How to Support cancer patient mentally: कैंसर एक घातक बीमारी है। कैंसर के कई कारक हैं, जिनमें जीवनशैली, खानपान, वायु प्रदूषण और रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक से बनी चीजों का उपयोग बढ़ना है। जब कोई व्यक्ति कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझता है, तो उससे ठीक होने के लिए उसे सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक लड़ाई भी लड़नी होती है। दरअसल, कैंसर के इलाज के दौरान कई प्रकार थेरेपीज, लेजर ट्रीटमेंट और दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जहां किसी आम बीमारी को ठीक होने में 1 से 3 महीनों तक वक्त लगता है।
वहीं, कैंसर से पूरी तरह से ठीक होने में व्यक्ति को सालों का समय लग जाता है। ऐसे में कैंसर के मरीजों के लिए इलाज, दवाओं और थेरेपी के साथ-साथ अपनों का मानसिक स्वास्थ्य भी बहुत जरूरी होता है। हालांकि जब कैंसर के मरीजों का मानसिक साथ देने की बात आती है, तो परिवार वाले, दोस्त और रिश्तेदार समझ नहीं पाते हैं कि आखिरकार इसे कैसे संभव किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको इसी की जानकारी देने वाले हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी दे रहे हैं नई दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. आस्तिक जोशी (Dr Astik Joshi, Child, Adolescent & Forensic Psychiatrist, New Delhi)।
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अकेले की लड़ाई नहीं कैंसर
डॉ. आस्तिक जोशी का कहना है कि किसी भी प्रकार के कैंसर के इलाज के दौरान मरीज को कई प्रकार की मानसिक चुनौतियों से गुजरना होता है। कीमो और अन्य रेडिएशन थेरेपी के दौरान सही न होने का डर, घबराहट, उसका भविष्य क्या होगा और कभी-कभी जीवन से हार मान लेने की भावना मरीज के दिल और दिमाग में घूमती रहती है। ऐसे में दोस्त और परिवार के लोग उनका हाथ थामे और कहें कि वो उनके साथ हैं, तो यह लड़ाई थोड़ी आसान हो जाती है।
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कैंसर के मरीजों को कैसे दें मेंटल सपोर्ट- How to give mental support to cancer patients
डॉ. आस्तिक के अनुसार, अगर आपके या आपके परिवार में कोई व्यक्ति कैंसर से जूझ रहा है, तो आप उसे विभिन्न तरीकों से मेंटल सोर्ट दे सकते हैं।
- कैंसर के मरीज मन ही मन इस बात को मान लेते हैं कि उनकी बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है। इस दौरान उन्हें ऐसे व्यक्ति की जरूरत होती है, जो बिना किसी टोक, सलाह और बहस के उनकी बातों को सुन लें। कैंसर के इलाज के दौरान मरीज की बातों को सुनना इलाज का एक बेहतरीन तरीका है।
- आज के दौर में कैंसर का इलाज 100 प्रतिशत संभव है, लेकिन इसके प्रति अभी भी जागरूकता में कमी देखी जाती है। मरीज को हमेशा इस बात का विश्वास दिलाए कि उनका इलाज हो सकता है, वो हर बुरी परिस्थिति में इस बीमारी से जंग जीत सकते हैं। परिवार और दोस्तों द्वारा कहे गए छोटे-छोटे शब्द मरीजों की आत्मविश्वास और मानसिक बल को बढ़ाते हैं।
- इलाज के दौरान कई बार कैंसर के मरीजों को असहनीय दर्द, गुस्सा और चिड़चिड़ेपन की परेशानी से गुजरना होता है। ऐसे में परिवार वालों को जज्बातों को समझने पर जोर देना चाहिए। परिवार के सदस्य द्वारा कहे गए, आप मजबूत हो, आप इस जंग को जीत सकते हो, क्यों परेशान होते हो, हम हैं न साथ जैसे शब्द मरीज का दर्द और गुस्सा शांत करने में मददगार हो सकते हैं।
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- कैंसर सेल्स शरीर का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर कर देते हैं। इस स्थिति में मरीज के शारीरिक बनावट में कई प्रकार का बदलाव देखा जाता है। इन परिस्थितियों में परिवार वालों को उनके लुक्स की बुराई नहीं करनी चाहिए। उन्हें समझाना चाहिए ये कुछ वक्त की बात है।
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डॉ. आस्तिक का कहना है कि "इलाज डॉक्टर करता है, लेकिन हौसला अपनों से मिलता है।" कैंसर से ठीक होने में कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी की जितनी भूमिका है, उससे कहीं ज्यादा अपनों का साथ, परिवार वालों का प्यार और भावनात्मक जुड़ाव अहम है। कैंसर के मरीज के साथ जब कोई हाथ पकड़कर खड़ा होता है, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और ये सभी चीजें कैंसर के रिकवरी में मददगार साबित होती हैं। अगर आपके परिवार, दोस्त या आस-पड़ोस में कोई शख्स कैंसर से जूझ रहा है, तो उनकी बातों को सुनें, उनके साथ कोई एक्टिविटी जरूर करें।
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FAQ
डिप्रेशन क्यों होता है कैंसर रोगियों में?
कैंसर के मरीजों में डिप्रेशन की समस्या होने का मुख्य कारण कीमोथेरेपी के दौरान होने वाली थकान, भविष्य के बारे में अनिश्चितता, मानसिक डर, परिवार के साथ सही तरीके से तालमेल न बैठा पाना है। कई बार आर्थिक दबाव के कारण भी कैंसर के मरीजों में डिप्रेशन की समस्या देखी जाती है।कैंसर से पीड़ित लोगों का जीवनकाल कितना होता है?
कैंसर से पीड़ित लोगों का जीवनकाल (Life Expectancy) कई बातों पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति को किस प्रकार का कैंसर है, कैंसर के सेल्स शरीर के किन हिस्सों में फैल चुके हैं और इसका इलाज किस प्रक्रिया द्वारा किया जा रहा है। आमतौर पर कैंसर से ठीक होने के बाद मरीज की 10 साल तक जीवित रह सकता है।क्या कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
हां अगर कैंसर की शुरुआती स्टेज है, तो ये पूरी तरह से ठीक हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ कैंसर, जैसे स्किन कैंसर, थायराइड कैंसर और कुछ स्तन कैंसर के मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो सकते हैं और एक सामान्य जीवन जी सकते हैं।