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मह‍िलाओं में क्यों बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा? जानें शुरुआती लक्षण और बचाव के उपाय

महिलाओं में बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर का कारण बदलती जीवनशैली, मोटापा, देर से मातृत्व और कम स्तनपान जैसी आदतें हैं। समय पर जांच जरूरी है।
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मह‍िलाओं में क्यों बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा? जानें शुरुआती लक्षण और बचाव के उपाय


आजकल ब्रेस्‍ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में आजादी के बाद से राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (National Cancer Registry Programme, NCRP) द्वारा अध्ययन संचालित किया गया है, जो 1988 से 2013 तक स्तन कैंसर के रुझानों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। भारत में स्तन कैंसर के मामले वर्ष 1988 से 2013 तक निरंतर वृद्धि दर्शाते हैं। यह बढ़ती प्रवृत्ति जीवनशैली में बदलाव, शहरीकरण, ज्‍यादा बीएमआई, देरी से मां बनना और कम स्तनपान जैसे जोखिम-कारकों से जुड़ी है।
Dr. Sudha Sinha, Clinical Director & HOD, Medical Oncology Sr. Consultant, Medical Oncology & Hemato-Oncology, Yashoda Hospitals, Hyderabad ने बताया क‍ि आज के समय में तकनीक ने मेड‍िकल साइंस को नई राह दी है। स्क्रीनिंग, जागरूकता और डायग्नोसिस तकनीकों में प्रगति के कारण हम अब ज्‍यादा कैंसर के मामले, वह भी शुरुआती चरण में, पकड़ पा रहे हैं। हालांकि इससे इलाज के नतीजे बेहतर हुए हैं, लेकिन यह मामलों में दिख रही तेज ग्रोथ को पूरी तरह नहीं समझाता। सुधार की काफी गुंजाइश है, क्योंकि भारत के कुछ क्षेत्रों में केवल 40 % ब्रेस्ट कैंसर के मामले शुरुआती चरण में पकड़े जाते हैं, जबकि पश्चिमी देशों में यह आंकड़ा 80 % तक है।

ब्रेस्‍ट कैंसर के शुरुआती लक्षण- Early Signs Of Breast Cancer

  • सीडीसी (Centers For Disease Control and Prevention, CDC) के अनुसार, स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों में स्तन या बगल में नई गांठ और स्तन के आकार में बदलाव शामिल हैं।
  • स्तन में दर्द या नि‍प्‍पल से दूध के अलावा कोई अन्य प्रकार का डिस्चार्ज भी चेतावनी का संकेत हो सकता है।
  • ये लक्षण हमेशा ज्ञात नहीं होते, कई बार महिलाएं इन्हें अनदेखा कर देती हैं जब तक कि वे स्थाई या ज्‍यादा गंभीर न बन जाएं।
  • इसलिए, किसी भी असामान्य बदलाव पर समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना चाह‍िए।

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मह‍िलाओं में क्यों बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा?- Why Breast Cancer Cases Are Rising

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Dr. Sudha Sinha ने बताया क‍ि कई बार उनसे यह सवाल पूछा जाता है क‍ि अचानक से ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से क्‍यों बढ़ रहे हैं? खासकर कम उम्र की मह‍िलाओं में।

Dr. Sudha Sinha के मुताब‍िक, इस सवाल का जवाब आसान नहीं है। इसमें सामाज‍िक, पर्यावरण, जेनेट‍िक और लाइफस्‍टाइल से जुड़े कई कारण शामिल हैं। पहले यह माना जाता था कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ 50 साल से ऊपर की महिलाओं को होता है, लेकिन चिंताजनक आंकड़े बताते हैं कि यह बीमारी अब 20, 30 और 40 की उम्र की महिलाओं में भी देखने को म‍िल रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण शहरीकरण से जुड़ी जीवनशैली में बदलाव है, जैसे- मोटापा, पूरे द‍िन बैठने की आदत, हाई-फैट डाइट और प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा इस्तेमाल वगैरह।

