बीते कुछ वर्षों से लोगों के दिनचर्या में बदलाव देखने को मिले हैं। यह बदलाव शरीर में होने वाली समस्याओं को तेजी से बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में रोगों से बचने के लिए डॉक्टर और एक्सपर्ट कई तरह के बदलाव करने की सलाह देते हैं। शरीर की कोशिकाएं जब अनियंत्रित होकर तेजी से बढ़ने लगती हैं तो इससे कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन, सही समय पर जांच से कैंसर का पता लगाने से कैंसर के गंभीरता को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि कैंसर के इलाज में देरी की जाए तो यह जान का जोखिम बढ़ सकता है। आज आधुनिक मेडिकल साइंस में किमोथेरेपी, रेडिएशन के द्वारा कैंसर का इलाज संभव हैं। लेकिन, इसके बाद भी व्यक्ति को कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। इस लेख में राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट के ऑनकोलॉजिस्ट डॉ हिमांशु रोहिला से जानते हैं कि कैंसर के इलाज के बाद व्यक्ति को किस तरह की एक्सरसाइज रूटीन को फॉलो करना चाहिए।
कैंसर के बाद एक्सरसाइज क्यों जरूरी है?
कैंसर के इलाज के बाद स्वास्थ्य को सामान्य बनाने के लिए कई तरह की सावधानियों को बरतने की आवश्यकता होती है। कई स्टडी से पता चलता है कि कैंसर के बाद हेल्दी रूटीन को अपनाकर कैंसर के दोबारा होने की संभावना को काफी हद तक किया जा सकता है। पोस्ट कैंसर एक्सरसाइज रूटीन कैंसर सर्वाइवर्स को रिकवरी करने में मदद करता है। साथ ही, इससे मरीज को मानसिक शांति मिलती है। एक्सरसाइज रूटीन को फॉलो करने से हार्मोन का स्तर नियंत्रित होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मे भी सुधार होता है। साथ ही, इससे कैंसर कोशिकाओं के दोबारा से बनने की संभावना कम होती है।
- एक्सरसाइज से इंसुलिन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन नियंत्रित होते हैं। यह कैंसर की ग्रोथ से जुडे होते हैं।
- एक्सरसाइज से सूजन में कमी देखने को मिलती है, लंबे समय तक सूजन कैंसर का जोखिम बढ़ाती है।
- मोटापा कंट्रोल में रहता है, जिससे कैंसर के दोबारा होने की संभावना कम होती है।
- इसके अलावा, कैंसर के बाद रिकवरी और दवाओं के प्रभाव को बेहतर करने में एक्सरसाइज से मदद मिलती है।
कैंसर के बाद एक्सरसाइज प्लान - Post-Cancer Exercise Plan in Hindi
कैंसर के बाद का रूटीन
कैंसर के इलाज के तुरंत बाद व्यक्ति को पहले महीने में हैवी एक्सरसाइज न करने की सलाह दी जाती है। रेडिएशन व किमोथेरेपी के प्रभाव से व्यक्ति कमजोर होने लगता है। ऐसे में इलाज के बाद व्यक्ति को करीब 10 से 15 मिनट वॉक करनी चाहिए। साथ ही, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योगासन भी किए जा सकते हैं।
दो से तीन माह के बाद
दो से तीन महीने के बाद मसल्स की ग्रोथ और स्ट्रेंथ पर ध्यान देने के लिए कहा जाता है। इससे स्टेमिना बूस्ट होता है। इस दौरान मरीज को सहज महसूस हो रहा हो तो वह ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं। इसके अलावा, ब्लड सर्कुलेशन के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जैसे ट्री पोज (ट्री पोज के फायदे) आदि कर सकते हैं। साथ ही, बॉडी की बैलेंसिंग एक्सरसाइज पर भी फोकस करना चाहिए।
तीन माह के बाद
इसके दौरान आप साइकिलिंग, स्विमिंग और डासिंग कर सकते हैं। लेकिन, इससे भी ज्यादा जोश के साथ न करें। रबर बैंड्स से स्ट्रेचिंग एक्ससाइज कर सकते हैं। इसके अलावा, मेडिटेशन करने से मदद मिलती है।
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कैंसर के इलाज के बाद भी जीवन को नई एनर्जी से जीया जा सकता है और इसमें एक्सरसाइज एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक सही और नियमित एक्सरसाइज प्लान न केवल शरीर को स्वस्थ बनाता है, बल्कि दोबारा कैंसर होने की आशंका को भी कम करता है।
FAQ
शरीर में कैंसर का पहला लक्षण क्या है?
शरीर में लंबे समय तक सूजन बनी रहना या गांठ का उभरना कैंसर का पहला संकेत हो सकता है। लेकिन, गांठ या सूजन कैंसर का एक मात्र लक्षण नहीं होती है।कैंसर कितने दिन में फैलता है?
कैंसर कितनी तेजी से फैलता है, यह कैंसर के प्रकार, स्टेज और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। कुछ कैंसर कुछ ही महीनों में फैल सकते हैं, जबकि कुछ में सालों लग सकते हैं।कैंसर का पहला स्टेज क्या है?
ट्यूमर कैंसर का पहला स्टेज होता है। यह छोटा होता है और एक ही क्षेत्र तक सीमित रहता है। यह आस-पास के लिम्फ नोड्स या आपके शरीर के अन्य क्षेत्रों में नहीं फैला होता है।