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Breast Cancer Awareness Month: ब्रेस्ट कैंसर ट्रीटमेंट के बाद दोबारा कैंसर से कैसे बचें? जानें डॉक्टर से

Breast Cancer Recurrence: ब्रेस्ट कैंसर दोबारा लौटने की चिंता इलाज के बाद मरीज को हमेशा रही है। ब्रेस्ट कैंसर दोबारा न हो, इसके लिए डॉक्टर ने विस्तार से कुछ तरीके बताए हैं।

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Breast Cancer Awareness Month: ब्रेस्ट कैंसर ट्रीटमेंट के बाद दोबारा कैंसर से कैसे बचें? जानें डॉक्टर से


Breast Cancer Recurrence: ब्रेस्ट कैंसर का इलाज होने के बाद महिलाओं को टेंशन रहती है कि सफल इलाज होने के बाद भी कहीं ब्रेस्ट कैंसर दोबारा न लौट आए। ब्रेस्ट कैंसर के दोबारा लौटने का रिस्क हमेशा महिलाओं और उनके परिवार के मन में बना ही रहता है। कई बार देखा भी गया है कि ब्रेस्ट कैंसर पूरी तरह खत्म होने के बाद भी सालों बाद फिर से उभर सकता है। इसकी वजह कई बार महिलाओं का लाइफस्टाइल और खानपान हो सकता है। इसलिए कहा जाता है कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज खत्म होने के बाद भी मरीज को लगातार जांच और डॉक्टर से फॉलो-अप लेते रहना चाहिए ताकि समय रहते इसका इलाज हो सके। Breast Cancer Awareness Month के मौके पर हमने पुणे के बाणेर में मणिपाल हॉस्पिटल्स के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. लखन कश्यप (Dr.Lakhan Kashyap, Consultant Medical Oncology, Manipal Hospitals Baner Pune) से बात की। सबसे पहले जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर में रिकरेंस (breast cancer recurrence) क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर दोबारा होने से क्या मतलब है?

डॉ. लखन कहते हैं कि जब सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन के बाद कैंसर कुछ समय तक नहीं दिखता, लेकिन बाद में उसी जगह या शरीर के किसी और हिस्से में फिर से शुरू हो जाए, तो इसे Breast Cancer Recurrence कहते हैं। अगर कैंसर फिर से ब्रेस्ट या उसके आसपास के हिस्से में लौट आए, तो लोकल रिकरेंस कहते हैं। जब कैंसर महिला के बगल, कॉलरबोन या छाती की लिम्फ नोड्स में फैलता है, तो रीजनल रिकरेंस कहते हैं। जब कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे हड्डियों, फेफड़ों, लिवर या दिमाग तक फैल जाता है, तो डिस्टेंट रिकरेंस कहा जाता है।

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ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद मरीज क्या करें?

डॉ. लखन ने ब्रेस्ट कैंसर मरीजों को इलाज के बाद इन बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है।

डॉक्टर द्वारा बताई गई थेरेपी को पूरा करें

डॉ. लखन कहते हैं कि इलाज के बाद भी कई मरीजों को हार्मोनल थेरेपी या HER2 टारगेटेड थेरेपी जारी रखनी पड़ती है। यह कैंसर की दोबारा वापसी के खतरे को काफी हद तक कम करती है। हार्मोन पॉजिटिव कैंसर में डॉक्टर टैमोक्सीफेन या एरोमाटेज इनहिबिटर जैसी दवाइयां 5 से 10 साल तक दे सकते हैं। HER2-पॉजिटिव मामलों में ट्रास्टुज़ुमैब जैसी टारगेटेड थेरेपी रिकरेंस की संभावना घटाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई बंद न करें क्योंकि यह कैंसर के वापस आने का रिस्क बढ़ा सकता है।

रेगुलर फॉलो-अप और जांच करवाएं

डॉ. लखन ने बताया कि इलाज के बाद डॉक्टर जिस समय फॉलो-अप के लिए कहते हैं, उस समय पर जरूर जाएं। फॉलो-अप की मदद से डॉक्टर कैंसर के दोबारा लौटने के शुरुआती संकेत पहचान सकते हैं। डॉक्टर ब्लड टेस्ट, मैमोग्राफी, PET-CT या MRI जैसी जांच के जरिए मरीज में किसी भी बदलाव को चेक कर सकते हैं। आमतौर पर पहले 2 साल हर 3 से 6 महीने में फॉलो-अप किया जाता है। इसके बाद डॉक्टर 6 से 12 महीने में फॉलो-अप के लिए कहते हैं। फिर 5 साल बाद साल में एक बार मरीज को चेकअप के लिए कहा जाता है।

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लाइफस्टाइल में बदलाव

डॉ. लखन ने ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करा चुकी महिलाओं को कुछ टिप्स दिए हैं।

  1. रेगुलर एक्सरसाइज करें - हफ्ते में कम से कम 150 मिनट मॉडरेट एक्सरसाइज करें। इससे शरीर की सूजन कम होने में मदद मिलती है।
  2. न्यूट्रिशन से युक्त डाइट लें - फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें।
  3. वजन कंट्रोल में रखें - ज्यादा वजन या मोटापा ब्रेस्ट कैंसर रिकरेंस की वजह माना जाता है। इसलिए महिलाओं को अपना BMI 18.5–24.9 बनाए रखना चाहिए।
  4. स्मोकिंग और शराब से दूरी रखें - तंबाकू और अल्कोहल दोनों कैंसर कोशिकाओं को एक्टिव करते हैं। NIH की रिपोर्ट के अनुसार, शराब पीने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर रिकरेंस का खतरा काफी ज्यादा बढ़ा सकता है।
  5. लक्षणों का ध्यान रखें - अगर किसी महिला को लगातार दर्द हो रहा हो, हड्डियों में दर्द, वजन कम होना, थकान या नई गांठ महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। कई बार रिकरेंस के शुरुआती संकेत बहुत हल्के होते हैं। इसलिए किसी भी बदलाव को नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
  6. मेंटल हेल्थ का ध्यान रखें - ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के दौरान महिलाओं को फिजिकल और मेंटली कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है, इसलिए इलाज के बाद महिलाओं को काउंसलिंग, सपोर्ट ग्रुप्स और मेडिटेशन जैसे ग्रुप ज्वाइन कर सकती हैं। इससे महिलाओं की रिकवरी तेज होती है।

निष्कर्ष

डॉ. लखन कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज होने के बाद महिलाओं को खास ध्यान देना चाहिए। इसके लिए रेगुलर चेकअप कराने के साथ लाइफस्टाइल में भी बदलाव करें। इससे कैंसर दोबारा होने का रिस्क कम हो सकता है और अगर महिला को किसी भी तरह का नया लक्षण दिखे, तो उसे अनदेखा न करें।

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  • Oct 17, 2025 13:08 IST

    Modified By : Aneesh Rawat
  • Oct 17, 2025 13:07 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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