खासकर मोटापा, एस्ट्रोजेन लेवल बढ़ाता है और हार्मोन का संतुलन बिगाड़ देता है, जिससे कुछ तरह के ब्रेस्ट कैंसर बनने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बार-बार धूम्रपान और एल्‍कोहल का सेवन करने से भी खतरा बढ़ता है। रिसर्च बताती है कि ज्यादा धूम्रपान या सिर्फ एक पैग का सेवन रोज करने से भी ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम 30 से 50 तक बढ़ सकता है।

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स्तनपान के जर‍िए ब्रेस्ट कैंसर से बचाव संभव है- Breastfeeding Can Prevent Breast Cancer

प्रजनन से जुड़े फैसले लेना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आजकल की महिलाएं कम बच्चे चाहती हैं और मातृत्व को देर से अपनाती हैं, जिससे स्तनपान का समय कम हो जाता है, जबकि स्तनपान को ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए फायदेमंद माना गया है। मासिक धर्म जल्दी शुरू होना (अर्ली पीर‍ियड्स) और रजोनिवृत्ति देर से होना (लेट मेनोपॉज) शरीर में लंबे समय तक एस्ट्रोजेन का असर बढ़ा देता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है।

गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन कम करें- Reduce Birth Control Pills Intake For Breast Cancer Prevention

जेनेटिक्स का भी बड़ा असर होता है, BRCA1 और BRCA2 जैसी वंशानुगत म्यूटेशन, ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक हैं। फिर भी, बढ़ते मामलों के पीछे मुख्य कारण वे जोखिम हैं जिन्हें जीवनशैली में बदलाव करके कम किया जा सकता है। हार्मोनल गर्भनिरोधक का लंबे समय तक इस्तेमाल, खासकर पांच साल से ज्‍यादा, ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता है और इसका असर दवा बंद करने के बाद भी लगभग दस साल तक रह सकता है।

ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाने के ल‍िए इन ट‍िप्‍स को अपनाएं- Tips For Breast Cancer Prevention

ब्रेस्‍ट कैंसर के रोकथाम और समय पर पहचान सबसे बेहतर रणनीतियां हैं। ब्रेस्‍ट कैंसर से बचने के ल‍िए ये उपाय अपनाएं-

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें
  • एल्‍कोहल का सेवन सीमित करें
  • नियमित एक्‍सरसाइज करें
  • स्तनपान को अपनाएं
  • सेल्‍फ ब्रेस्‍ट एग्‍जाम‍िनेशन करें
  • 35 से 40 वर्ष की आयु के बीच वार्षिक स्क्रीनिंग कराएं
  • आहार में बदलाव जैसे- शाकाहारी भोजन अपनाने पर विचार करें।

न‍ि‍ष्‍कर्ष:
ब्रेस्‍ट कैंसर का इलाज करने के साथ-साथ हमारा दायित्व है कि हम महिलाओं को जागरूक करें, शिक्षित करें और उन्‍हें जीवन में सेहत के प्रत‍ि सक्रिय निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करें। आखिरकार, ब्रेस्‍ट कैंसर जैसे बढ़ते खतरे से निपटने के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी और जनस्वास्थ्य पहल, दोनों की जरूरत है।

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FAQ

  • ब्रेस्ट कैंसर कैसे शुरू होता है?

    जब स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और गांठ या ट्यूमर बनाती हैं, तब स्‍तन में ब्रेस्‍ट कैंसर होती है।
  • ब्रेस्ट कैंसर के 3 स्टेज में क्या होता है?

    स्टेज 1 में ट्यूमर छोटा होता है, स्टेज 2 में बड़ा या लिम्फ नोड्स में फैलाव होता है, स्टेज 3 में आसपास के टि‍शूज तक कैंसर फैल जाता है। 
  • घर पर ब्रेस्ट कैंसर कैसे चेक करें?

    शीशे के सामने खड़े होकर हाथ से स्तनों की गांठ, आकार या त्वचा में बदलाव की मासिक जांच करें। अगर आपको लगे क‍ि ब्रेस्‍ट के साइज या रंग में बदलाव है, तो चेकअप कराएं और दर्द को नजरअंदाज न करें।

 

 

 

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