क्या स्तनपान कराने से कम होता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा? जानें एक्सपर्ट की राय

Breastfeeding week 2021 के इस अवसर पर हम जानेंगे कि कैसे स्तनपान कराने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है। 
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क्या स्तनपान कराने से कम होता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा? जानें एक्सपर्ट की राय

शिशु को जन्म देने के बाद स्तनपान करवाना सिर्फ नवजात बच्चे के लिए ही जरूरी नहीं है बल्कि, स्तनपान करवाने वाली मां के लिए भी फायदेमंद है। जी हां, बच्चे को स्तनपान करवाना एक महिला के लिए बेहद जरूरी है। दरअसल, बच्चे को स्तनपान करवाने से टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो जाता है। पर इससे भी ज्यादा स्तनपान का सबसे बड़ा फायदा है ब्रेस्ट कैंसर ( Breastfeeding reduces risk of breast cancer) से बचाव। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसे समय से पहचान कर इलाज करवाना बेहद जरूरी है। पर साइंस और कुछ अध्ययन बताते हैं कि ब्रेस्ट फीडिंग करवाने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है। इसी बारे में हमने डॉ. इंदु तनेजा (Indu Taneja), विभागाध्यक्ष और निदेशक, स्त्री रोग, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, फरीदाबाद से बात की।  

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स्तनपान कराने से कैसे कम होता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा- How breastfeeding reduces risk of breast cancer?

डॉ. इंदु तनेजा (Indu Taneja) की दौरान, महिलाओं में कुछ ऐसे हार्मोन का प्रोडक्शन होता है जो कि कैंसर सेल्स के विकास को रोकते हैं। जो माताएं स्तनपान कराती हैं, उनमें मेनोपॉज से पहले या  मेनोपॉज के बाद स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। पर अगर वो छह महीने या इससे अधिक समय तक स्तनपान कराती हैं तो, उन्हें इससे ज्यादा सुरक्षा मिलती है। दरअसल, स्तनपान करवाने से एस्ट्रोजन (estrogen) का स्तर कम होता है, जिससे कि ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है। ये इसलिए होता है क्योंकि स्तनपान करवाने से शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे की मेंस्ट्रुअल साइकिल की वापसी में देरी होती है। यह एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन के प्रोडक्शन को भी कम कर देते हैं, जो स्तन कैंसर (breast cancer) और  ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) के बढ़ते जोखिम को कम करता है। 

इसके अलावा गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान, आप स्तन के टिशूज को भी बहाते हैं। यह टिशूज का  बहाव संभावित डीएनए क्षति के साथ कोशिकाओं को हटाने में मदद कर सकता है। इस प्रकार ये स्तन कैंसर के विकास की संभावनाओं को कम करने में मदद करता है। साथ ही स्तनपान ओवुलेशन को रोककर आपके ओवरी  के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। और जितना आपका ओवुलेशन कम होगा यानी कि ओवरी में एग कम रिलीज होगा उतना ही एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन कम होगा। इस तरह शरीर की असामान्य कोशिकाएं, एस्ट्रोजन के संपर्क में कम आएंगी और इनके कैंसर सेल (cancerous cells) बनने का खतरा कम रहेगा। 

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ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कब तक स्तनपान करवाएं?

'द लैंसेट' द्वारा किए गए शोध की मानें, तो शिशु को लंबे समय स्तनपान करवाना फायदेमंद है। यानी कि 6 महीने और इससे ज्यादा भी। कोशिश करें कि कम से कम एक वर्ष तक या जब तक मां और बच्चा दोनों चाहते हैं तब तक स्तनपान करवाएं। 

ब्रेस्टफीडिंग के फायदे- Breastfeeding benefits in hindi

स्तनपान मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। बात अगर बच्चे के लिए स्तनपान के फायदे (breast milk benefits for babies) की करें, तो मां का दूध शिशुओं के लिए आदर्श पोषण प्रदान करता है। इसमें विटामिन, प्रोटीन और वसा का लगभग सही मिश्रण होता है, जो कि आपके बच्चे को बढ़ने के लिए चाहिए। ये फार्मूला मिल्क  की तुलना में अधिक आसानी से बच्चे को पच जाता है। साथ ही मां के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो आपके बच्चे को वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं, जो कि कई बीमारियों से आपके बच्चे को बचा सकता है। जैसे कि 

  • -अस्थमा
  • - मोटापा
  • - कान और श्वसन संक्रमण
  • - अचानक शिशु मृत्यु (Sudden infant death syndrome)
  • - -दस्त और उल्टी जैसे संबंधी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन के जोखिम कम करता है।

वहीं, बात अगर स्तनपान करवाने वाली मां के स्वास्थ्य लाभ की करें, तो वो शिशु को स्तनपान करवा कर कई बीमारियों के जोखिम से बच सकती हैं। जैसे कि

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इसके अलावा कुछ अध्ययनों से ये भी मालूम चलता है कि मां का दूध पीने वाले बच्चे का IQ लेवल बहुत अच्छा होता है। ऐसे बच्चे दिमाग से तेज होते हैं। इसके अलावा, स्तनपान मां और बच्चे दोनों में एक खास रिश्ता बनाती है। ये त्वचा से त्वचा का स्पर्श और आंखों का संपर्क पैदा करती है जिससे बच्चा सुरक्षित महसूस करता है और स्वस्थ रहता है। तो, महिलाएं अपने बच्चे के लिए ही नहीं अपने स्वास्थ्य के लिए भी शिशु को स्तनपान जरूर करवाएं। 

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