Breast Cancer Awareness Month: ये 5 जोखिम कारक बढ़ाते हैं ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क, डॉक्टर से जानें

ब्रेस्ट कैंसर की समस्या में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आगे जानते हैं इसके जोखिम को बढ़ाने वाले कारक
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Breast Cancer Awareness Month: ये 5 जोखिम कारक बढ़ाते हैं ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क, डॉक्टर से जानें


आज के समय में ब्रेस्ट कैंसर एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। दरअसल हर साल दुनियाभर की लाखों महिलाएं इससे प्रभावित हो रही हैं। डॉक्टर्स की मानें तो यदि इसकी पहचान शुरुआती दौर में हो जाए तो इसकी रोकथाम की जा सकती है। लेकिन, यदि यह रोग गंभीर हो गया है, तो ऐसे में डॉक्टर्स को इलाज करने में कई मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है। कुछ स्टेज में यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में ऐसे कुछ कारक बताने जा रहे हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसलिए आपको इस बीमारी के प्रति जागरुक होना होगा और समय रहते डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज शुरू कराना चाहिए। 

ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ाने वाले कारक - Factors That Can Increase Breast Cancer Risk In Hindi

अधिक उम्र होना

बढ़ती उम्र ब्रेस्ट कैंसर का एक जोखिम कारक मानी जा सकती है। दरअसल, डॉक्टरों के मुताबिक महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। इसलिए अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर के केस 50 साल के बाद ही प्रकाश में आते हैं। इस वजह से डॉक्टर महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राम और सेल्फ ब्रेस्ट जांच पर जोर देते हैं। 

प्रजनन कारक

सीडीसी के मुताबिक प्रारंभिक मेनोपॉज, मेनोपॉज में देरी, अधिक उम्र में गर्भधारण करना, जैसे प्रजनन कारक स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। मेनोपॉज में 1 वर्ष की देरी से स्तन कैंसर का खतरा 3 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

factor of breast cancer

रेडिएशन थेरेपी

जो महिलाएं 30 की आयु के बाद पहले कभी रेडिएशन थेरेपी से गुजरी होती है, उनको ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार कुछ रोग का इलाज करने के लिए डॉक्टर रेडिएशन थेरेपी की सलाह देते हैं। ऐसे में रेडिएशन थेरेपी से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। 

जेनेटिक कारक

वंशानुगत आनुवंशिक बदलाव (विशेष रूप से बीआरसीए1 और बीआरसीए2 जीन में) स्तन कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा सकते हैं। जीन में बदलाव के कारण महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बहुत अधिक होती है। 

हार्मोनल बदलाव

ब्रेस्ट कैंसर के खतरे में हार्मोनल कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समय से पहले पीरियड्स आना या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के कारण लंबे समय तक एस्ट्रोजन के उच्च स्तर के संपर्क में रहने वाली महिलाओं को इस तरह कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। हार्मोन को कंट्रोल रखने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह दी जाती है। 

लाइफस्टाइल से जुड़े कुछ अन्य कारक 

  • शराब का सेवन
  • धूम्रपान
  • मोटापा
  • शारीरिक कार्य कम करना, आदि। 

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ब्रेस्ट कैंसर होने पर महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जबकि कैंसर के इलाज के बाद भी महिलाओं को कई तरह की सावधानियांं लेनी चड़ती है। ऐसे में आपको पहले से ही इस रोग के प्रति जागरुक रहना चाहिए और सेहत को बेहतर करने के लिए एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल में शामिल करनी चाहिए। 

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