रेडिएशन थेरेपी से उन्हें नष्ट किया जाता है ताकि कैंसर दोबारा न लौटे।
  • कुछ ट्यूमर सर्जरी से नहीं हटाए जा सकते या मरीज सर्जरी के लिए फिट नहीं होता। ऐसे मामलों में रेडिएशन मुख्य उपचार (How is radiation therapy used to treat cancer) बनता है।
  • कैंसर के अंतिम स्टेज में, रेडिएशन से दर्द, ब्लीडिंग या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षणों को कम किया जाता है।

रेडिएशन थेरेपी के प्रकार - Types of radiation therapy

रेडिएशन थेरेपी के प्रकार अलग-अलग होते हैं और इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह अनुसार किया जाता है। 

External Beam Radiation Therapy मशीन से शरीर के बाहर से हाई-एनर्जी बीम ट्यूमर पर डाली जाती है।
Brachytherapy कैंसर के पास रेडियोधर्मी सीड्स या कैप्सूल रखे जाते हैं।
Stereotactic Radiosurgery (SRS) बेहद सटीक तकनीक, खासकर दिमाग और रीढ़ के ट्यूमर के लिए।

डॉ. नीतू पांडे का मानना है कि रेडिएशन थेरेपी कैंसर के इलाज में जरूरी है, लेकिन इसे हर मरीज के लिए व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर तय किया जाता है। सही समय पर, सही डोज में और सही तकनीक से दी गई रेडिएशन थेरेपी मरीज की जीवन क्वालिटी और बचने की संभावना, दोनों को बढ़ा सकती है।

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निष्कर्ष

रेडिएशन थेरेपी कैंसर के इलाज में बेहद जरूरी है, लेकिन इसका इस्तेमाल तभी किया जाता है जब यह मरीज की स्थिति, कैंसर के प्रकार और स्टेज के अनुसार फायदेमंद हो। इसलिए, अगर डॉक्टर रेडिएशन की सलाह देते हैं, तो उसके फायदे, जोखिम और प्रक्रिया को अच्छे से समझकर ही आगे बढ़ना चाहिए।

All Images Credit- Freepik

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