शरीर में होने वाले बदलाव की वजह से कई तरह के गंभीर रोग हो सकते हैं। व्यक्ति के शरीर की कोशिकाओं के डीएनए में होने वाले बदलावों कैंसर की मुख्य वजह मानी जाती हैं। इसके अलावा भी कई कारणों से कैंसर हो सकता है। यह रोग व्यक्ति के शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। अगर, समय रहते इसकी पहचान न की जाए, तो यह रोग जानलेवा हो सकता है। कैंसर कई स्टेज में विभाजित किया जाता है। शुरुआती स्टेज में कैंसर को ठीक करना आसान होता है और इसमें ज्यादा समय नहीं लगता है। लेकिन, तीसरी और चौथी स्टेज के कैंसर का इलाज करने की प्रक्रिया मुश्किल हो सकती है। इसके इलाज में डॉक्टर कई तरह की दवाओं को कीमोथेरेपी का उपयोग करते हैं। इसमें कीमोथेरेपी से कैंसर सेल्स को नष्ट किया जाता है। लेकिन, कीमोथेरेपी से कुछ तरह की समस्याएं भी हो सकती है। इस लेख में आगे जानते हैं कि जूपिटर अस्पताल के ऑन्को सर्जन कंसल्टेंट डॉ. चिराग भीरुड़ से जानते हैं कि कीमोथेरेपी से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं?
कीमोथेरेपी के बाद शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव
ब्रेन पर पड़ने वाले प्रभाव
कुछ लोगों को कीमोथेरेपी के बाद देखने में धुंधलापन महसूस हो सकता है। इसे 'कीमो ब्रेन' की समस्या हो सकती है। इस दौरान आपको तारीखों और लोगोंं के नाम को याद रखने में परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही आपको कई चीजों को याद रखने में परेशानी हो सकती है। हर व्यक्ति में कीमोथेरेपी के प्रभाव अलग-अलग हो सकते हैं।
बालों का कम होना
कीमोथेरेपी के बाद लोगों के बालों की ग्रोथ में कमी आ सकती है। इसके साथ बालों की झड़ने की समस्या हो सकती है। कीमोथेरेपी के तुरंत बाद हार्मोन्स के प्रभाव के चलते बालों की हेल्थ पर असर पड़ सकता है। इससे बालों के आकार, रंग और बनावट पर असर पड़ सकता है। लेकिन, डॉक्टर के अनुसार समय के साथ यह समस्या आसानी से दूर हो जाती है।
हृदय संबंधी समस्याएं होना
कुछ लोगों को कीमोथेरेपी के बाद हृदय संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। कीमो के बाद दवाएं हृदय की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। हृदय की मांसपेशियां का कमजोर होना और हृदय की धड़कने अनियमित होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
ब्लड क्लॉट से जुड़ी समस्या
कीमोथेरेपी, प्लेटलेट्स को प्रभावित कर सकती है। ब्लड, प्लेटलेट्स का एक कंपोनेंट होता है, जो ब्लीडिंग के दौरान रक्त को रोकने में मदद करता है। कम प्लेटलेट काउंट को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) कहा जाता है। इस स्थिति में ब्लीडिंग के बाद ब्लड रूकने में परेशानी होती है। इससे अधिक ब्लीडिंग हो सकती है।
इम्यून सिस्टम में कमजोर
कीमोथेरेपी इम्यून सिस्टम को कमजोर करने का काम कर सकती है। कुछ लोगों में कीमोथेरेपी की वजह से व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या में कमी आ सकती है। ऐसे न्यूपेनिया की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में शरीर बाहरी संक्रमण से लड़ नहीं पाता है और लोगों को बुखार, सर्दी जुकाम और कफ की समस्या हो सकती है।
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कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है। इससे कैंसर का इलाज आसानी से किया जा सकता है। कीमोथेरेपी की वजह से कुछ लोगों के शरीर पर कई तरह के प्रभाव हो सकते हैं। यह प्रभाव समय के साथ अपने आप ही ठीक होने लगते हैं। लेकिन, इस बारे में आप डॉक्टर से बात कर सकते हैं।