How Does Asthma Impact Mental Health: किसी भी बीमारी से बाहर निकलने और जल्दी ठीक होने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अस्थमा भी एक ऐसी बीमारी है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो सांस लेने के रास्ते को प्रभावित करती है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के फेफड़ों में सूजन हो जाती है और हवा फ्लो कम हो जाता है। लेकिन, सवाल ये उठता है कि अस्थमा जो सांस से जुड़ी बीमारी है, क्या ये हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। आइए जयपुर के नारायणा अस्पताल के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी डॉ. शुभम शर्मा से जानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य पर अस्थमा का क्या प्रभाव पड़ता है?
अस्थमा और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव - Asthma And Its Impact On Mental Health in Hindi
अस्थमा एक शारीरिक समस्या है, लेकिन इसके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। यह बीमारी न केवल शारीरिक परेशानियों का कारण बनती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल सकती है। अस्थमा से जूझ रहे लोग न सिर्फ सांस की तकलीफों से पीड़ित होते हैं, बल्कि इसके कारण उनकी मानसिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है।
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मनुष्य के मानसिक स्वास्थ्य पर अस्थमा का असर
कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी डॉ. शुभम शर्मा का कहना है कि अस्थमा से जूझने वाले लोगों में अक्सर एंग्जाइटी और तनाव की समस्याएं देखने को मिलती हैं। दरअसल, अस्थमा के मरीजों को जब सांस लेने में परेशानी होती है, तो यह उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। सांस की तकलीफ होने के कारण मरीज को हमेशा यह डर बना रहता है कि कहीं उसकी स्थिति और ज्यादा न बिगड़ जाए। बार-बार सांस की दिक्कत को लेकर सोचना व्यक्ति में एंग्जाइटी और तनाव का कारण बन सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करसकता है। इसके अलावा, अस्थमा के कारण व्यक्ति को सामाजिक स्थितियों से भी बचना पड़ता है, जैसे कि बाहर जाने में डर या शारीरिक गतिविधियों से परहेज। इस प्रकार के नकारात्मक प्रभावों से मरीज में आत्म-सम्मान की कमी हो सकती है, और व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकता है।
अस्थमा और डिप्रेशन का कनेक्शन
अस्थमा और डिप्रेशन के बीच सीधा संबंध होता है है। कई अध्ययन बताते हैं कि अस्थमा से पीड़ित लोगों में डिप्रेशन का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा होता है। लगातार रहने वाली शारीरिक परेशानी और सांस लेने में समस्या के कारण व्यक्ति के लाइफ क्वालिटी भी प्रभावित होती है, जिससे मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है और डिप्रेशन की समस्या बढ़ सकती है।
अस्थमा और सोशल लाइफ कनेक्शन
अस्थमा से पीड़ित मरीजों को न सिर्फ मानसिक रूप से स्वास्थ्य समस्या होती है, बल्कि इसका प्रभाव उनके सोशल लाइफ पर भी पड़ता है। अस्थमा से पीड़ित लोगों को सामाजिक रूप से भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें हमेशा खुद को छुपाने या किसी स्थान पर न जाने का डर परेशान कर सकता है। इससे उनकी आत्म-संवेदन और आत्म-सम्मान कम हो सकता है। मानसिक तनाव और एंग्जाइटी से उनका सामाजिक जीवन प्रभावित होता है, जिससे उन्हें अकेलापन महसूस हो सकता है।
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मानसिक स्वास्थ्य के लिए अस्थमा का इलाज - Asthma Treatment For Mental Health in Hindi
अस्थमा का इलाज केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि मरीज को अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देना जरूरी होता है। इसलिए, अस्थमा के मरीज अपने बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए थेरेपी, काउंसलिंग और तनाव कम करने की तकनीकों को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने के लिए मेंटल सपोर्ट जरूरी है, क्योंकि इससे अस्थमा के मरीज अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।इसलिए, अस्थमा के मरीजों को शारीरिक इलाज के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
अस्थमा सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती है। ऐसे में समय रहते अस्थमा का सही इलाज और मेंटल सपोर्ट आपके सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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FAQ
क्या डिप्रेशन अस्थमा का कारण बनता है?
तनाव लेने के दौरान हमारे शरीर में एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन निकलते हैं, जिससे सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। तनाव इम्यूनिटी को कमजोर करता है, जिससे व्यक्ति सांस के इंफेक्शन के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाता है जो अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है।अस्थमा पेशेंट को क्या नहीं खाना चाहिए?
अस्थमा के मरीजों को कुछ तरह के ड्राई फ्रूट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, रिफाइंड फूड आइटम्स, ट्रांस और सैच्युरेटेड फैट और सोडियम फूड्स से बचाव करना चाहिए।अस्थमा की कितनी स्टेज होती है?
अस्थमा का इलाज के स्टेज पर भी निर्भर करता है। अस्थमा के आमतौर पर 4 प्रकार होते हैं, जिसमें इंटरमिटेंट अस्थमा, माइल्ड अस्थमा, मॉडरेट अस्थमा और गंभीर अस्थमा शामिल है।