
WHO Report in Hindi: अक्टूबर के महीने को दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के तौर पर मनाया जाता है। इस महीने महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी जानकारी दी जाती है ताकि उन्हें कैंसर के लक्षणों की पहले से ही जानकारी मिल सके। लेकिन हाल ही में WHO की रिपोर्ट ने काफी चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में हर एक मिनट में 4 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से जूझती है। इस अकेले तथ्य से पता चलता है कि ब्रेस्ट कैंसर दुनियाभर में कितनी मजबूती से पैर पसार चुका है। डॉक्टर्स का मानना है कि अगर शुरुआत में ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाए, तो इलाज के सफल होने की संभावना 90% तक बढ़ जाती है, लेकिन अगर एडवांस स्टेज पर पहुंच जाए, तो इलाज करना काफी चुनौतीभरा हो जाता है। ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े कई पहलुओं पर हमने फोर्टीज अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट ऑनकोलॉजिस्ट डॉ. निरंजन नायक (Dr. Niranjan Naik, Senior Consultant, Surgical Oncology, Fortis Hospital) से बात की। आइये, सबसे पहले जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है?
ब्रेस्ट कैंसर क्या है?
डॉ. निरंजन कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर में ब्रेस्ट की कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं और फिर आसपास के टिश्यू में फैल जाती हैं। अगर समय पर इलाज न हो, तो यह ट्यूमर अन्य अंगों में भी फैल सकता है। इसलिए समय पर इलाज कराना जरूरी है। इसके अलावा, इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है कि यह समस्या सिर्फ महिलाओं की नहीं है, बल्कि पुरुष भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं। हालांकि ये आंकड़ा काफी कम है।
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WHO की रिपोर्ट क्या कहती है?
WHO की रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2022 में 23 लाख महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर था और दुनियाभर में करीब 6 लाख 70 हजार महिलाओं की मृत्यु हुई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, 99 प्रतिशत महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी पाई गई हैं और पुरुषों में यह आंकड़ा 0.5-1% होता है। इसलिए महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की जानकारी देना बहुत महत्वपूर्ण है।
ब्रेस्ट कैंसर के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
डॉ. निरंजन ने ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी होने के कुछ कारण बताए हैं।
- बदलता लाइफस्टाइल - महिलाओं में जंक फूड, स्ट्रेस और फिजिकल एक्टिविटी न करने के कारण हार्मोन्स बैलेंस नहीं रहते, इसलिए ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है।
- लेट मैरिज और देर से प्रेग्नेंसी - आजकल महिलाओं की शादी लेट होने के कारण 30 के बाद मां बन पाती है, इससे भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है।
- फैमिली हिस्ट्री - जिन महिलाओं के परिवार में किसी को ब्रेस्ट या ओवरी कैंसर हुआ है, उनमें रिस्क ज्यादा रहता है।
- हार्मोनल थेरेपी या बर्थ कंट्रोल पिल्स - लगातार बर्थ कंट्रोल पिल्स या हार्मोनल थेरेपी के कारण भी इसका रिस्क काफी बढ़ जाता है।
- मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ना - अगर किसी महिला के फैट टिशू में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है, तो कैंसर सेल्स में बढ़ोतरी हो सकती है।
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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
डॉ. निरंजन कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों को समझना और समय पर डॉक्टर से इलाज कराना बहुत महत्वपूर्ण है।
- ब्रेस्ट में गांठ या हार्ड महसूस होना
- निप्पल से डिस्चार्ज आना
- ब्रेस्ट में दर्द और भारीपन महसूस होना
- ब्रेस्ट की त्वचा में सिकुड़न या गड्ढा पड़ना
- निप्पल का अंदर की ओर मुड़ जाना
- त्वचा पर लालिमा या घाव
- वजन कम होना, थकान, या सांस फूलना
निष्कर्ष
ब्रेस्ट कैंसर आज महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और WHO के आंकड़ों से काफी हद तक प्रमाणमित भी हो रहा है। इसलिए महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने के कारणों और इसके लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत है, तभी इसके मामलों में कमी आ सकती है। Breast Cancer Awareness Month के मौके पर डॉक्टर्स से लेकर सरकार सभी को ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना चाहिए।
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Current Version
Oct 09, 2025 11:56 IST
Modified By : Aneesh RawatOct 09, 2025 11:55 IST
Published By : Aneesh Rawat